बेंगलुरु का एक वायरल वीडियो अपने साथ कई सवाल लेकर आया है। ये सवाल हैं महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े, ये सवाल हैं नेताओं से जुड़े और ये सवाल हैं दोषियों की सजा से जुड़े। बेंगलुरु में 3 अप्रैल की रात की एक घटना है जहां भारती लेआउट (Bharati Layout) इलाके में रात के समय दो लड़कियां जा रही थीं।
वहीं पीछे से छुपकर एक लड़का आया और उनमें से एक लड़की को दबोच लिया। उसके अंगों को हाथ लगाया और जब लड़कियों ने विरोध करना शुरू किया तो वह भाग गया। ये किसी फिल्म के सीन जैसा लग रहा होगा, लेकिन जरा सोचिए जिस लड़की के साथ यह हुआ है उसे कैसा लगा होगा।
पुलिस ने दर्ज किया बेंगलुरु मॉलेस्टेशन का केस
पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा के वायरल वीडियो के आधार पर एक संदिग्ध व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जिस समय का यह वीडियो है उस समय गली में सिर्फ वही दो लड़कियां घूम रही थीं। वो अपने घर के पास ही थीं और शायद वॉक करने निकली हों।
इस मामले में दोषी और विक्टिम दोनों की ही पहचान खबर लिखने तक नहीं हो पाई थी। क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में दोनों के चेहरे नहीं दिख रहे थे। बेंगलुरु पुलिस ने स्टॉकिंग और सेक्शुअल हैरेसमेंट के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। जब तक विक्टिम का पता नहीं लगता, तब तक आधिकारिक रूप से एफआईआर दर्ज नहीं करवाई जा सकती है।
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कर्नाटक मिनिस्टर के बयान की हो रही है आलोचना
जहां एक ओर देश में बढ़ रहे मॉलेस्टेशन और सेक्शुअल हैरेसमेंट के मामलों ने महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर मिनिस्टर्स के बयान अभी भी आदिकाल के ही लगते हैं।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद कर्नाटक के होम मिनिस्टर जी परमेशन्वरा ने इस घटना के बारे में संसद में कहा कि 'पुलिस लगातार बारिश और सर्दी में भी अपना काम कर रही है, इसलिए बेंगलुरु में अभी भी शांति है। बेंगलुरु जैसे बड़े शहर में, इधर-उधर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'पुलिस को हिदायत दी गई है कि इस जगह की पेट्रोलिंग लगातार हो।'
उनके बयान के बाद यह माना जा रहा है कि मंत्री जी इस घटना को बहुत ही छोटा मान रहे हैं। उनके हिसाब से यह घटना बड़ी नहीं है और ऐसी घटनाएं बेंगलुरु में होती ही रहती हैं।
A humble request to all women in #Bengaluru:
— Citizens Movement, East Bengaluru (@east_bengaluru) April 7, 2025
Please avoid going out alone at night. This city is no longer safe for women. Miscreants seem to have lost all fear of @BlrCityPolice @CPBlr.
The eve-teasing incident from late Thursday night in BTM is truly harrowing. pic.twitter.com/8z1hWVHIGm
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क्या आम है मोलेस्टेशन की यह घटना?
दिक्कत यह है कि लोग इस तरह की घटनाओं को आम मानकर चलते हैं, लेकिन ये घटनाएं आम नहीं होती हैं। कोई लड़की अगर अपने घर के बाहर टहल रही है, तो उसे आकर छेड़ देना अगर आम घटना बन जाएगी, तो फिर लड़कियों की सुरक्षा की क्या गारंटी है? खुद ही सोचिए, अगर लड़की अकेली होती, तो क्या उसके साथ कुछ और नहीं हो सकता था? इस तरह की घटनाओं को आम कहना इनकी सीरियसनेस को कम करना ही है। हम अपने आस-पास होती सेक्शुअल हैरेसमेंट की घटनाओं से इतना इम्यून हो चुके हैं कि अब फर्क ही नहीं पड़ता है कि हमारे आस-पास क्या हो रहा है।
लड़कियों के लिए अभी भी यही उपदेश है कि उन्हें रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्या ये सही है? सोशल मीडिया पर लोग अभी भी सवाल उठा रहे हैं कि लड़कियां रात में बाहर निकली क्यों थीं, लेकिन इस तरह की घटना से यह भी सवाल उठता है कि आखिर क्यों लड़कियों का पीछा किया जा रहा था? क्यों लड़की की अनुमति के बिना उसे ऐसे छुआ गया।
हम आज भी उसी दुनिया में जी रहे हैं जहां हमें लगता है कि लड़कियों को दबाना सही है क्योंकि लड़के तो सुधरेंगे नहीं। हाल ही में बेंगलुरु में ही एक और लड़की का रेप हुआ जो अपने कजिन के साथ रात में खाना खाने जा रही थी। ऐसी ना जाने कितनी घटनाएं हमें लगेंगी यह समझने के लिए कि हमारा देश महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है।
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