सावन का पवित्र महीना चल रहा है और हर-हर माहदेव के जयकारों से हर गली गूंज रही है। सिर्फ सावन ही नहीं भोलेनाथ की पूजा तो पूरे साल की जा सकती है, और रोजाना पूजा करने के साथ-साथ आप अपने घर में भगवान शिव की तरह-तरह की मूर्तियां रख भी सकते हैं। आपको अलग-अलग तरह के स्वरूपों और मुद्राओं में lord shiva statue मिल जाएंगे, जिन्हें मंदिर के अलावा लिविंग रूम, बेडरूम या स्टडी टेबल पर भी रखा जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि शिव पूजा से सुख-शांति व समृद्धि मिलती है। यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव की साधना से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और जिन महिलाओं को संतान की प्राप्ति नहीं होती, वह अगर नियमित रूप से शिव पूजा करती हैं तो उनकी सूनी गोद भर जाती है। ऐसे में अगर आप भी अपने घर की सजावट के लिए भगवान शिव की मूर्तियों की तलाश कर रहे हैं तो हम आपकी मदद कर सकते हैं। इन्हें आप अपने हाउसहोल्ड फर्निशिंग का हिस्सा बनाकर घर की सजावट को भक्तिमय कर सकेंगे।
भगवान शिव की किस तरह की मूर्तियां घर में रखी जा सकती हैं?
- अभय मुद्रा- भोलेनाथ की यह मुद्रा शुभता और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है। इसमें उनका दाहिना हाथ कंधे की ऊंचाई तक उठा होता है, हथेली बाहर की ओर और उंगलियां सीधी होती हैं। वहीं, बाया हाथ गोद में होता है। संस्कृत में अभय का अर्थ निर्भयता है। भगवान शिव अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के दौरान इस मुद्रा का उपयोग करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मुद्रा का पालन जो भी लोग करते हैं, उनके जीवन से सभी प्रकार की परेशानी दूर हो जाती है। इस मुद्रा का उपयोग योग और ध्यान केंद्रित करने के लिए भी किया जाता है।
- ध्यान मुद्रा- इस मुद्रा को ज्ञान मुद्रा भी कहा जाता है। इसमें भगवान सीधे बैठते हैं, हाथ गोद में होते हैं और हथेलियां ऊपर की ओर होती हैं। इनका अंगूठा और तर्जनी उंगली को मिलाकर एक घेरा बना होता है, जबकि अन्य उंगलियां सीधी रहती हैं। यह मुद्रा एकाग्रता और आध्यात्मिकता को दर्शाती है। ऐसा माना जाता है कि इस मुद्रा में, भगवान शिव का ध्यान आमतौर पर अपने आराध्य, भगवान राम पर केंद्रित होता है।
- नटराज मुद्रा- इस तरह के Shiva Statue भगवान नृत्य करते दिखाई देते हैं। नटराज की मूर्ति में आमतौर पर चार भुजाएं होती हैं, जिनमें से हर एक का अपना प्रतीकात्मक महत्व है। एक हाथ में डमरू जो सृजन की ध्वनि का प्रतीक है, दूसरे हाथ में अग्नि जो विनाश का प्रतीक है, एक हाथ अभय मुद्रा में जो सुरक्षा और निर्भयता का प्रतीक है और एक पैर के नीचे अज्ञानता और अहंकार के प्रतीक अपस्मार नामक राक्षस को दबाया गया है। इसमें भोलेनाथ को कमल पर खड़ा दिखाया जाता है, जो पवित्रता और सुंदरता का प्रतीक है। इस तरह की मूर्तियां ब्रह्मांडीय नृत्य, सृजन, विनाश और ज्ञान के प्रतीक के रूप में पूजनीय होती हैं।
- पंचुमखी शिव- इस तरह की मूर्तियां भगवान शिव के पांच मुखों का स्वरूप होती हैं। ये पांच मुख, जिन्हें पंचानन भी कहा जाता है, सृजन, संरक्षण, विनाश, लुप्ति और अनुग्रह के पांच कार्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये पांच मुख, पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) और पांच दिशाओं का भी प्रतीक होते हैं।
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TIED RIBBONS Resin Lord Shiva Statue Blessing Idol Sculpture
रेजिन मटेरियल से बनी भगवान शिव की यह मूर्ति 17L x 17W x 20H सेंटीमीटर साइज वाली है, जिसके साथ आपके घर में सुख-समृद्धि आ सकती है। इसमें भगवान ध्यान मुद्रा में बैठे हैं और इसे आप ड्रॉइंग रूम या बेडरूम में आसानी से रख सकते हैं। इस मूर्ति में भगवान के गले में सांप, एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में डमरू देखा जा सकता है। इसके नीचे की तरफ छाल वस्त्र पर रंग भी लगाए गएं है, जो इसकी सुंदरता को और ज्यादा निखार रहे हैं। इसकी खासियत है कि इसे पूरी तरह से हाथ से बनाया गया है और अपने घर में रखने के अलावा आप इसे तोहफे में भी किसी को देख सकते हैं। इसका वजन 250 ग्राम है।
