2024 में अब तक महिलाओं के खिलाफ हुए लाखों अपराधों में से 10 सबसे खतरनाक मामले बताते हैं भारत में सुरक्षा की असलियत

Crime Against Women in India: भारत महिलाओं के लिए सुरक्षित जगह नहीं है। पर यह कब तक रहेगा इसके बारे में शायद किसी को मालूम नहीं है। 
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हमारे देश में कुछ भी सही नहीं हो रहा है। भले ही भारत का नाम अब दुनिया के बड़े-बड़े देशों के साथ लिया जाता हो, लेकिन एक बात जिसके लिए हमें हमेशा शर्मिंदा होना पड़ता है, वह है भारत में महिलाओं की सुरक्षा। यकीनन भारत की महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। हाल ही में एक मामला सामने आया है जहां बेंगलुरु में एक महिला के शरीर के 50 टुकड़े कर उसकी लाश को फ्रिज में रख दिया गया। ये बात हालिया है और इसपर लोगों का आक्रोश भी हो रहा है, लेकिन कितने दिनों तक लोगों को इसके बारे में याद रहेगा यह नहीं पता। जिस तरह दिन प्रति दिन महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराध बढ़ते चले जा रहे हैं। हमारी याद्दाश्त शायद कमजोर होती जा रही है। तभी तो, शुरुआती दिनों में प्रदर्शन के बाद हमें आगे का कुछ दिखता ही नहीं।

भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध और खासतौर पर रेप अब आम हो गया है। यह लिखते हुए मैं खुद शर्मिंदा महसूस कर रही हूं कि भारत मेरे लिए भी सुरक्षित नहीं है। रेप भारत का एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है जिसे लेकर गाहे-बगाहे प्रोटेस्ट होते हैं और फिर सब कुछ शांत हो जाता है।

कुछ भी कहने से पहले आप 2024 के कुछ ऐसे मामले जान लीजिए जिनको लेकर लोगों में आक्रोश दिखा।

2024 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के गंभीर मामले

दिल्ली गैंगरेप

जनवरी की दूसरी तारीख को नए साल का जश्न मनाते हुए लोगों को यह पता भी नहीं होगा कि दिल्ली में 12 साल की लकड़ी के साथ गैंगरेप हुआ। उसका रेप करने वालों में 36 साल का एक पुरुष भी शामिल था। इसके अलावा, 12, 14 और 15 साल के तीन लड़के जो मुख्य आरोपी के साथ काम करते थे। इस मामले में एक महिला भी शामिल थी जिसने धोखे से नाबालिग लड़की को उन दरिंदों के पास भेज दिया।

Delhi gangrape in january

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राजस्थान गैंगरेप

फरवरी में 16 साल की Neet स्टूडेंट का कोटा में गैंगरेप हुआ। उसका रेप करने वाले भी नीट के स्टूडेंट्स ही थे जिन्होंने किसी बहाने से लड़की को घर बुलाया था और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया।

मुंबई रेप केस

फरवरी में ही 29 साल की एक महिला का मुंबई के होटल मैनेजर ने रेप किया। होटल में महिला बिजनेस ट्रिप के लिए गई थी और वहीं उसके साथ असॉल्ट हुआ। महिलाओं को काम के सिलसिले में बाहर भेजने के बाद क्या कंपनी का इतना भी दायित्व नहीं कि महिलाओं की सुरक्षा देखी जाए?

स्पैनिश टूरिस्ट गैंगरेप केस

मार्च में स्पैनिश टूरिस्ट के साथ 7 लोगों ने झारखंड के एक गांव के पास रेप किया। उसे और उसके पति को पीटा भी गया और बाद में इस घटना का वीडियो भी वायरल कर दिया गया।

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कोलकाता रेप

जुलाई 2024 में 17 साल की लड़की का कोलकाता में अपहरण होता है। उसे असॉल्ट किया जाता है और बाद में उसका मृत शरीर मिलता है। लड़की के शरीर को एक बोरी में भरकर कोलकता के रीजेंट पार्क एरिया के पास एक नहर में फेंक दिया गया था।

चेन्नई कॉलेज रेप केस

मई 2024 की बात है जब चेन्नई में एक फीमेल स्टूडेंट का उसके ही दोस्त ने रेप किया। हालांकि, उस स्टूडेंट को बर्खास्त कर दिया गया, लेकिन स्टूडेंट्स की सुरक्षा पर सवाल उठ खड़े हुए।

