रोज योगासन करने से तन और मन दुरुस्त रहता है। साथ ही, त्वचा में भी निखार आने लगता है और योग बालों को भी लंबा और घना बनाता है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि निरोगी काया के लिए योग का बहुत महत्त्व है। इसलिए, हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह जानकर आपको हैरानी होगी कि योग दिवस के मौके पर हर साल एक नई थीम रखी जाती है। इस बार 2025 के लिए, योग दिवस की थीम ‘One Earth, One Health’ यानि 'एक धरती, एक स्वास्थ्य' है।
इस दिन की महत्ता का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकती हैं कि 'Google Trends' पर 'International Yoga Day' को कितना ज़्यादा सर्च किया गया है। हमने भी लोगों की जिज्ञासा को समझने के लिए गूगल ट्रेंड्स का सहारा लिया और उनके सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों को जानने की कोशिश की। तो, चलिए, आपको गूगल ट्रेंड्स के आधार पर दिखाते हैं कि लोगों किस तरह से योगा को सर्च करते हैं।
साथ ही, हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिन्हें लोग गूगल ट्रेंड्स पर अपनी विशिष्ट बीमारियों या स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के हिसाब से करके खुद को निरोगी और स्वस्थ रखने के लिए सर्च करते हैं। इनके बारे में हमें फिटनेस एक्सपर्ट प्रियंका बता रही हैं।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है, क्योंकि यह साल का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। यह दिन आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह नई शुरुआत और एनर्जी का प्रतीक है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव के बाद, दिसंबर 2014 में 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे के रूप में घोषित किया गया था। इस दिन को चुनने का उद्देश्य योग से होने वाले हेल्थ बेनिफिट्स के प्रति लोगों को जागरूक करना था।
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि 2025 की योगा डे की थीम ‘One Earth, One Health’ यानी 'एक धरती, एक स्वास्थ्य है। इसका मतलब है कि हमारा स्वास्थ्य धरती के स्वास्थ्य से जुड़ा है। योग न केवल आपके स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि प्रकृति से जुड़ाव और पर्यावरण की रक्षा करने की भावना को भी जागता है। रोज योगासन करने से न सिर्फ सेहत ठीक रहती है, बल्कि हम धरती के प्रति कर्तव्यों को भी बखूबी निभा सकते हैं।
आप इसे ऐसे भी समझ सकती हैं कि आज की दुनिया में लोग अनेक समस्याओं जैसे बढ़ता प्रदूषण, क्लाइमेट चेंज, स्ट्रेस और लाइफस्टाइल से जुडी बीमारियों से जूझ रहे है। ''एक धरती, एक स्वास्थ्य'' का विचार हमें यह बताता है कि अगर धरती का वातावरण खराब है, तो इंसान भी स्वस्थ नहीं रह सकता है। हवा, पानी, भोजन, इन सारी चीजों को असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। अगर ये दूषित हैं, तो शरीर भी बीमार होगा।
किसी भी अन्य दिन की तरह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी इन दिनों गूगल पर बहुत ट्रेंड कर रहा है और लोग इसकी थीम के बारे में जानना चाहते हैं।
अगर आप योग की दुनिया में नई हैं और स्वस्थ जीवनशैली की ओर पहला कदम बढ़ाना चाहती हैं, तो कुछ आसन ऐसे हैं, जिनसे आप आसानी से शुरुआत कर सकती हैं। ये आसन शरीर को धीरे-धीरे लचीला बनाते हैं। यहां बिगिनर्स के लिए योगासन दिए हैं-
यह आसन पूरे शरीर को साइड से अच्छी तरह स्ट्रेच करता है, जिससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है। यह डाइजेशन में सुधार करता है, जिससे कब्ज और पेट संबंधी समस्याएं कम होती हैं। इसके अलावा, त्रिकोणासन तनाव और चिंता को कम करता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है। यह पैरों और कोर मसल्स को भी टोन करता है।
