बच्चे स्वाभाविक रूप से फुर्तीले और ऊर्जावान होते हैं, इसलिए तरह-तरह के योग आसनों का अभ्यास उन्हें अपनी गतिशील जीवनशैली के साथ बहुत दिलचस्प लगेगा। योग एक प्राचीन और पारंपरिक विज्ञान है, जो हमारी भलाई और स्वास्थ्य के लिए अद्भुत तकनीकें प्रदान करता है। यह महत्वपूर्ण है कि योग को हम अपने बच्चों के जीवन का एक मजेदार हिस्सा बनाएं। हमें हमारे बच्चों के साथ आसनों का अभ्यास करना चाहिए, इससे उन्हें आसनों के नाम सीखने और गठन करने में आसानी होगी।
एक साथ योग करने से आपसी समझ बढती है एवं एक दूसरे से सीखेंगे और विकसित होंगे, साथ ही बच्चों को योग के मैट पर मौज-मस्ती करने दें, इससे उन्हें योग करने में आनंद की अनुभूति होगी। योगाभ्यास को गंभीर मामला न बनाएं। बच्चों का ध्यान आकर्षित करने और उसकी कल्पना शक्ति को विकसित करने के लिए इसे हल्का, मज़ेदार और दिलचस्प रखें।
शुरूआत के कुछ हफ्तों में आदत डालने के लिए बच्चों के साथ योग का अभ्यास रोज सुबह की दिनचर्या में शामिल करने का प्रयास करें और धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से यह उनके लिए आजीवन आदत बन जाएगी। अपने बच्चों को योग की आदत डालने में मदद करने के लिए उसके साथ कम से कम दो से तीन सप्ताह तक निम्नलिखित आसनों का अभ्यास करें।
अधोमुखश्वानासन
- अपनी हथेलियों और घुटनों से शुरू करें।
- हथेलियों को कंधों के नीचे और घुटनों को हिप्स के नीचे करें।
- इस आसन के गठन के लिए हिप्स को ऊपर उठाकर घुटनों को सीधा करें।
- उल्टा 'वी' आकार बनाने के लिए अपने पैरों को संयोजित करें।
- एड़ी को फर्श से छूने की कोशिश करें।
- कुछ सेकेंड के लिए इस आसन में रहें।
वृक्षासन
- इस योगासन को समस्त स्थिति से शुरू करें।
- सीधी खड़े हो जाएं और अपने पैरों को एक साथ रखें।
- दाहिने पैर को मोड़ें और बाएं पैर की भीतरी जांघ पर रखें।
- दूसरे पैर से दोहराएं
- सांस लें और अपनी हथेलियों को अपने चेस्ट के सामने नमस्कार मुद्रा में एक साथ लाएं।
- अपनी रीढ़ सीधी रखें।
बालासन
- चटाई पर एड़ियों के बल बैठ जाएं।
- सांस लें और सांस छोड़ते हुए अपने ऊपरी शरीर को झुकाते हुए आगे की ओर झुकें।
- माथे को नीचे रखें और अपने पेल्विक को एड़ियों पर टिकाएं।
पादहस्तासन
- सांस छोड़ते हुए अपने ऊपरी शरीर को आगे की ओर मोड़ें।
- सिर नीचे करें और कंधों और गर्दन को आराम दें।
- अगर आप शुरुआत कर रहे हैं, तो अपने घुटनों को थोड़ा मोड़ लें।
- हथेलियों को अपने पैरों के पास रखें।
- इस आसन में कुछ देर रुकें।
पश्चिमोत्तानासन
- जमीन पर बैठ जाएं और दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाएं।
- सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और पैर के बड़े अंगूठे को अपने हाथ से पकड़ें।
भस्त्रिका प्राणायाम
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- किसी भी आरामदायक मुद्रा (जैसे सुखासन, अर्धपद्मासन या पद्मासन) में बैठें।
- अपनी पीठ को सीधा करें और अपनी आंखें बंद करें।
- हथेलियों को अपने घुटनों पर ऊपर की ओर (प्राप्ति मुद्रा में) रखें।
- सांस लें और अपने फेफड़ों में हवा भरें।
- पूरी तरह से सांस छोड़ें।
- सांस लेना और छोड़ना 1:1 के अनुपात में किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप 6 काउंट के लिए सांस लेते हैं, तो आपको सांस छोड़ने के लिए 6 काउंट्स लेने चाहिए।
बच्चों को पहले कुछ हफ्तों के अभ्यास में शामिल करके योग की आदत डालें। बात करने की बजाय, जब उन्हें कोई गतिविधि प्रदर्शित करते हैं तब बच्चे बेहतर सीखते हैं। बच्चों को भी अपनी नियमित दिनचर्या में प्राणायाम और ध्यान के अभ्यासों को शामिल करना चाहिए। ध्यान का अभ्यास बच्चों को शांत रहने में मदद करता है और मजबूत रक्षा तंत्र का निर्माण करने में भी मदद करता है। आप भी अपने बच्चों को हेल्दी रहने में मदद के लिए आज से ही ये योगासन करने की आदत डालें। फिटनेस से जुड़ी और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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