खाने के तुरंत बाद 15 मिनट करें ये योग, पेट की चर्बी होगी

अगर आप पेट की चर्बी, शरीर के निचले हिस्‍से से जुड़ी समस्‍याओं और डाइजेशन को दुरुस्‍त खाना चाहती हैं तो खाने के बाद 15 मिनट इस योग को जरूर करें।  

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अधिकांश सामान्य बीमारियों और बढ़ते वजन के लिए खराब डाइजेशन जिम्मेदार होता है। अपच, गैस, एसिडिटी, माइग्रेन, सिरदर्द, पेट फूलना आदि जैसी अपनी नियमित शिकायतों पर ध्यान देकर आप इस कथन की प्रामाणिकता की जांच कर सकते हैं। इनमें से अधिकांश की उत्पत्ति 'आंत' है।

क्या होगा अगर मैं कहूं कि भोजन के तुरंत बाद 15 मिनट के लिए एक ही आसन का अभ्यास करने से इन समस्याओं का आसान समाधान मिल सकता है? यह सच है! योग का दावा है जब भोजन के तुरंत बाद 15 मिनट के लिए किया जाता है तब शास्त्रीय ध्यान मुद्रा में से एक वज्रासन आपके डाइजेस्टिव सिस्‍टम को सबसे प्रभावी तरीके से विनियमित करने में मदद कर सकता है।

कुछ योग शास्त्रों में यह दावा किया गया है कि व्यक्ति को डाइजेशन में मदद के लिए वज्रासन में बैठकर भोजन करना चाहिए। व्रजासन करने के तरीके और यह आपके लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है? इसके बारे में हमें अक्षर योग संस्थान, हिमालय योग आश्रम, विश्व योग संगठन के संस्थापक, योग और आध्यात्मिक नेता हिमालयन सिद्ध अक्षर जी दे रहे हैं।

एक्‍सपर्ट की राय

हिमालयन सिद्ध अक्षर जी, 'वज्रासन एक घुटने टेकने का आसन है और इसका नाम संस्कृत शब्द वज्र से लिया गया है, जिसका अर्थ हीरा या वज्र होता है। इस डायमंड पोज को कभी-कभी एडमिन्टाइन पोज के नाम से भी जाना जाता है। वज्रासन को डाइजेशन के लिए अनुशंसित किया जाता है और इसे भोजन के ठीक बाद किया जा सकता है।'

'यह मेडिटेशन और प्राणायाम के लिए भी एक अच्छी स्थिति है। वज्रासन शास्त्रीय ध्यान मुद्रा में से एक है, जो हमारे डाइजेस्टिव सिस्‍टम को सबसे प्रभावी तरीके से विनियमित करने में मदद करता है, जब भोजन के तुरंत बाद 15 मिनट के लिए किया जाता है।'

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'वज्रासन न केवल शरीर के मेटाबॉलिज्‍म को बढ़ाता है बल्कि पेट के आस-पास में वजन कम करने में भी मदद करता है, क्योंकि शरीर को सीधे रहने के लिए एक मजबूत कोर की आवश्यकता होती है, जो इस हिस्‍से में मसल्‍स को मजबूत करता है।'

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वज्रासन की विधि

  • इस योग की फर्श पर घुटने टेककर शुरुआत करें।
  • आराम के लिए योगा मैट का इस्‍तेमाल करें।
  • घुटनों और टखनों को एक साथ स्‍ट्रेच करें और पैरों को सीध में रखें।
  • सांस छोड़ते हुए पैरों पर वापस बैठ जाएं।
  • हिप्‍स एड़ियों और जांघें काफ पर टिकी रहनी चाहिए।
  • हाथों को जांघों पर रखें और पेल्विक को थोड़ा पीछे और आगे की ओर तब तक समायोजित करें जब तक आप सहज न हो जाएं।
  • रीढ़ की हड्डी को सीधा करके बैठने की स्थिति में धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
  • शरीर को ऊपर की ओर खींचने के लिए सिर का इस्‍तेमाल करें और टेलबोन को फर्श की ओर दबाएं।
  • चिन को फर्श के समानांतर रखते हुए आगे की ओर देखने के लिए सिर को सीधा करें।
  • हाथों की हथेलियों को जांघों पर आराम से बाजुओं के साथ रखें।

वज्रासन के फायदे

  • मोटापा कम करने में मदद करता है।
  • डाइजेशन में मदद करता है और कब्‍ज से राहत देता है या रोकता है।
  • डाइजेस्टिव एसिडिटी और गैस को ठीक करता है।
  • यह हमारे शरीर द्वारा पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण सुनिश्चित करता है।
  • वज्रासन करने से पेल्विक में ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ता है।
  • पेल्विक मसल्‍स को मजबूत बनाता है। इस प्रकार यह तनाव मूत्र असंयम से पीड़ित महिलाओं के लिए उपयोगी है।
  • यह पीरियड्स की ऐंठन को कम करने में भी मदद करता है।
  • यूरिन संबंधी समस्याओं का इलाज करता है।
  • मन को शांत रखता है। दिमाग को शांत और स्थिर रखने में मदद मिलती है।
  • घुटने के दर्द से राहत दिलाने में मददगार होता है।
  • थाइज की मसल्‍स को मजबूत बनाता है।
  • पीठ दर्द से राहत प्रदान करता है।
  • पेट के निचले हिस्से में ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ाता है।
  • यौन अंगों को मजबूत बनाता है।
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सावधानियां

योग चिकित्सक वज्रासन से बचने का सुझाव देते हैं यदि :

  • घुटने की समस्या है या हाल ही में घुटने की सर्जरी हुई है।
  • रीढ़ की हड्डी की स्थिति, विशेष रूप से निचली कशेरुकाओं के साथ।
  • आंतों का अल्सर, हर्निया, या आंतों की कोई अन्य समस्या।

हालांकि, खाने के बाद योगासन करना विवादास्पद माना जा सकता है। अधिकांश योगिक ग्रंथों में आसनों को खाली पेट करने की सलाह दी गई है। ऐसे में भोजन के तुरंत बाद वज्रासन करने की सलाह दी जाती है।

शरीर के विभिन्न भागों में परिचालित ब्‍लड का अनुपात भिन्न होता है। हालांकि, यह अनुपात विभिन्न गतिविधियों को करते समय उनके विभाजन के अनुसार विशेष अंगों में बढ़ता या घटता है। उदाहरण के लिए, तेज फिजिकल एक्टिविटी के दौरान शामिल मसल्‍स में ब्‍लड फ्लो तेज हो जाता है, जबकि भोजन के तुरंत बाद डाइजेस्टिव सिस्‍टम में इसकी प्रबलता देखी जाती है।

आसान शब्दों में हम कह सकते हैं कि भोजन को सबसे प्रभावी तरीके से पचाने के लिए आंतों को भोजन के तुरंत बाद अधिक ब्‍लड फ्लो की आवश्यकता होती है।

आप भी इस योग की मदद से ये सारे फायदे पा सकती हैं। आपको भी हेल्‍थ से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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Image Credit: Freepik & Instagram

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