यह आसन पैरों, जांघों और कोर मसल्स को मजबूत बनाता है। उत्कटासन कंधों और बाजुओं को भी ताकत देता है और हार्ट रेट को बढ़ाता है, जिससे शरीर में एनर्जी बढ़ती है। यह योग की शुरुआत में शरीर को ताकत देने और बैलेंस बनाने के लिए काफी अच्छा आसन है।
मलासन हिप्स और टखनों को लचीला बनाता है, जो आजकल की गतिहीन जीवनशैली में अक्सर अकड़ जाते हैं। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को सही रखता है और पेल्विक एरिया की मसल्स को मजबूत करता है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। यह तनाव भी कम करता है।
यह आसन हिप्स को खोलने और जांघों के अंदरूनी हिस्से को स्ट्रेच करने में असरदार होता है। बद्धकोणासन रिप्रोडक्टिव अंगों को हेल्दी रखता है और पीरियड्स के दौरान होने वाली परेशानियां को कम करता है। यह तनाव और थकान से राहत दिलाकर मन को भी शांत करता है।
हालांकि, ज़्यादातर महिलाओं को लगता है कि योगासन से वजन कम नहीं हो सकता है, लेकिन हम आपको बता दें कि योग वजन घटाने का एक बेहतरीन और समग्र तरीका है। यह न सिर्फ कैलोरी बर्न करता है और मसल्स को टोन करता है, बल्कि यह आपके मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है और तनाव कम करता है, जो वजन बढ़ने का एक बड़ा कारण होता है। योग मानसिक शांति देता है और अनावश्यक भूख को कंट्रोल करता है। यहां कुछ असरदार वजन घटाने वाले योगासन दिए गए हैं-
यह आसन पेट की चर्बी को कम और कमर को पतला करता है। चक्की चलनासन पेट के अंगों की मालिश करता है, जिससे डाइजेस्टिव सिस्टम में सुधार होता है और कब्ज जैसी समस्या दूर होती है। इस योगासन को करने से पेट की मसल्स टोन होती है।
उत्तान पादासन पेट की मसल्स को मजबूत करता है, खासकर निचले पेट की चर्बी को कम करता है। यह कमर की चर्बी घटाने और पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी सहायक है। इसे करने से गैस और एसिडिटी की समस्या में भी राहत मिलती है।
यह पेट की कोर मसल्स को मजबूत करता है, जिससे पेट की चर्बी कम होती है। यह डाइजेस्टिव को एक्टिव करता है और कमर व हिप्स को भी टोन करता है। नौकासन शरीर में गर्मी पैदा करता है, जिससे कैलोरी बर्न होती है।
धनुरासन आसन पेट और कमर की चर्बी कम करता है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक करके कब्ज को दूर करता है और पेट के अंगों को उत्तेजित करता है। यह शरीर में लचीलापन भी बढ़ाता है और तनाव को कम करके मन को शांत करता है, जिससे इमोशनल ईटिंग कंट्रोल रहती है।
अच्छी डाइट और रोजाना योगासन करना सिर्फ बड़ों को ही हेल्दी नहीं रखता है, बल्कि बच्चों के लिए भी उतना ही जरूरी है। इसलिए, लोग गूगल ट्रेड्स पर बच्चों को सेहतमंद रखने वाले योगासन सर्च करते हैं।
ये आसन बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए फायदेमंद हैं। इन आसनों को शुरू करने से पहले हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। इसके अलावा, अगर किसी भी योगासन को करते समय बच्चे को बहुत ज्यादा दर्द का एहसास हो तो उसे उसी समय रोक दें। बच्चों को हेल्दी रखने वाले योगासन रोजाना उनसे जरूर कराएं।
वृक्षासन करने से बच्चों को फोकस करने में मदद मिलती है। कमर व पीठ का दर्द कम होता है और यह रीढ़ की हड्डी को लचीला भी बनाता है।
यह योगासन बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रखता है। सुखासन शांति और स्थिरता की भावना पैदा करता है, जिससे बच्चों का फोकस बढ़ता है। यह आसन उन्हें सही पोश्चचर में बैठने भी सिखाता है।
भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है, जो बच्चों की बढ़ती उम्र में बेहद जरूरी है। साथ ही, बच्चों के शरीर और दिमाग को हेल्दी रखता है और इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है।
यह आसन बड़ों के ही नहीं, बच्चों के पैर, हाथ और जांघों की मसल्स को मजबूती देता है। वीरभद्रासन करने से बच्चों के घुटनों और हिप ज्वॉइंट्स लचीले होते हैं। इसके अलावा, कंधे और गर्दन की जकड़न को कम करता है, खासकर आजकल जब बच्चे गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
