कोरोनावायरस के कारण हम सभी ज्यादातर समय अपने घर में रहते है और इसके चलते हमारी मूवमेंट भी बहुत लिमिटेड हो गई है। घर के सारे काम के बीच खुद के लिए समय निकाल पाना काफी मुश्किल होता जा रहा है, जिससे वजन और फैट बढ़ रहा है। इतना ही नहीं घर में तरह-तरह की चीजें जैसे समोसा, मोमोज, चाट, पिज्जा आदि भी बन रहे है जिसका सीधा असर हमारे वेट पर पड़ रहा है। अगर बढ़ता वजन और फैट आपको भी परेशान कर रहा है तो हमारी ये आसान योग गाइड आपको 21 दिन में प्रभावी ढंग से वजन कम करने में काफी काम आ सकती है। अगर आप इस गाइड को फॉलो करेंगे तो आपको 21 दिन में वेट लॉस करने में बहुत हेल्प मिलेगी और आप अपनी बॉडी में बदलाव भी देख पाएंगी।
इसकी शुरुआत आप आसान आसनों से कर सकती हैं। हर दिन एक आसन का अभ्यास करें और परिणाम खुद महसूस करें। इन योगासन के बारे में हमें योग संस्थान के डायरेक्टर डॉक्टर हंसाजी जयदेव योगेंद्र जी बता रहे हैं।
हंसाजी जयदेव योगेंद्र जी का कहना हैं कि ''योग सिर्फ भौतिक शरीर ही नहीं, बल्कि आपके संपूर्ण अस्तित्व के लिए काम करता है। यह सिर्फ एक्सरसाइज नहीं, बल्कि सम्पूर्ण विज्ञान है। विश्व के मौजूदा हालात को देखते हुए हम योग को हमारे भीतर कुछ सकारात्मक और शारीरिक बदलावों के लिए इस्तेमाल कर सकते है, जैसे कि अतिरिक्त वजन कम करना।''
आप पहले दिन की शुरुआत पर्वतासन के सभी अभ्यासों के साथ कर सकते हैं, क्योंकि ये आपके शरीर को खोलते हैं और आपको योगाभ्यास के लिए तैयार करते हैं। इसमें सभी अभ्यासों को जैसे ऊपर की ओर तथा बाद वाला स्ट्रेच और घुमाव वाला अभ्यास शामिल करें। यह आसन 40 की उम्र की महिलाओं को रेगुलर करना चाहिए। इस आसन में हाथ ऊपर उठाने से कांख में खिंचाव होता है, जिससे शरीर में हल्कापन और आराम महसूस होता है। इसके अलावा इससे वजन कम होता है पेट की चर्बी घटती है, रीढ़ की हड्डी और हाथ और उंगालियां मजबूत होती है और पीठ और कंधों का दर्द ठीक होता है।
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दूसरे दिन आपको अर्धमत्स्येन्द्रासन करना है। यह आपकी मुख्य मांसपेशियों को टोन करता है और पेट की चर्बी कम करता है। इसके अलावा इस योगासन को रोजाना करने से आपके शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ती है। यह डायबिटीज को कंट्रोल में करता है और कंधों और गर्दन में स्ट्रेच आने के कारण, इसे मजबूत बनाता है। इसे रोजाना करने से आपका डाइजेस्टिव सिस्टम भी ठीक रहता है जिससे कब्ज की समस्या नहीं होती है और वजन कम होता है।
भुजंग को अंग्रेजी में कोबरा कहते हैं और चूंकि यह दिखने में फन फैलाए एक सांप जैसे आकार का आसन है, इसलिए इस आसन का नाम भुजंगासन रखा गया है। भुजंगासन करने से वजन कम होने के साथ-साथ पेट की चर्बी भी तेजी से कम होती है। यह न सिर्फ पेट की मांसपेशियों को टोन करता है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाता है। इसके अलावा यह आपकी बॉडी को फ्लैक्सिबल बनाती है। इसके अलावा चेहरे में ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरह से करता है जिससे त्वचा टाइट होती है। इस योगासन को करने से चेहरे की नसों में कई तरह के स्ट्रेच आते है जिससे चेहरे की झुर्रियां कम होती है। अगर आप वजन कम करने के साथ चेहरे की झुर्रियों को भी दूर करना चाहती हैं तो इस योगासन को तीसरे दिन करें।