नरेला रेप और मर्डर केस

दिल्ली के नरेला इलाके में 10 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ और उसकी हत्या कर दी गई। आरोपी 20 और 30 साल के थे और उन्होंने बच्ची को मारने के लिए उसके चेहरे को पत्थर और ईंट से कुचल दिया। यह मामला जून का है। बच्ची अपने घर नरेला सेक्टर 6 लोकेलिटी से गायब हो गई थी। रात 9.45 को वह गायब हुई थी और रात 12.30 बजे उसकी मिसिंग कंप्लेंट फाइल हुई थी। पुलिस ने आस-पास का इलाका छाना और उसका शरीर ढूंढा। उसके चेहरे को इतना मारा गया था कि कोई उसे पहचान भी नहीं पा रहा था।

मुंबई रोड किलिंग केस

एक इंसान ने अपनी एक्स गर्लफ्रेंड को मुंबई के वसई इलाके के पास सुबह 8.30 बजे मार दिया। उसके सिर पर पाने (गाड़ियों की मरम्मत के लिए यूज होने वाला टूल) से कई बार वार किया गया। लोग देखते रहे, लाइव मर्डर होता रहा, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा।

थाणे रेप केस

जुलाई में 11 साल की एक लड़की को किडनैप किया गया और उसका रेप किया गया। नाबालिग लड़की रेलवे स्टेशन की तरफ जा रही थी और दो लड़कों ने उसे पकड़ कर उसके साथ रेप किया। लड़की को बाद में डराया धमकाया गया।

कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस

यह मामला अगस्त का है जब पूरे देश ने देखा कि किस तरह की हैवानियत एक डॉक्टर के साथ की गई। किस तरह से उसे मारा गया। पूरे देश में इसे लेकर प्रोटेस्ट हुए। नए कानूनों को बनाने की बात की गई, लेकिन हाल क्या हुआ?

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कोलकाता रेप केस के 10 दिन के अंदर 21 रेप

कोलकाता रेप केस के 10 दिनों के अंदर 21 गंभीर रेप के मामले सामने आए। यहां मैं गंभीर इसलिए कह रही हूं क्योंकि हर 16 मिनट में भारत में एक रेप होता है और इतने मामले बताए भी नहीं जा सकते। इन 21 मामलों में से 14 में विक्टिम नाबालिग थी। सबसे कम उम्र की विक्टिम 3 साल की थी। इनमें से 2 मामलों में गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई।

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बदलापुर रेप केस

स्कूल में दो नाबालिग बच्चियों के साथ यौन शोषण किया गया और उसके बाद प्रोटेस्ट शुरू हुआ। बदलापुर का यह मामला आरोपी के एनकाउंटर के बाद और चर्चा में आ गया।

उज्जैन रेप केस

सितंबर में उज्जैन में भरी रोड में एक महिला का रेप हो रहा था और किसी ने उस घटना को रोकने की जगह उसका वीडियो बनाया। इस वीडियो को ऑनलाइन सर्कुलेट भी किया गया।

आखिर इतने गंभीर मामलों के पीछे वजह क्या है?

आखिर लोग इतने गंभीर मामलों को लेकर डिसेंसिटाइज कैसे हो सकते हैं? कैसे कोई व्यक्ति बिना डर किसी लड़की के साथ ऐसा अपराध कर सकता है। कानून, पुलिस और समाज का डर तो छोड़िए, यहां पर तो लोगों की अपनी आत्मा ही उन्हें नहीं कचोटती। पर इतने गंभीर अपराधों की दर बढ़ क्यों रही है? यह जानने के लिए हमने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट की सीनियर चाइल्ड और क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और हैप्पीनेस स्टूडियो की फाउंडर डॉक्टर भावना बर्मी से बात की। डॉक्टर भावना के मुताबिक, इसे कहीं ना कहीं मनोविज्ञान से जोड़कर देखा जा सकता है।

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डॉक्टर भावना ने कुछ अहम मुद्दों को सामने रखा। उनके मुताबिक, बार-बार एक ही तरह की चीजें अपने सामने होते देखना और उन पर कोई प्रतिक्रिया ना होना कई बार लोगों को बढ़ावा देता है।

