हर कोई हेल्दी और फिट रहना चाहता है, लेकिन बिजी लाइफस्टाइल के चलते खुद पर ध्यान नहीं दे पाता है। इससे मोटापा और स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं घेरने लगती हैं। ऐसे में रोजाना कुछ योगासनों को अपने फिटनेस रूटीन में शामिल करना चाहिए। योग तन और मन को दुरुस्त रखने के साथ आपको सुंदर भी बनता है। आज हम आपको सुप्त बद्ध कोणासन के बारे में बता रहे हैं। यह आसन स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है।
महिलाओं के लिए रामबाण है यह योगासन, रोज करने से दूर रहेंगी बीमारियां
सुप्त बद्ध कोणासन शरीर की मसल्स को आराम देने वाली मुद्रा है। इसे रोजाना करने से महिलाओं की हेल्थ से जुड़ी कई समस्याएं एक साथ दूर हो जाती हैं।
बद्ध कोणासन या बाउंड एंगल पोज को 'रिक्लाइनिंग कॉबलर पोज' भी कहा जाता है। संस्कृत में 'बद्ध' का अर्थ है 'बाध्य' और 'कोण' का 'कोना' है। यह शरीर की मसल्स को आराम देने वाली खास योग मुद्रा है। यह कूल्हे, कमर व शरीर के कई हिस्सों में मौजूद मसल्स को खोलने का काम भी करती है। यह टांगों, पीठ, कमर, पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है। इस योगासन को रोजाना करने से शरीर में नई ऊर्जा का विकास होता है और नर्वस सिस्टम शांत हो जाता है।
यह योगासन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है और इसे करने के तरीके और सावधानियों के बारे में हमें अक्षर योग संस्थान के योग और आध्यात्मिक गुरु हिमालयन सिद्ध अक्षर बता रहे हैं।
सुप्त बद्ध कोणासन की विधि
- इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं।
- सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़कर एड़ी को पेल्विक की ओर स्ट्रेच करें।
- पैरों के तलवों को एक साथ लाएं।
- एड़ियों को पेल्विक के जितना हो सके पास लाएं।
- इस आसन में 1 से 5 मिनट तक रहें।
- सांस लें और घुटनों को ऊपर उठाएं।
- पैरों को वापस पहली पोजीशन में ले आएं।
शुरुआत में इस योगासन को ट्रेनर की देखरेख में करें।
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सुप्त बद्ध कोणासन के फायदे
- यह मुद्रा हार्ट के लिए अच्छी होती है और सर्कुलेशन में सुधार करती है।
- पेट के अंगों, ओवरीज, प्रोस्टेट ग्लैंड, ब्लैडर और किडनी को ठीक रखती है।
- जांघों, कमर और घुटनों में स्ट्रेच लाती है।
- हल्के डिप्रेशन, चिंता और थकान दूर करने में मदद करती है।
- पीरियड्स में होने वाली परेशानियों को दूर करती है।
- साइटिका को शांत करती है।
- मेनोपॉज के लक्षणों से राहत दिलाती है।
- हाई ब्लड प्रेशर और अस्थमा की समस्या को कंट्रोल में रखती है।
- चपटे पैरों की समस्या को दूर करती है।
- प्रेग्नेंसी में लगातार इसे करने से डिलीवरी आसान होती है।
- रोगों का नाश करता है और थकान को दूर करती है।
- मसल्स के तनाव में आराम मिलता है।
- पोश्चर में सुधार करती है।
- रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार करके महिलाओं में फर्टिलिटी को ठीक करती है।
- इसे करने से नींद अच्छी आती है।
- पेट और कमर के आस-पास की चर्बी कम होती है।
सावधानियां
भले ही सुप्त बद्ध कोणासन एक आरामदायक मुद्रा है, लेकिन इसे करते समय कुछ सावधानियां बरतना जरूरी होता है।
- कमर या घुटने की चोट में जांघों के नीचे कंबल के सहारे इस आसन को करें।
- गर्दन में दर्द होने पर सुप्त बद्ध कोणासन का अभ्यास न करें।
- रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- घुटने में दर्द या अर्थराइटिस की समस्या होने पर आप दीवार का सहारा ले सकते है।
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज इस योगासन को करने से बचें।
- स्लिप डिस्क के मरीज इस आसन का अभ्यास न करें।
आप भी इस योगासन को करके ये सारे फायदे पा सकते हैं। आपको भी योग से जुड़ी कोई जानकारी चाहिए, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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