भुजंगासन नियमित रूप से करने पर पीठ दर्द में आराम मिलता है। इस आसन के कई सारे फायदे हैं। #YogaDay2019 pic.twitter.com/QtyK8lzpsc
— Narendra Modi (@narendramodi) June 16, 2019
यह आसन आपके पेट के हिस्से पर काफी प्रेशर डालता है, क्योंकि आपके पूरे शरीर का संतुलन नाभि के आसपास के क्षेत्र से होता है। धनुरासन को भी पावर योग ही माना जाता है। इसे करने से बॉडी अच्छे से डिटॉक्स हो जाती है, जिससे मुंहासों का आना कम होता है और स्किन पर गजब का निखार आने लगता है। यानि इस योगासन को करने से वेट लॉस के साथ-साथ चेहरे पर ग्लो भी आता है।
यह पैरों की मसल्स को मजबूत बना कर टोन करता है और शरीर का संतुलन कायम रखता है। इसके अलावा यह आसन न सिर्फ नसों को ठीक करता है, बल्कि शरीर के कसे हुए जोड़ों को भी खोलता है। कंधों की जकड़न दूर करने के साथ यह दिमाग को भी स्थिर बनाता है और तनाव को दूर करता है। इसके अलावा यह जांघों के फैट को भी कम करता है।
यह आसन कटि प्रदेश को प्रभावित करता है और पेट और पीछे की मांसपेशियों में लचीलापन और बेहतर आकार लाता है। जी हां यह आसन पेट को शेप में लाने के साथ-साथ हाथ एवं पैर को मजबूत करता है और हाथ एवं पैर की बीमारियों को दूर करता है। साथ ही यह जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
यह उदर की मांसपेशियों का आकार बेहतर करता है और मेरूदण्ड का लचीलापन बढ़ाता है। यह कटि प्रदेश के आसपास जमा वसा को कम करने का बहुत कारगर आसन है। पीठ के दर्द से निजात, रीढ़ की हड्डी को लचीला, कब्ज़ में राहत देने के साथ ही साइटिका रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
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यह शुरुआत करने वालों के लिए बहुत सरल आसन है जो न सिर्फ शरीर को कई फायदे देता है, बल्कि दिमाग के लिए भी अच्छा है। उदर पर पड़ने वाले प्रेशर के साथ यह एक्स्ट्रा फैट बर्न करता है और उदर में गैस की समस्या भी खत्म करता है। जी हां योग यह मानता है कि शरीर में अगर वायु हो तो वह खाली जगह पर अपना घर बना लेती है और जोड़ों के दर्द को बढ़ा देती है। पवनमुक्तासन से इस वायु को शरीर से बाहर फेंका जा सकता है।
Pawanmuktasana is a useful Asana which has multiple benefits. Have a look at this video. #4thYogaDay pic.twitter.com/LZuPnQAmmm
— Narendra Modi (@narendramodi) May 21, 2018
इस योग को पेट को सिकोड़ने से पेट में जमा चर्बी को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा इस योगासन को करने से आप रोजमर्रा के तनाव को भी आसानी से दूर कर सकती हैं। नौंवे दिन आप पश्चिमोत्तासन करें।