आजकल पेट की गैस और एसिडिटी की समस्या बहुत आम हो गई है, खासकर खाना खाने के तुरंत बाद अगर पेट दर्द के साथ सिर दर्द भी होने लगे तो यह गैस और एसिडिटी का संकेत है। इसकी मुख्य वजह तीखा, मसालेदार, बहुत ज्यादा तला-भुना और भोजन में मीठे ज्यादा मात्रा है।
चाय-कॉफी, तंबाकू और अल्कोहल पीने से भी गैस की समस्या लगातार बनी रहती है। खाना खाने के तुरंत बाद सोना भी गैस का एक बड़ा कारण हो सकता है। गैस की प्रॉब्लम होने पर पेट दर्द तो होता ही है, साथ ही पेट फूल भी जाता है, जिससे अनकंफर्टेबल महसूस होता है। पेट की गैस और एसिडिटी दूर करने वाले योगासन आपकी मदद कर सकते हैं।
पवनमुक्तासन पेट में बनी गैस को बाहर निकालने का सबसे आसान और असरदार आसन है। इसे करते वक्त पेट पर प्रेशर पड़ता है, जिससे गैस आसानी से रिलीज हो जाती है। इसके अलावा, इस आसन को रेगुलर करने से पेट की चर्बी भी कम होती है।
अधोमुख श्वानासन गैस, ब्लोटिंग व एसिडिटी की समस्या को दूर करने के लिए काफी असरदार है। इस आसन के लास्ट में, जब आप पैर के पंजों को बिना उठाए सिर जमीन को छूने की कोशिश करती हैं, तब पेट में भरी गैस तेजी से निकलती है, जिसे आप महसूस भी कर सकती हैं। इसके बाद शरीर बहुत ही हल्का लगने लगता है।
पादहस्तासन सामने की ओर झुककर किया जाने वाला आसन है। इसे करते समय पेट की मसल्स में खिंचाव आने से गैस बाहर निकलती है। इसके साथ ही डाइजेशन को सुधरता है, जिससे गैस और कब्ज जैसी कई समस्याएं दूर होती हैं।
आनंद बालासन करते समय अपने पैरों को हाथों से पकड़कर एक-दूसरे से जितना दूर ले सकें, उतना दूर ले जाने का प्रयास करें। इससे पेट पर एक्स्ट्रा प्रेशर बनता है, जिससे पेट में फंसी गैस आसानी से निकल जाती है। यह आसन पेट की मालिश जैसा काम करता है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन को करने न सिर्फ गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्या दूर होती है, बल्कि यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और पेट के अंगों को उत्तेजित करता है, जिससे डाइजेशन में सुधार होता है।
माइग्रेन में होने वाला सिरदर्द नॉर्मल सिरदर्द से तेज होता है। इसमें सिर के किसी एक साइड कभी तेज तो कभी धीमा दर्द लगातार होता है। इससे चक्कर, मतली के साथ ही लाइट और तेज आवाज से भी उलझन महसूस होती है। कई महिलाओं को तो माइग्रेन का दर्द कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक परेशान करता है। आप माइग्रेन के दर्द को कंट्रोल करने वाले योगासन कर सकती हैं।
सेतुबंधासन दिमाग को शांत और चिंता और तनाव को दूर करता है। इसलिए, इस आसन को करने से ब्रेन में ब्लड सही तरीके से पहुंचाता है और और ऑक्सीजन का फ्लो भी सही रहता है, जिससे माइग्रेन का दर्द कम होता है।
यह आसन ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है और माइग्रेन के दर्द से आराम दिलाता है। अधोमुख श्वानासन करने से डाइजेस्टिव सिस्टम तो मजबूत होता ही है, बल्कि लिवर और किडनी भी हेल्दी रहते हैं।
मार्जरीआसन को कैट-काऊ पोज भी कहते हैं। इसे करने से ब्रेन और मसल्स रिलैक्स होती है। यह आसन तनाव को दूर करता है, जिससे माइग्रेन का अटैक आने का खतरा कम होता है।
बालासन योग आसन को बाल मुद्रा भी कहा जाता है। इसे रोजाना करने से तनाव और डिप्रेशन कम होता है। इस आसन को करते समय शरीर में स्ट्रेच आता है। इससे नर्वस सिस्टम शांत होता हैऔर माइग्रेन का दर्द कम होता है।
पश्चिमोत्तानासन माइग्रेन के दर्द दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि, यह आसन दिमाग को शांत और तनाव से छुटकारा दिलाता है।
इन योगासनों में से कोई भी योगासन अपनी जरूरत और समस्या के हिसाब से चुनें और लंबे समय तक हेल्दी रहें। इस इंटरनेशनल डे पर हमारा उद्देश्य भी आपको फिट रहने में मदद करना है।
अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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