एक महिला की प्रजनन/ रिप्रोडक्टिव सिस्टम शरीर में सबसे ज्यादा नाजुक और कॉम्प्लेक्स सिस्टम है। इसे संक्रमण और चोट से बचाने और कई समस्याओं को रोकने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने महत्वपूर्ण हैं। यंग लाइफस्टाइल चॉइस फर्टिलिटी पर बड़ा और बुरा असर डालते हैं। कई युवा प्रजनन और सेक्स संबंधित जानकारी से आज भी अनजान हैं और इसके बारे में बात करने से भी बचते हैं। इसलिए यह सही समय है जब हमें इससे जुड़े स्टिग्मा को तोड़ना चाहिए और इन बातों पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए। स्त्री रोग विशेषज्ञ सुमिता प्रभाकर से जानें कि महिलाओं को रिप्रोडक्टिव हेल्थ का किस तरह ख्याल रखना चाहिए।
बर्थ कंट्रोल पिल
जब भी बर्थ कंट्रोल के बारे में सोचें तो उससे पहले अपने डॉक्टर से बात करें। बाजारों में उपलब्ध कंट्रोल पिल्स के भी कई साइड इफैक्ट्स होते हैं। इसकी वजह से मूड स्विंग्स, कम कामेच्छा, वेट गेन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। एक 2019 की स्टडी में पाया गया कि 18 से 35 वर्ष की लगभग 7000 पॉलिश महिलाओं पर किया गया था। इसमें पाया गया कि 68 प्रतिशत ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल कर रही थी, जिन्होंने ऐसे ही साइड इफेक्टस का अनुभव किया था। इसकी बजाय आप अपने डॉक्टर की सलाह से कॉपर यूआईडी और सिलिकॉन डायफ्राम जैसे विकल्पों को चुन सकती हैं।
मेंस्ट्रुअल हाईजीन
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस फेज में आप अक्सर चिड़चिड़ी हो जाती हैं। तनाव और चिंता घेर लेती है। पीरियड्स के दौरान हमेशा हाईजीन का ख्याल रखें। पैड्स, टैंपोन या मेंस्ट्रुअल कप आपको जो ठीक लगे आप उसी का इस्तेमाल करें। हर 3-4 घंटे में इन्हें बदलें। आराम करें और ऐसे काम में खुद को व्यस्त रखें जिससे आपको सुकून मिले। योग और मेडिटेशन करें। अपने पीरियड्स को ट्रैक करें और अगर आपको कोई अनियमितता का सामना करना पड़ता है तो डॉक्टर से सलाह लें।
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सेफ सेक्स
बर्थ कंट्रोल एसटीआई प्रोटेक्शन के लिए काम नहीं आ सकता। हमेशा अपने पार्टनर से सेक्सुअल एक्टिविटी पर बात करें। फिजिकल एक्टिविटी के दौरान हमेशा प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें। यह भी याद रखें कि प्रीकॉशन एचपीवी से बचाव नहीं करते हैं। 11 साल की उम्र से लड़कियों को एचपीवी टीकाकरण लग सकता है, जो जेनिटल वॉर्ट्स और सर्वाइकल कैंसर से बचाता है। वहीं 2018 से, 26 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं भी एचपीवी के टीके लगवा सकती हैं। इसके लिए अपने डॉक्टर से परामर्श ले सकती हैं।
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बुरी आदतों से दूरी
शराब और स्मोकिंग आपके रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर बुरा असर डालते हैं। ये Gametes और होर्मोन को प्रभावित करते हैं। स्मोकिंग की वजह से आर्टरीज बंद हो सकती हैं और Vasospasm का कारण बन सकता है। इससे रिप्रोडक्टिव डिसऑर्डर हो सकता है।
हाइड्रेट रहें
स्वस्थ रिप्रोडक्टिव सिस्टम के लिए पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है। डिहाईड्रेशन के कारण वेजाइना ड्राई हो सकती है, जिससे आपको फिजिकल एक्टिविटी के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा पानी की कमी से बैक्टेरिया और यीस्ट इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। वेजाइनल इंफेक्शन जैसे खुजली और जलन की समस्या भी उत्पन्ना हो सकती है।
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