महिलाएं वेजाइना से जुड़े हेल्थ इशुज के बारे में चर्चा करने से कतराती हैं और इसी वजह से वे अनजाने में कुछ ऐसे काम भी करती हैं, जिसकी वजह से बाद में उन्हें प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है। टीनेज से पीरियड्स होने का अनुभव, फिजिकल इंटिमेसी, बच्चा होने जैसी चीजों से महिलाएं वैजाइना की केयर करना अमूमन सीख जाती हैं। कुछ बेसिक चीजें जैसे कि डाउचिंग नहीं करना, ज्यादा देर तक टैंपोन को ना रखना, नियमित रूप से पैपस्मियर का टेस्ट कराना के बारे में महिलाएं ध्यान रखती हैं। लेकिन इसके अलावा भी बहुत सी चीजें हैं, जो महिलाओं के लिए जानना जरूरी है। इन्हें अपनाकर वेजाइनल प्रॉब्लम्स से बचा जा सकता है-
अगर महिलाओं को हैवी ब्लीडिंग हो रही है और पीरियड्स की डेट के बीच में भी ब्लीडिंग हो तो उन्हें इस बारे में अपनी गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि हैवी ब्लीडिंग फाइब्रॉइड्स (बिनाइन यूट्रीन ट्यूमर्स), एनीमिया, हार्मोनल समस्याएं जैसे कि पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जैसी प्रॉब्लम्स होने का संकेत हो सकते हैं। रेयर कंडिशन में इससे सर्वाइकल, यूट्रीन और ओवेरियन कैंसर होने की आशंका भी होती है।
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कई बार वैजाइना में खुजली या डिस्चार्ज होने पर महिलाएं उसे यीस्ट इन्फेक्शन मसझकर खुद से एंटी फंगल क्रीम लगा लेती हैं। लेकिन जरूरी नहीं है कि प्रॉब्लम की वजह फंगल इन्फेक्शन हो। वैजिनोसिस और ट्रिच जैसी समस्याओं में लक्षण यीस्ट इन्फेक्शन जैसे ही होते हैं। इसीलिए दवा लेने से यह इस बारे में तस्दीक करना बहुत जरूरी है। वैजिनोसिस और ट्रिच का इलाज आसानी से हो जाता है। ट्रिच की समस्या होने पर डॉक्टर अमूमन एंटीबायोटिक दवाएं लेने की सलाह देते हैं।
अगर आप वैजाइना से आने वाली बदबू से परेशान होकर इस हिस्से में किसी वैजाइनल पाउडर या बेबी पाउडर का इस्तेमाल करती हैं तो इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च की एक रिसर्च में यह बात कही गई कि पाउडर लगाने की आदत की वजह से ओवेरियन कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। इस स्टडी में कहा गया कि वैजाइनल पाउडर जैनिटल ट्रैक्ट तक पहुंच सकता है और इससे वेजाइना में जलन महसूस हो सकती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार वेजाइना को ड्राई रखने के लिए महिलाओं को कॉटन पैंटी पहननी चाहिए और उन्हें कम अंतराल में बदलना चाहिए। टाइट फिटिंग पैंट या जींस पहनने से बचना चाहिए और रात में खुले-खुले कपड़े पहनने चाहिए ताकि वैजाइना के हिस्से में ब्रीदिंग स्पेस रहे।
प्रेग्नेंसी के दौरान और उसके बाद महिलाएं आमतौर पर कीगल एक्सरसाइज करती हैं। लेकिन अगर बाद में महिलाएं ये एक्सरसाइज करना छोड़ देती हैं तो उन्हें यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी में यह समस्या होती है, उन्हें बाद में इससे पीड़ित होने की आशंका हो सकती है। यह समस्या पेल्विक एरिया की मांसपेशियों के कमजोर होने से होती है। इसकी वजह से एक्सरसाइज करते हुए, खांसते हुए या हंसते हुए यूरीन लीक होने की समस्या होती है।
कई महिलाएं एक या दो पीरियड्स मिस हो जाने पर गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल यह सोचकर छोड़ देती हैं कि अब उनके मेनोपॉज की शुरुआत हो रही है। लेकिन यह सही नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक आपको पीरियड्स हो रहे हैं तब तक आपके प्रेग्नेंट होने की संभावना बनी रहती है। प्यू रिसर्च सेंटर के एक विश्लेषण में पाया गया कि 35 और ऊपर की 14 फीसदी महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया और इनमें से आधी से ज्यादा प्रेग्नेंसी एच्छिक नहीं थीं। ऐसे में जब तक आप प्रेग्नेंसी प्लान नहीं कर रही हों तब तक गर्भ निरोध के तरीकों का इस्तेमाल करते रहें। जब तक कि आपके पीरियड्स को खत्म हुए एक साल से ज्यादा ना बीत गया हो, तब तक बिना गर्भ निरोधक के फिजिकल इंटिमेसी सेफ नहीं मानी जा सकती।
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