Purnima Tithi 2025: जुलाई के महीने में इस दिन पड़ेगी आषाढ़ पूर्णिमा, यहां लें आने वाली तिथियों समेत पूजा के शुभ मुहूर्त की सही जानकारी

जुलाई का महीना शुरू हो गया है। प्रत्येक माह की ही तरह इसमें भी एक विशेष पूर्णिमा तिथि पड़ रही है, जो आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है। वैसे तो साल 2025 में कुल 12 पूर्णिमा तिथियां होंगी,जो हर महीने के शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन होंगी, लेकिन अगर आप जुलाई की पूर्णिमा तिथि के बारे में जानने के साथ ही मार्गशीर्ष माह तक की सभी तिथियों की जानकारी लेना चाहती हैं तो यहां विस्तार से पढ़ें इसके बारे में।
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हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का अत्यंत विशेष महत्व है, जिसे एक शुभ और पवित्र दिन माना जाता है। यह तिथि प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन पड़ती है और धार्मिक दृष्टिकोण से पूजा, व्रत और दान के लिए इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ होता है और उसका प्रकाश बेहद दिव्य और आकर्षक दिखाई देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

पूर्णिमा तिथि का केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण समुद्र में ऊंचे ज्वार आते हैं, जो इसे प्रकृति की शक्ति का प्रतीक बनाते हैं। साल 2025 में कुल 12 पूर्णिमा तिथियां होंगी और प्रत्येक का अपना अलग महत्व होगा। पूर्णिमा व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए इन तिथियों की जानकारी पहले से होना महत्वपूर्ण है। आइए, ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानिए इस साल 2025 जुलाई माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि कब है। साथ ही आने वाले माह की पूर्णिमा तिथियों व उनके शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार स।

जुलाई 2025 आषाढ़ पूर्णिमा

आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, जो गुरु-शिष्य परंपरा का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इस दिन गुरुओं की पूजा करना और उनका आशीर्वाद लेना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में यह तिथि अध्यात्म, ज्ञान और भक्ति के लिए समर्पित है। साल 2025 में आषाढ़ पूर्णिमा गुरुवार, 10 जुलाई को पड़ेगी।

  • आषाढ़ पूर्णिमा तिथि: 10 जुलाई 2025, गुरुवार
  • आषाढ़ पूर्णिमा प्रारंभ: रात 1:36 बजे, 10 जुलाई
  • आषाढ़ पूर्णिमा समाप्त: रात 2:06 बजे, 11 जुलाई
  • नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा

जनवरी 2025 पौष पूर्णिमा

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हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन उपवास, दान और पूजा-पाठ करने से जीवन में सकारात्मकता और शुभ फल की प्राप्ति होती है। जनवरी 2025 में पौष पूर्णिमा का व्रत सोमवार, 13 जनवरी, को रखा जाएगा। यह पवित्र दिन आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है।

  • पौष पूर्णिमा तिथि: 13 जनवरी, सोमवार
  • पौष पूर्णिमा प्रारंभ: 13 जनवरी, प्रातः 5:03 बजे
  • पौष पूर्णिमा समाप्त: 14 जनवरी, प्रातः 3:56 बजे
  • नक्षत्र: आर्द्रा

फरवरी 2025 माघ पूर्णिमा

माघ पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पवित्र मानी जाती है। इस दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व होता है। माघ माह की पूर्णिमा को स्नान, दान और भगवान विष्णु की आराधना करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। 2025 में माघ पूर्णिमा का व्रत बुधवार, 12 फरवरी को रखा जाएगा। इस दिन धार्मिक कार्यों और साधना का फल कई गुना बढ़कर मिलता है।

  • माघ पूर्णिमा तिथि: 12 फरवरी 2025, बुधवार
  • माघ पूर्णिमा प्रारंभ: शाम 6:55 बजे, 11 फरवरी
  • माघ पूर्णिमा समाप्त: शाम 7:22 बजे, 12 फरवरी
  • नक्षत्र: आश्लेषा

मार्च 2025 फाल्गुन पूर्णिमा

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फाल्गुन पूर्णिमा हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और इसे होली के उत्सव के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन भक्त प्रह्लाद की भक्ति और होलिका दहन की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन पूजा, व्रत और दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। 2025 में फाल्गुन पूर्णिमा शुक्रवार, 14 मार्च को पड़ेगी।

  • फाल्गुन पूर्णिमा तिथि: 14 मार्च 2025, शुक्रवार
  • फाल्गुन पूर्णिमा प्रारंभ: 13 मार्च, प्रातः 10:35 बजे से
  • फाल्गुन पूर्णिमा समाप्त: 14 मार्च, दोपहर 12:23 बजे तक
  • नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी

अप्रैल 2025 चैत्र पूर्णिमा

चैत्र पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का पहला पूर्णिमा व्रत होता है और इसे विशेष रूप से पवित्र और शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जिससे इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। चैत्र पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के साथ व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। 2025 में चैत्र पूर्णिमा का व्रत शनिवार, 12 अप्रैल को रखा जाएगा।

  • चैत्र पूर्णिमा तिथि: 12 अप्रैल 2025, शनिवार
  • चैत्र पूर्णिमा प्रारंभ: 12 अप्रैल, प्रातः 3:21 बजे
  • चैत्र पूर्णिमा समाप्त: 13 अप्रैल, प्रातः 5:51 बजे
  • नक्षत्र: हस्त