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Idol Collectionas Lord Shiva Shiv in Dhyana Mudra Bonded Bronze
यह भगवान शिव की अभय मुद्रा वाली मूर्ति है जिसे बॉंडेड ब्रॉन्ज मटेरियल से बनाया गया है। 17L x 10W x 21.5H सेंटीमीटर साइज वाली इस मूर्ति को आप घर के मंदिर के अलावा लिविंग रूम या टीवी केबिनेट में भी रख सकते हैं। पारंपरिक शैली वाली इस मूर्ति में आप छोटी-छोटी बारीकियों को भी काफी सफाई से देख सकेंगे और इसपर काफी अच्छा काम किया गया है। 1.300 किलोग्राम वजन वाली इस मूर्ति को आसानी से किसी भी सूखे कपड़े पोंछकर साफ किया जा सकता है।
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Collectible India Metal Shiva Idol Natraj Statue Statue for Home Decor
नटराज स्वरूप में आने वाली भगवान शिव की यह मूर्ति नृत्य और संगीत प्रेमियों के घरों का आकर्षण बन सकती है। इस मूर्ति को धातु की नक्काशी और विशेष तकनीक के साथ रंग संयोजन से बनाया गया है, ताकि विवरणों से समझौता किए बिना एक आकर्षक रूप मिल सके।यह मूर्ति 7.4 इंच ऊंची X 4.7 इंच लंबी X 2.3 इंच चौड़ी है। शिव प्रेम, करुणा और ज्ञान के परम स्रोत हैं और इन्हें जीवन में भी लाते हैं। वास्तु के अनुसार, बेहतर परिणाम और समृद्धि के लिए इसे घर या कार्यालय के उत्तर-पूर्व कोने में रखना चाहिए। नटराज के रूप में शिव नृत्य करते हैं जो अपने रहस्यमय नृत्य के प्रत्येक चक्र के साथ ब्रह्मांड का विनाश और नवनिर्माण करते हैं।
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Kartique Brass Lord Shiva Idol Panchmukhi Shivji Five Face Shiva Murti for Home
40L x 60W x 40H मिलीमीटर साइज वाली यह शिव मूर्ति आपके घर के लिए काफी अच्छी पसंद हो सकती है। यह पंचमुखी मूर्ति ब्रास मटेरियल से बनी है और इसका रंग गोल्ड है। हाथ से बनाई गई इस मूर्ति का वजन 1.300 किलोग्राम है, जिसे साइड टेबल या स्टडी टेबल पर भी आसानी से रखा जा सकता है। सॉलिड पैटर्न वाली इस मूर्ति का आकार ओवल है और इसे आप आसानी से किसी भी सूखे कपड़े से पोंछकर साफ भी कर सकेंगे। भगवान की यह मूर्ति किसी दोस्ता या रिश्तेदार को गृह प्रवेश जैसे कार्यक्रम में तोहफे में भी दे सकते हैं।
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Collectible India Brass Shiv Parivar Ganesha Parvati Kartik Idol
इस मूर्ति में आपको सिर्फ भगवान शिव ही नहीं, उनका पूरा परिवार देखने को मिलेगा। भगवान शिव परिवार की इस मूर्ति को कलाकार ने सुनहरे रंग की नक्काशी और विशेष तकनीक के साथ बनाया गया है और विवरणों से समझौता किए बिना इसे रूप दिया गया है। इसमें आपको भोलेनाथ, माता पर्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय भगवान देखने को मिलेंगे। 6 इंच ऊंचा, 4.5 इंच चौड़ा और 2.5 इंच लंबा है। यह भारत में कारीगरों द्वारा बनाई गई सुंदर शिव परिवार की मूर्ति है, जो आपके घर और जीवन में अच्छाई और परोपकार ला सकती है।
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क्या भगवान शिव की मूर्ति को घर में रखना चाहिए?

हां, भगवान शिव की मूर्ति को आप अपने घर में आसानी से रख सकते हैं और इसे शुभ भी माना जाता है। हालांकि, मूर्ति रखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना काफी जरूरी होता है। सबसे पहले तो मूर्ति ऐसी होनी चाहिए जिसमें वे शांत या प्रसन्न मुद्रा में हों, क्रोधित या तांडव मुद्रा वाली मूर्ति को घर में लाने से बचना चाहिए क्योंकि उन्हें विनाश का प्रतीक माना जाता है। वहीं, अगर आप शिव परिवार की मूर्ति घर में ला रहें तो इसे भी लगाना काफी शुभ होता है और नंदी पर विराजमान भोलेनाथ भी घर के लिए शुभ माने जाते हैं। वास्तु के हिसाब से, Lord Shankar की मूर्ति उत्तर दिशा में रखी होना चाहिए, क्योंकि कैलाश पर्वत जो प्रभू का घर है वो भी उसी दिशा में है। मूर्ति के आसपास हमेशा सफाई होनी चाहिए। अगर आप रोज उसकी पूजा नहीं भी कर रहे हैं तो भी उसे हमेशा साफ रखें और फूलों से सजाएं
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