इसमें इमोशनल और फिजिकल दोनों तरह के इम्पैक्ट सामने आते हैं। लोग रेप के बाद इंटरनेट पर इस तरह की चीजें देखते हैं। दूसरों के प्राइवेट मोमेंट्स में देखने की इच्छा रखते हैं। लोग वायलेंस को अब आम मानने लगे हैं। आए दिन रेप की घटनाएं सोशल मीडिया तक पहुंच गई हैं और लोग विक्टिम का वीडियो शेयर करते हैं। ऐसी मानसिकता जब फैलने लगती है, तो अपराध भी बढ़ने लगते हैं।

आज आप किसी भी तरह के डेटा को उठाकर देख लीजिए, महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में आखिर कितने ही लोगों को सजा होती है? बस यही कारण बनता जा रहा है उनके खिलाफ बड़े अपराध होने का।

पिछले एक दशक के वो मामले जिन्होंने देश को झकझोर दिया

डॉक्टर भावना की बात काफी हद तक सही है। पिछले एक दशक में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां महिलाओं के खिलाफ बर्बरता बढ़ती ही चली गई।

निर्भया गैंगरेप केस

16 दिसंबर 2012 की वो रात जब निर्भया के साथ इतनी बर्बरता हुई थी कि देश ही नहीं पूरी दुनिया ने यह मान लिया था कि भारत महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। निर्भया को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया गया था, उसकी आंत तक बाहर निकाल दी गई थी। दिल्ली और सिंगापुर में इलाज चलने के 11 दिनों के बाद उसकी मौत हो गई थी।

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कठुआ गैंगरेप केस

जनवरी 2018 में कठुआ, जम्मू और कश्मीर में एक 8 साल की मुस्लिम लड़की को अगवा किया गया। उसके साथ मंदिर के अंदर गैंगरेप हुआ। लड़की का क्षत-विक्षत शरीर पास में मिला। लड़की को कई दिनों तक प्रताड़ित किया गया था। जाति, धर्म और यौन शोषण का यह मामला गंभीर हो गया। जिन लोगों ने यह काम किया था उनके खिलाफ और उनके समर्थन में दोनों तरह के प्रोटेस्ट किए गए। आखिर 2019 में आरोपियों को जेल हुई।

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हैदराबाद रेप केस

26 साल की वेटनरी डॉक्टर को हैदराबाद के शमशाबाद एरिया में अगवा करके उसका रेप किया गया। उसके बाद उसे मार दिया गया और उसका शरीर बुरी तरह से जला दिया गया। इस घटना के बाद हैदराबाद में आरोपियों का एनकाउंटर किया गया।

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हाथरस रेप केस

सितंबर 2020 में 19 साल की दलित लड़की के साथ गैंगरेप होता है। उसे दिल्ली के अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है। चार ऊंची जाती के आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता है जिसके बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया जाता है। लड़की की अस्पताल में ही मृत्यु हो जाती है और उसे बिना परिवार वालों की अनुमति के जला भी दिया जाता है। दिसंबर में यह मामला सीबीआई को पहुंचता है और तब पता चलता है कि इस मामले में पुलिस ने भी कितनी लापरवाही की थी।

श्रद्धा वाल्कर मर्डर केस

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मई 2022 की बात है जब श्रद्धा वाल्कर को उसके लिव इन ब्वॉयफ्रेंड आफताब अमीन ने गला दबाकर मार दिया था। उसके शरीर के 35 टुकड़े किए गए थे और चेहरा जला दिया गया था। उसके शरीर को फ्रिज में रखकर टुकड़ों को छतरपुर के जंगल में अलग-अलग करके फेंका गया था। श्रद्धा के मामले में उनके कैरेक्टर पर सवाल उठाए गए थे और अहम मुद्दा छोड़ दिया था कि महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।

ये सभी मामले सिर्फ खबरों की तरह ही देखे जाते हैं, लेकिन यकीन मानिए जितने समय में मैंने इस स्टोरी को लिखा है भारत में किसी ना किसी लड़की के साथ कोई ना कोई घटना हो गई होगी। अब आप खुद से पूछिए कि घर के अंदर और घर के बाहर, क्या आप सुरक्षित हैं?

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