जून 2025 ज्येष्ठ पूर्णिमा

ज्येष्ठ पूर्णिमा हिंदू धर्म में विशेष पवित्र तिथि मानी जाती है। इस दिन गंगा दशहरा का पर्व भी मनाया जाता है, जो गंगा नदी के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है। ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत और स्नान करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। 2025 में ज्येष्ठ पूर्णिमा बुधवार, 11 जून को पड़ेगी।

  • ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि: 11 जून 2025, बुधवार
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा प्रारंभ: 10 जून, प्रातः 11:35 बजे
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा समाप्त: 11 जून, दोपहर 1:13 बजे
  • नक्षत्र: ज्येष्ठा

अगस्त 2025 श्रावण पूर्णिमा

श्रावण पूर्णिमा का दिन हिंदू कैलेंडर में बहुत महत्व रखता है। यह दिन रक्षाबंधन के पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भाई अपनी बहन को राखी बांधकर उसे सुरक्षा का वचन देते हैं। इसके अलावा, श्रावण पूर्णिमा पर विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है, जो इस दिन अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। साल 2025 में श्रावण पूर्णिमा शनिवार, 9 अगस्त को पड़ेगी।

  • श्रावण पूर्णिमा: 9 अगस्त 2025, शनिवार
  • श्रावण पूर्णिमा प्रारंभ: दोपहर 2:12 बजे, 8 अगस्त
  • श्रावण पूर्णिमा समाप्त: दोपहर 1:24 बजे, 9 अगस्त
  • नक्षत्र: श्रवण

सितंबर 2025 भाद्रपद पूर्णिमा

भाद्रपद पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से धार्मिक महत्व रखता है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पूर्णिमा न केवल विशेष पूजा-अर्चना का अवसर है, बल्कि यह समय आत्मिक शांति और सकारात्मकता प्राप्त करने के लिए भी आदर्श होता है। 2025 में भाद्रपद पूर्णिमा रविवार, 7 सितंबर को पड़ेगी।

  • भाद्रपद पूर्णिमा तिथि: 7 सितंबर 2025, रविवार
  • भाद्रपद पूर्णिमा प्रारंभ: रात 1:41 बजे, 7 सितंबर
  • भाद्रपद पूर्णिमा समाप्त: रात 11:38 बजे, 7 सितंबर
  • नक्षत्र: शतभिषा

अक्टूबर 2025 शरद पूर्णिमा

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शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे खासतौर पर भगवान कृष्ण और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह पूर्णिमा खासतौर पर अपनी शीतल चंद्रमा की रोशनी और रात्रि को मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा का पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है, जहां लोग चंद्रमा की पूजा करके उसकी चांदी जैसी रोशनी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 2025 में शरद पूर्णिमा मंगलवार, 7 अक्टूबर को पड़ेगी।

  • शरद पूर्णिमा तिथि: 7 अक्टूबर 2025, मंगलवार
  • शरद पूर्णिमा प्रारंभ: दोपहर 12:23 बजे, 6 अक्टूबर
  • शरद पूर्णिमा समाप्त: सुबह 9:16 बजे, 7 अक्टूबर
  • नक्षत्र: रेवती

नवंबर 2025 कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि होती है, जो विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह दिन विशेष रूप से दीपदान, स्नान और पूजा का महत्व रखता है। कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष रूप से भगवान शिव, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही, इस दिन गंगा स्नान और दान का महत्व भी अत्यधिक होता है। 2025 में कार्तिक पूर्णिमा बुधवार, 5 नवंबर को पड़ेगी।

  • कार्तिक पूर्णिमा तिथि: 5 नवंबर 2025, बुधवार
  • कार्तिक पूर्णिमा प्रारंभ: 4 नवंबर, रात 10:36 बजे
  • कार्तिक पूर्णिमा समाप्त: 5 नवंबर, शाम 6:48 बजे
  • नक्षत्र: अश्विनी

दिसंबर 2025 मार्गशीर्ष पूर्णिमा

मार्गशीर्ष पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि होती है, जो विशेष रूप से उपवास, पूजा और दान का दिन माना जाता है। इस दिन को विशेष रूप से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से तत्त्वों का संतुलन और ग्रहों का प्रभाव शुभ माना जाता है, जिससे यह दिन व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लेकर आता है। 2025 में मार्गशीर्ष पूर्णिमा गुरुवार, 4 दिसंबर को पड़ेगी।

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि: 4 दिसंबर 2025, गुरुवार
  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा प्रारंभ: सुबह 8:37 बजे, 4 दिसंबर
  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा समाप्त: सुबह 4:43 बजे, 5 दिसंबर
  • नक्षत्र: कृतिका

इस साल पड़ने वाली सभी पूर्णिमा तिथियों का अलग महत्व है। यहां दी गई जानकारी से आप भी अपने व्रत की योजना बना सकते हैं।

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Images: Freepik.com

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FAQ

  • जुलाई में आषाढ़ पूर्णिमा कब है?

    जुलाई, 2025 में आषाढ़ पूर्णिमा गुरुवार, 10 जुलाई को पड़ रही है।
  • आषाढ़ पूर्णिमा का महत्व क्या है?

    आषाढ़ पूर्णिमा, जुलाई महीने के शुक्ल पक्ष के आखिरी दिन चंद्रमा पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में मनाई जाती है।