Hema Committee Report: आखिर क्या है हेमा कमेटी रिपोर्ट? फिल्म इंडस्ट्री की महिलाओं के लिए करती है काम

What Is Hema Committee Report: देश-दुनिया के सभी फिल्म इंडस्ट्री पर कोई न कोई आरोप लगते ही रहते हैं। वहीं, हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद फिल्म इंडस्ट्री पर सवाल उठ रहे हैं। आइए हम आपको इस बारे में बताते हैं। साथ ही, हेमा कमेटी और उसकी रिपोर्ट क्या है यह भी जानेंगे।

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Justice Hema Committee Report: फिल्म इंडस्ट्री को लेकर आए दिन भाई-भतीजावाद और कास्टिंग काउच से लेकर महिलाओं के शोषण तक के आरोप अक्सर लगते रहते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की एंट्री और उनके काम को लेकर कहा जाता है कि इसे कुछ पुरुष निर्माता, निर्देशक और अभिनेता नियंत्रित करते हैं। वही तय करते हैं कि किसे काम दिया जाए और किसे नहीं। कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां इंडस्ट्री के कुछ लोग ही कलाकारों के पीछे पड़कर उनका करियर तबाह कर देते हैं। इसी बीच आजकल एक हेमा कमेटी की चर्चा सोशल मीडिया पर जमकर चल रही है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि आखिर हेमा कमेटी रिपोर्ट क्या है और यह फिल्म इंडस्ट्री के खिलाफ कैसे काम करती है।

हेमा कमेटी रिपोर्ट क्या है?

What Is Hema Committee Report

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं पर हो रहे शोषण से उन्हें बचाने और समझौता करने के लिए हेमा कमेटी रिपोर्ट लाई गई थी। फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के ओर से कई बार ये आरोप लगाए गए थे कि उन्हें काम के बदले उनसे अनैतिक डिमांड किया जाता है। इसी को लेकर सरकार ने एक पुराने केस और बाकी इंडस्ट्री में महिला सुरक्षा से जुड़े हर एक बिंदुओं पर रिसर्च के लिए 2019 में न्यायमूर्ति हेमा समिति का गठन किया था। इस समिति के माध्यम से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाएं जो फेस करती हैं, उन मुद्दों पर अध्ययन किया गया। फिर, इस रिपोर्ट के जरिए महिलाओं के यौन उत्पीड़न, शोषण और दुर्व्यवहार से संबंधित जरुरी डिटेल्स को एक्सपोज किया गया। मूल रूप से हेमा कमेटी रिपोर्ट का यही काम होता है। बता दें कि इस रिपोर्ट को केरल सरकार की ओर से अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया था, लेकिन आरटीआई अधिनियम के तहत 19 अगस्त 2024 को ये रिपोर्ट जारी करना पड़ गया।

हेमा कमेटी का गठन कैसे हुआ?

14 फरवरी 2017 को मलयालम फिल्मों की एक मशहूर अभिनेत्री अपनी कार से कोच्चि जा रही थी। तभी उन्हें अगवा करके उन्हीं की कार में यौन उत्पीड़न किया गया था। इसके बाद पुलिस ने 6 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई थी। इस वारदात के बाद से मलयालम सिनेमा इंडस्ट्री में महिला कलाकारों की सुरक्षा और काम की शर्तों को लेकर आवाज उठने लगे थें। ये आंदोलन काफी तेज होता जा रहा था, जिसके कारण मुख्यमंत्री ने वारदात के पांच महीने बाद जुलाई में केरल हाईकोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस हेमा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया।

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हेमा कमेटी रिपोर्ट से क्या-क्या आया सामने?

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इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री का पूरा सच सामने आया है। इसके अनुसार, मलयालम सिनेमा में महिलाओं के प्रति गलत नजरिया भी देखने को मिला है। रिसर्च के बाद इसमें कहा गया कि निर्देशक और निर्माताओं द्वारा अक्सर मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की महिलाओं पर शोषण के लिए दबाव डाला गया है। जो महिलाएं इन निर्माता-निर्देशकों की शर्तों से सहमत हो जाती हैं, उन्हें कोड नाम दिया जाता है। इस रिपोर्ट में फिल्मों में भूमिका के लिए अपनी ईमानदारी के साथ समझौता करने वाली ऐसी कई महिलाओं के बयान सामने आए हैं।

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Image credit- Herzindagi

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