योगाभ्यास आपको सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखता है। अमूमन लोग कई तरह के योगासनों का अभ्यास करते हैं। हर आसन के कई लाभ होते हैं और इसलिए लोग अपनी हेल्थ कंडीशन को ध्यान में रखते हुए योगासनों का अभ्यास करते हैं। इन्हीं में से एक है अर्ध मत्स्येन्द्रासन, जिसे स्पाइनल ट्विस्ट भी कहा जाता है।
इस योगासन का अभ्यास करते हुए कमर को ट्विस्ट किया जाता है, जिसके कारण रीढ़ की हड्डी की इलास्टिसिटी इंप्रूव होती है। इतना ही नहीं, अगर अर्ध मत्स्येन्द्रासन का नियमित रूप अभ्यास किया जाता है तो इससे आपको अन्य भी कई लाभ मिलते हैं। मसलन, यह ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करने के साथ-साथ डाइजेशन को भी बेहतर बनाता है। इतना ही नहीं, महिलाओं के लिए इस आसन का अभ्यास करना विशेष रूप से लाभदायी माना गया है। ऐसी कई हेल्थ कंडीशन होती हैं, जब अर्ध मत्स्येन्द्रासन के अभ्यास से काफी आराम मिल सकता है। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको बता रहे हैं कि किन स्थितियों में महिलाओं के लिए अर्ध मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास करना अच्छा माना जाता है-
पीरियड्स में मिलता है आराम
अर्ध मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास करने से पीरियड्स में होने वाले दर्द से काफी हद तक आराम मिलता है। दरअसल, इस आसन का अभ्यास करते हुए हल्का सा ट्विस्ट किया जाता है, जिससे पीठ के निचले हिस्से और पेट में होने वाली परेशानी से राहत मिलती है। चूंकि, यह आसन डाइजेस्टिव ऑर्गन को भी स्टिम्यूलेट करता है, जिससे मासिक धर्म से जुड़ी सूजन और ऐंठन भी काफी कम होती है।
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मेनोपॉज के दौरान लाभदायक
अगर आप मेनोपॉज या प्री-मेनोपॉज पीरियड में हैं तो ऐसे में अर्ध मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है। इस दौरान हॉट फ्लैशेज या मूड स्विंग्स जैसी कई तरह की समस्याएं होती हैं, लेकिन अर्ध मत्स्येन्द्रासन के अभ्यास से इन लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। दरअसल, अर्ध मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास करने से एंडोक्राइन सिस्टम को स्ट्यूमिलेट होता है, जिससे आपके हार्मोन लेवल रेग्युलेट होते हैं। जब आपके हार्मोन सही तरह से रेग्युलेट होते हैं तो मेनोपॉज से जुड़ी परेशानियां भी काफी हद तक कम होती हैं।
कमर दर्द की शिकायत करे दूर
अमूमन महिलाओं को अक्सर कमर दर्द की शिकायत रहती ही है। अगर आपके साथ भी यह समस्या है तो ऐसे में अर्ध मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास करना यकीनन अच्छा विचार है। दरअसल, इस आसन का अभ्यास करते हुए बैक स्ट्रेच होती है, जिससे पीठ दर्द को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही साथ, ट्विस्ट करने के कारण रीढ़ में फ्लेक्सिबिलिटी और एलाइनमेंट भी इंप्रूव होती है। इससे पीठ की मसल्स पर स्ट्रेन कम होता है और धीरे-धीरे कमर दर्द की शिकायत पूरी तरह से दूर हो जाती है।
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तनाव करे कम
आज के समय में महिलाओं को घर व बच्चों से लेकर ऑफिस की जिम्मेदारियों को निभाना होता है। ऐसे में वे खुद को अधिक तनाव में महसूस करती हैं। अधिक तनाव अपने साथ कई तरह की शारीरिक व मानसिक परेशानियां लेकर आता है। ऐसे में अर्ध मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास करना अच्छा रहता है। यह आपके मन को शांत करके तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है।
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