डिजिटल युग में तकनीक ने हमारी जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है, इसमें कोई दो राय नहीं हैं। लेकिन, तकनीक की इस दुनिया में हर दिन धोखाधड़ी, चालबाजी और ब्लैकमेलिंग जैसी चीजें भी एक क्लिक की दूरी पर आ गई हैं। आपका एक क्लिक जिंदगीभर के लिए परेशानियों को न्योता दे सकता है। जी हां, आज हम धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के ऐसे तरीके के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसका जिक्र पिछले दिनों सोशल मीडिया पर खूब देखने को मिला है और वह है हनी ट्रैप। हनी ट्रैप, एक ऐसा जाल है जिसमें मासूम लोग अपनी भावनाओं या इच्छाओं की वजह से फंस जाते हैं और फिर जीवनभर के लिए पछताते रह जाते हैं। आइए, यहां आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर हनी ट्रैप क्या है और इससे कैसे सेफ रहा जा सकता है।
हनी ट्रैप का सीधा-सीधा मतलब है कि किसी व्यक्ति को प्यार, रोमांस या अट्रैक्शन का झांसा देकर फंसाना और फिर दबाव बनाना, ब्लैकमेल करना और उससे गलत काम करवाना। एक समय था जब हनी ट्रैप किसी पार्टी से शुरू होता था और होटल के कमरों में जाकर अंजाम दिया जाता था। लेकिन, डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर भी हनी ट्रैप में फंसाया जाता है।
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सोशल मीडिया ऐप्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डिन या डेटिंग ऐप्स के जरिए हनी ट्रैप फैलाया जाता है। इसमें ज्यादातर खूबसूरत महिलाएं या आकर्षक पुरुष शामिल होते हैं, जो लोगों को अपनी बातों में फंसाते हैं और फिर ब्लैकमेलिंग का काला खेल शुरू करते हैं।
हनी ट्रैप तीन स्टेज में काम करता है, जिसमें पहला स्टेज कॉन्टेक्ट बनाना और विश्वास जीतना है। पहले इसमें आपसे दोस्ती की जाती है और बातों में ऐसा फंसाया जाता है, जिससे आप सामने वाले पर अंधा विश्वास करने लग जाएं।
दूसरे स्टेज में इमोशनल कनेक्शन बनाया जाता है। विश्वास जीतने के बाद इमोशनली कनेक्ट होना आसान होता है, जहां पहले प्यार के रंग दिखाए जाते हैं और फिर बातचीत को प्राइवेट लेवल पर पहुंचा दिया जाता है। इसमें कई बार शारीरिक संबंध भी शामिल होते हैं और इसी दौरान फ्रॉड तस्वीरें, वीडियो या कॉल्स को रिकॉर्ड कर लेता है।
तीसरे स्टेज में ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू होता है। तस्वीरों, वीडियो या कॉल्स के जरिए फ्रॉड की तरफ से ब्लैकमेल किया जाता है और आप इज्जत बचाने के लिए सामने वाले की बात मानते चले जाते हैं।
सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स या किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अजनबी लोगों से दूरी बनाकर रखना ही फायदेमंद होता है। ऐसे में अगर आप किसी से कनेक्ट भी होती हैं, तो उसपर तुरंत विश्वास न करें।
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लोगों से कनेक्ट होना एक बार के लिए अच्छा हो सकता है। लेकिन, हाल-फिलहाल जिंदगी में आए लोगों के साथ प्राइवेट जानकारी शेयर न करें। अपना पता, ऑफिस की जानकारी, बैंकिंग की डिटेल्स, सोशल मीडिया के पासवर्ड आदि भूलकर भी शेयर नहीं करने चाहिए।
अगर आप नए दोस्तों से फोन या वीडियो कॉल पर बात करती हैं, तो अपने हर शब्द और बात को सोच समझकर बोलें। क्योंकि, हो सकता है कि सामने वाला रिकॉर्डिंग कर रहा हो और फिर बाद में वह आपको ब्लैकमेल करे।
हनी ट्रैप में न फंसने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखना। क्योंकि, डिजिटल दुनिया में भावनाओं में बहना आपके और आपके परिवार, दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।
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