हिंसा के खिलाफ FightBack

घरेलू हिंसा

दिल्ली, कठुआ, उन्नाव, हाथरस, कोलकाता, बदलापुर, अकोला और ना जाने कहां-कहां। सिर्फ हेडलाइन्स नहीं अब है आंदोलन का हिस्सा बनना। अब भारत की महिलाएं करेंगी FightBack

ऑनलाइन अपराध

दिल्ली, कठुआ, उन्नाव, हाथरस, कोलकाता, बदलापुर, अकोला और ना जाने कहां-कहां। सिर्फ हेडलाइन्स नहीं अब है आंदोलन का हिस्सा बनना। अब भारत की महिलाएं करेंगी FightBack

यौन शोषण

दिल्ली, कठुआ, उन्नाव, हाथरस, कोलकाता, बदलापुर, अकोला और ना जाने कहां-कहां। सिर्फ हेडलाइन्स नहीं अब है आंदोलन का हिस्सा बनना। अब भारत की महिलाएं करेंगी FightBack

आए दिन न्यूजपेपर में दिखने वाली हेडलाइन्स किसी महिला के लिए जिंदगी की खौफनाक यादें होती हैं। खबरों में दिखने वाले आंकड़े, असल जिंदगी में महिलाओं के नाम होते हैं। बच्ची से लेकर बूढ़ी तक, हर महिला के साथ हुई है कोई ना कोई घटना।

हर महिला ने एब्यूज के रूप में झेली है हार, लेकिन यह नहीं है स्वीकार। आइए मिलकर करते हैं FightBack...

हम क्यों करें FightBack?

आपके शहर में क्राइम

National Crime Records Bureau (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट कहती है कि कोलकाता अभी भी सबसे सुरक्षित शहर है। 1 लाख लोगों में 103 केस होते हैं। जब कोलकाता में ऐसा केस हुआ, तो सोचिए बाकी शहरों का हाल...

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साल भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज
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FIR हर घंटे हुई। हर 16 मिनट में होता है एक रेप

दिल्ली

  • महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर
  • साल भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 18596
  • महिलाओं के खिलाफ क्राइम रेट 186.9
  • क्राइम : यौन उत्पीड़न, बलात्कार, कत्ल, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, शोषण
Source : NCRB Data, Observer Research Foundation

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स और रीडर्स

Tanisha RK

“Rape is not something that stems from a maddening lust or desire to be intimate with someone, it’s a show of power. Rape is the desire to humiliate, degrade, and abuse power over another."

Source:
Sex Educator, Chief of Social
Voice & co-founder of Sangya Project
In an interview to HerZindagi, 2024

Kala Balasubramanian

"Movies often glorify the hero ogling at the heroine, harassing her, and later on the woman falling in love with the hero. Many times when a woman refuses a man, it is unacceptable to the man. It can show up in violence or aggression, which is glorified in the society."

Source:
Psychotherapist, Inner Dawn CounsellingIn an interview to HerZindagi, 2024

Dr Shruti Kapoor

"We always apply quick-fix bandages to the problem rather than addressing the core issues. Quick fixes like the death penalty or setting up the funds that often go unused, won’t solve the core issues. Women are not treated with respect in our country."

Source:
Founder of SayftyIn an interview to HerZindagi, 2024

बदलाव के लिए एक नया प्लेटफॉर्म

0महिलाओं को सुरक्षा के लिए कब तक करना पड़ेगा इंतजार? सुरक्षा कोई मजाक नहीं हक है हमारा, पढ़िए ऐसी महिलाओं की कहानियां जिन्होंने अपने सम्मान के लिए किया Fightback और बदला समाज का नजरिया। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें Herzindagi Fightback पेज पर और बनें इस पहल का हिस्सा। #Fightback

आपका Pledge बहुत महत्वपूर्ण है! इस अभियान के तहत एकत्र की गई सभी Pledge महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के महत्वपूर्ण लोगों तक पहुंचाए जाएंगे, ताकि मिलकर बदलाव लाया जा सके।

National Commission for Women Helpline
अपनी जगह को बनाएं सुरक्षा का प्रतीक। जुड़े HerZindagi.com की Fight Back कैम्पेन से और अपने स्थान को एक डिजिटल सेफ ज़ोन के रूप में हमारे साथ HerZindagi.com पर नामित करें। साथ मिलकर हम बनाएंगे महिलाओं के लिए एक सुरक्षित दुनिया। बढ़ाएं अपना कदम और बनें बदलाव की पहल।
मायने रखती है आपकी आवाज। अगर आपने झेली है हिंसा, तो शेयर करें अपनी कहानी। आपकी कहानी बन सकती है भारत की लाखों महिलाओं की प्रेरणा और कर सकती है इंसाफ दिलाने में मदद। अब वक्त है खुलकर बोलने और बदलाव बनने का। अकेली नहीं हैं आप, आइए मिलकर करते हैं एक सुरक्षित भविष्य की पहल।
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