वृक्षासन योगाभ्यास में बुनियादी लेवल के आसनों के अंतर्गत आता है। एक स्थायी मुद्रा, वृक्षासन संतुलन को चुनौती देती है जिससे समन्वय में सुधार करने के साथ-साथ निचले शरीर को मजबूत करने में मदद मिलती है।
इस पोजीशन में 1 से 2 मिनट तक खड़े रहने से शरीर के भीतर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। इस आसन में संतुलन न केवल पैरों को मजबूत करने का एक मजेदार तरीका है, बल्कि यह पोश्चर में भी सुधार करता है।
वृक्षासन दिमाग में स्पष्टता लाता है और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है क्योंकि इसमें एकाग्रता के स्तर को बढ़ाने की क्षमता है। वृक्षासन एक बहुत ही ग्राउंडिंग और सेंटरिंग आसन है जो हमें संरेखित करने और एनर्जी को संतुलित करने में मदद करता है।
एक पेड़ की तरह, यह आसन हमें हाई क्षमता प्राप्त करने के लिए आकाश तक पहुंचने के दौरान मिट्टी में गहरी जड़ें खोदने के लिए प्रोत्साहित करता है। आज योगा मास्टर, फिलांथ्रोपिस्ट, धार्मिक गुरू और लाइफस्टाइल कोच हिमालयन सिद्ध अक्षर जी आपको बताएंगे कि पैरों को टोन करने वाला वृक्षासन से आपको और कौन से फायदे हो सकते हैं।
वृक्षासन के लाभ
- पैरों में संतुलन और स्थिरता में सुधार करता है।
- आध्यात्मिक लेवल पर, जीवन के अन्य पहलुओं में संतुलन हासिल करने में मदद करता है।
- टेंडन और लिगामेंट्स को मजबूत करता है।
- हिप्स तक, पूरे खड़े पैर को मजबूत और टोन करता है।
- पेल्विक स्थिरता स्थापित करने में शरीर की मदद करता है।
- आसन की वजन वहन करने वाली प्रकृति के कारण हिप्स और पैरों की हड्डियों को मजबूत करता है।
- आत्मविश्वास और सम्मान बनाता है।
वृक्षासन या ट्री पोज की विधि
- समस्तीथी में पैरों को एक साथ मिलाकर खड़े हो जाएं।
- पीठ को सीधा रखें और बहुत धीरे से चिन को ऊपर उठाएं।
- अपना केंद्र खोजने की कोशिश करें और ऊर्जाओं को संतुलित करें।
- बाजुएं शरीर के बगल और कंधे शिथिल होने चाहिए।
- जैसे ही हम धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते हैं, शरीर के वजन को पैरों के बीच समान रूप से संतुलित करें और इस आसन में स्थिरता पाएं।
- वजन को दाहिने पैर पर डालने की तैयारी करें।

- धीरे-धीरे बाएं घुटने को मोड़ें और बाएं पैर को दाहिनी पैर पर रखने के लिए टखने को सहारा दें।
- किसी एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें क्योंकि इससे हमें बैलेंस बनाने में मदद मिलेगी।
- सामने दीवार पर एक जगह पर टकटकी लगाकर पीठ को सीधा रखें।
- बाएं पैर से भीतरी जांघ के दाहिनी ओर थोड़ा सा प्रेशर डालें क्योंकि इससे बैलेंस बढ़ेगा।
- बाएं घुटने को बाहर धकेलना जारी रखें और कूल्हों को कमरे के सामने चौकोर रखें।
- प्रणाम मुद्रामें संतुलन बनाए रखें और धीरे-धीरे हथेलियों को चेस्ट के सामने मिला लें।
- धीरे-धीरे सांस छोड़ें और बाएं पैर को टखने से पकड़कर छोड़ दें, समस्तीथी में वापस आएं और दूसरी तरफ दोहराने की तैयारी करें।
सावधानी
- यदि शरीर के निचले हिस्से, हैमस्ट्रिंग, टखनों आदि में कोई चोट है तो कृपया इस आसान से बचें।
- चक्कर आने की स्थिति में, कृपया सावधानी के साथ अभ्यास करें।
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के अभ्यास के लिए वृक्षासन एक बेहतरीन आसन है क्योंकि यह दर्द को कम करता है और सुचारू डिलीवरी में मदद करता है।
आप भी इस आसन की मदद से पैरों को टोन करने के साथ कई अन्य फायदे पा सकते हैं। अगर आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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