योग हमारी प्राचीन, पारंपरिक प्रथा है जो मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक कल्याण सहित सभी पहलुओं को संबोधित करती है। योगिक तकनीकों में आसन, प्राणायाम और ध्यान अभ्यास शामिल हैं। सभी प्रकार के शरीर के लिए उपयुक्त, प्रेग्नेंसी के दौरान भी फिट रहने एवं मां को अपने बच्चे के साथ जुड़ने के लिए योग एक्सरसाइज का एक सौम्य रूप है।
योग के लाभ
आकार में रखने के लिए योग एक प्रकार की एक्सरसाइज है और सभी के लिए उपयुक्त है। हालांकि, इनको करना बेहद आसान है लेकिन यह शक्तिशाली है। सुखासन, वज्रासन, बद्धकोणासन और अन्य आसन हार्मोनल या रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़ी अन्य समस्याओं को कम कर सकते हैं। आज हमारे एक्सपर्ट अक्षर योग संस्थान, हिमालय योग आश्रम, विश्व योग संगठन के संस्थापक, योग और आध्यात्मिक नेता हिमालयन सिद्ध अक्षर जी कुछ ऐसे योगासन के बारे में बता रहे हैं जो महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ को दुरुस्त रख सकते हैं।
1. मंडुकासन
- इसे करने के लिए वज्रासन में बैठ जाएं।
- बाजुओं को सामने फैलाएं।
- अंगूठे को हथेलियों में मोड़ें, बाकी चार उंगलियों को उसके ऊपर लपेटें और मुट्ठी को गोल करें।
- बाजुओं को कोहनी से मोड़ें, मुट्ठियों को नाभि के ऊपर रखें।
- ऊपरी शरीर को मोड़ें और निचले शरीर के ऊपर रखें।
- गर्दन को स्ट्रेच करें और आंखों को सामने की ओर केंद्रित करें।
2. प्रसारित पदोत्तानासन
- पैरों को अंदर की ओर करते हुए उंगलियों के साथ समानांतर रखते हुए फैलाएं।
- घुटने सीधे रहने चाहिए।
- हथेलियों को कंधों के नीचे रखते हुए लाएं।
- जमीन को छूने की कोशिश के लिए सिर नीचे करें।
- पीठ को यथासंभव सीधा रखें।
- 30 सेकंड के लिए 3 सेट तक दोहराएं।
3. बद्ध कोणासन
- इसकी शुरुआत दंडासन से करें।
- पैरों को मोड़ते हुए तलवों को आपस में मिला लें।
- एड़ी को पेल्विक की ओर ऊपर उठाएं।
- घुटनों को आराम से नीचे करें।
- सांस को बाहर छोड़े और 15 से 20 सेकंड के लिए इस स्थिति को बनाए रखें।
- इसे 3 या अधिक बार दोहराएं।
4. कलियासन
- पैर की उंगलियों को बाहर की ओर झुकाकर, पैरों को थोड़ा ज्यादा फैलाएं।
- पीठ को सीधा रखें।
- फिर स्क्वाट करें।
- बाजुओं को ऊपर उठाते समय सुनिश्चित करें कि वे कंधों के समानांतर हो।
- कोहनियां मुड़ी हुई और हथेलियां आसमान की ओर होनी चाहिए।
5. बालासन
- मैट पर घुटने टेकें और घुटनों को एक आरामदायक दूरी पर फैलाकर एड़ी पर बैठें।
- सांसलें और हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।
- सांस छोड़ें और हथेलियों को फर्श पर रखते हुए ऊपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
- पेल्विक को एड़ी पर आराम से रखें।
- सुनिश्चित करें कि पीठ सीधी हो।
- घुटनों के या हिप्स के नीचे आवश्यकता पड़ने पर कंबल रखें।
6. प्राणायाम और ध्यान
प्राणायाम तकनीक जैसे कपालभाति (अन्तर कुम्भक और बहिर कुम्भख में किया जाता है), अनुलोम विलोम, भस्त्रिका आदि इम्यूनिटी को बढ़ावा देते हैं और शरीर में नाड़ियों को साफ करते हैं। यह तनाव से राहत देते हैं और तनाव हार्मोन को कम करके पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र को लाभ पहुंचाते हैं। तनाव खराब स्वास्थ्य जैसे रिप्रोडक्टिव हेल्थ और हार्मोनल समस्याओं के लिए मेन ट्रिगर्स में से एक है और योग का अभ्यास करने से महिलाओं को समग्र स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद मिलती है।
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आप भी इन योग की मदद से अपने रिप्रोडक्टिव हेल्थ को सही रख सकती हैं। अगर आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock
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