यह थायराइड ग्रंथि के काम को बेहतर करता है जो शरीर में वजन को नियमित करने का काम करती है। इस आसन में बॉडी के सारे अंगों की एक्सरसाइज एक साथ हो जाती है इसलिए इसे सर्वांगासन का नाम दिया गया है। जी हां अगर आप दसवें दिन इस आसन को करेंगे तो वजन कम होने के साथ आपका ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और एनर्जी का लेवल भी बना रहता है। इसके अलावा यह आसन आपके बालों और चेहरे की सुंदरता को भी कई गुणों बढ़ा देता है।
यह आसन शरीर की कोमलता और लचीलेपन के लिए सबसे अच्छी मुद्रा है। यह आपकी कमर की मांसपेशियों और उदर की दीवारो को टोन करता है। जी हां त्रिकोण' का अर्थ होता है त्रिभुज और आसन का अर्थ योग है। यानि इस आसन में शरीर त्रिकोण की आकृति का हो जाता है, इसीलिए इसका नाम त्रिकोणासन रखा गया है। इस आसन को करने से आप अपनी हड्डियों को मजबूत रख सकते हैं। इसके अलावा इस योग को करने से कमर दर्द को कम करने और मोटापा कम करने के साथ-साथ डायबिटीज को काबू करने में बड़ी भूमिका निभाता है
आपको योग रुटीन के 12वें दिन उष्ट्रासन करना है। इस आसन को करने से न सिर्फ आपके पेट, बल्कि जांघों की चर्बी भी कम होगी। इसके अलावा इस योगासन को करने से पीठ, कंधे मजबूत होंगे और लचीलेपन में सुधार होता है, डाइजेशन बढ़ता है, सीना मजबूत होता है और पीठ और कंधों को मजबूती देता है। साथ ही पीठ के निचले हिस्से में दर्द से छुटकारा दिलाता है। रीढ़ की हड्डी में लचीलेपन एवं मुद्रा में सुधार भी लाता है। महिलाओं की पीरियड्स की प्रॉब्लम्स को दूर करता है।
पैरों की मासंपेशियों को बेहतर करने के लिए शरीर की मुख्य मांसपेशियों को बेहतर बनाए रखता है। जी हां इसे चेयर पोज के नाम से भी जाना जाता है। इसमें आप एक काल्पनिक कुर्सी पर बैठते हैं। इससे आपके जांघों के साथ-साथ आपके कूल्हे और पिंडली भी मज़बूत होती है। आपकी बॉडी का वेट पैरों पर पड़ता है, खासकर हिप्स और थाई की मसल्स पर। इससे ना ही आपके पैर टोन होंगे बल्कि उस पूरे हिस्से की मसल्स भी मजबूत होंगी और फैट भी कम होगा।
यह मुख्य मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और मस्तिष्क का संतुलन बेहतर रखता है। जी हां 14 वें दिन आपको इस आसन को करना है। इस आसन से आपके हाथ, सीने और हिप्स की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह आपके दिल के लिए अच्छा है और अस्थमा में फायदेमंद है। यह थायरॉइड और पिट्यूटरी ग्लैंड को स्टिम्युलेट करता है और डिप्रेशन को कम करता है। इस आसन को करने पर आपकी मुद्रा चक्र के तरह हो जाती है इसलिए इसे चक्रासन कहा जाता है। जी हां चक्रासन या व्हील पोज में शरीर को पीछे की तरफ स्ट्रेच करने की जरूरत होती है। इसमें आप किसी पहिये की शेप में अपने शरीर की स्ट्रेचिंग करते हैं। इस योगासन को सुबह खाली पेट और रात में खाने-पीने के 4-6 घंटे बाद करें।
यह कूल्हों, जांघों, एडियों, छाती, कंधों, बांहों और कलाइयों को लचीला बनाते हुए इन्हें और खोलने का काम करता है।
वजन कम करने के लिए शरीर और मस्तिष्क को शांत रखना भी बहुत जरूरी है, और शवासन आपको इसी राह पर ले जाता है। शवासन से नर्वस व मस्कुलर सिस्टम बैलेंस होता है, किसी भी प्रकार की चिड़चिड़ापन दूर करता है। ये सभी आसन में सबसे आसान है जो तनाव को दूर करने में हेल्प करता है। तनाव एक ऐसी परेशानी है, जो आपके वजन को भी बढ़ाता है!
