डाइजेशन को बेहतर बनाता है नौकासन, जानिए कैसे

अगर आप अपने डाइजेशन को चुस्त व तंदरुस्त रखना चाहती हैं तो ऐसे में आपको नौकासन का अभ्यास जरूर करना चाहिए। इससे आपको कई फायदे मिलते हैं।
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एक हेल्दी लाइफ जीने के लिए जरूरी है कि आपका डाइजेशन सही तरह से काम करे। आप जो भी खाते हैं, वह कितना बेहतर तरीके से पचता है और आपका शरीर कितना बेहतर तरीके से काम करता है, यह सबकुछ आपके डाइजेशन सिस्टम पर निर्भर करता है। डाइजेशन सिस्टम को दुरूस्त करने का सबसे बेहतर तरीका है योगा करना। यूं तो अपने डाइजेशन का ख्याल रखने के लिए आप कई तरह के योगासनों का सहारा ले सकती हैं, लेकिन नौकासन इसमें सबसे अच्छा माना जाता है। नौकासन आपके डाइजेशन को बेहतर बनाने के साथ-साथ कोर स्ट्रेन्थ को भी मजबूत बनाता है। नौकासन करने से आपका बॉडी बैलेंस बेहतर होता है, बल्कि पेट की मसल्स को टारगेट करता है। इसलिए, यह आपके पाचन तंत्र के लिए एक मिनी वर्कआउट की तरह काम करता है। तो चलिए आज इस लेख में

ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको बता रहे हैं कि नौकासन से आपके डाइजेशन को किस तरह फायदा मिलता है-

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कोर की मसल्स को मिलती है मजबूती

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जब आप नौकासन का अभ्यास करती हैं तो इससे आपकी पेट की मसल्स एक्टिव होती हैं और उन्हें मजबूती मिलती है। जिससे डाइजेशन सही तरीके से काम करता है। पेट के अच्छे मूवमेंट से अपच, ब्लोटिंग और कब्ज जैसी समस्याएं दूर रहती हैं।

पेट के अंगों की होती है मसाज

नौकासन का अभ्यास करने से पेट के अंगों की भी मसाज होती है। दरअसल, इस आसन में पेट और आंतों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे पाचन अंग जैसे लिवर, पैनक्रियास और आंतें एक्टिव होती हैं। यह पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ाता है, जिससे खाना जल्दी और अच्छे से पचता है। साथ ही, इससे शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व मिलते हैं।

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पेट में ब्लड सर्कुलेशन होता है बेहतर

नौकासन का अभ्यास करने का फायदा यह होता है कि इससे पेट में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। जब पेट के हिस्से में खून का बहाव तेज होता है, तो इससे ऑक्सीजन और पोषक तत्व सही मात्रा में पहुंचते हैं। बेहतर ब्लड सर्कुलेशन आपके डाइजेस्टिव फंक्शन को बेहतर बनाने और उसके भीतर किसी भी छोटी- मोटी समस्या के इलाज में मददगार है।

पेट की चर्बी होती है कम

जब आप हर दिन नौकासन का अभ्यास करते हैं तो इससे पेट की चर्बी को कम करने में मदद मिलती है। पेट की अतिरिक्त चर्बी आपके डाइजेशन पर नेगेटिव इफेक्ट डालती है। दरअसल, पेट की अतिरिक्त चर्बी आपके इंटरनल ऑर्गन को कंप्रेस कर सकती है। जिससे पाचन धीमा हो सकता है और एसिड रिफ्लक्स और अपच का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन पेट की अतिरिक्त चर्बी कम होने से इन सभी परेशानियों की संभावना कम हो जाती है।

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पोश्चर होता है इंप्रूव

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अक्सर काम करते हुए हम झुककर बैठते हैं और ऐसे में बैड पोश्चर की वजह से डाइजेस्टिव ऑर्गन कंप्रेस हो सकता है। जिसकी वजह से अपच या एसिड रिफ्लक्स हो सकता है। लेकिन जब आप नौकासन का अभ्यास करती हैं, तो इससे पीठ और कोर की मसल्स मज़बूत होती हैं और इसे पोश्चर भी इंप्रूव होता है, जिससे पाचन तंत्र पर दबाव कम होता है।

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Image Credit- freepik

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