यह पावर योग है जो एक साथ पूरी बॉडी पर काम करता है। इसे करने से पूरे शरीर की चर्बी को खत्म करने के लिए प्राचीन और बहुत अच्छे व्यायाम सूर्य नमस्कार का अभ्यास करें। सूर्य नमस्कार को सुबह के समय सूरज की ओर चेहरे करके ही करना चाहिये क्योंकि सूरज हमें एनर्जी प्रदान करता है। ऐसा माना जाता है कि रोज 5-10 मिनट सूर्य नमस्कार करने के बाद आपको कोई आसन करने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है। रोजाना सूर्य नमस्कार करने से आप कई बीमारियों को दूर रह सकती हैं। हेल्थ के प्रति जागरूक महिलाओं के लिए सूर्य नमस्कार एक वरदान है। इससे न केवल बॉडी की एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न होती है बल्कि पेट की मसल्स भी सही शेप में आ जाती है। इसके अलावा सूर्य नमस्कार रेगुलर करने से महिलाओं के पीरियड्स से जुड़ी सभी प्रॉब्लम दूर होती है, शरीर में लचीलापन आता है, पेट ठीक रहता है, चेहरे पर गजब का निखार आता है और यह झुर्रियां आने से रोकता है जिससे आप लंबे समय तक जवां और खूबसूरत दिखती है।
यह कटि को घुमाने का एक सरल आसन है, जो कमर के पीछे की चर्बी को दूर करता है। इसके अलावा इस आसन को लगातार करने से वेट बैलेंस में रहता है। रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है शरीर में लचीलापन आता है। वक्रासन के निरंतर अभ्यास से हमारे शरीर में नर्वस सिस्टम मजबूत हो जाता है और स्फूर्ति प्रदान करता है और इसके साथ-साथ गर्दन का दर्द कमर कब्ज बाद में फायदेमंद होता है। वक्रासन करने से लीवर, किडनी, पेनक्रियाज पर असर होता हैं जिससे यह अंग हेल्दी रहते हैं। इसे रेगुलर करने से स्पाइनल कार्ड मजबूत होता है। हर्निया के रोगियों को भी इस आसन से बहुत फायदा मिलता है।
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19 वें दिन आपको शलभासन करना है। यह वजन कम करने के साथ पेट की चर्बी को कम और जांघों को सही आकार देता है। साथ ही पेट की गुहिका पर दबाव डालता है। साथ ही यह आसन पीठ, हाथों और कंधों की मजबूती व लचीलापन बढ़ाता है। गर्दन और कंधों की नसों को आराम और मजबूती देता है। डाइजेशन को सुधारता है और पेट के अंगों को भी मजबूत बनाता है।
वजन कम करने की प्रक्रिया के लिए अच्छा प्रवाह भी जरूरी है और यह आसन इसी में आपकी पूरी हेल्प करता है। आप मेनोपॉज की तरफ बढ़ रही हैं, यानि अगर आपकी उम्र 45 के पार है तो इस आसन को जरूर करें। इससे प्रजनन सिस्टम में ब्लड सर्कुलेशन होगा और सेहत में सुधार होगा। इसके अलावा इससे पेट, लीवर, किडनी, पैनक्रियाज, अग्नाशय, मूत्राशय और वेरिकोज वेंस रोगों में फायदा मिलता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और सभी अंग सुचारु रूप से काम करते है। साथ ही इस आसन को करने से चेहरे का ग्लो भी बढ़ता है।
मस्तिष्क को शांत करने और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए यह बहुत ही उपयोगी आसन है। ओम सिर्फ एक पवित्र ध्वनि ही नहीं बल्कि अनन्त शक्ति का प्रतीक है। ‘ॐ’ शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है..अ उ और म। अ का मतलब होता है उत्पन्न होना, उ का मतलब होता है उठना यानी विकास और म का मतलब होता है मौन हो जाना यानि कि ब्रह्मलीन हो जाना। ‘ॐ’ शब्द का उच्चारण करने से हार्ट और पाचन तंत्र दोनों ही ठीक रहते है। जिससे वेट लॉस में आसानी होती है। यहां तक इसे रोजाना करने से नींद ना आने की समस्या कुछ समय में ही दूर हो जाती है। इसलिए सोने से पहले भी ‘ॐ’ शब्द का उच्चारण करना चाहिए।
वजन तेजी से कम करने के लिए यह जरूरी है कि योग का नियमित अभ्यास किया जाए। इसके साथ ही स्वास्थ्यप्रद भोजन और अच्छी नींद भी जरूरी है। हर रोज अभ्यास करें और खुद को एक नए स्वरूप में प्रस्तुत करें! तो देर किस बात की आज से ही इन योगासन को अपने रुटीन में शामिल करें। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़े रहें।
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