बचपन एक ऐसी उम्र होती है, जब मन उत्सुक होता है, आंखों में हजारों सपने होते हैं और हमारा दिल हर नई चीज़ को जानने के लिए बेचैन रहता है। बचपन की दुनिया रंग-बिरंगी कल्पनाओं, कहानियों और नए अनुभवों से भरी होती है। इस उम्र में कहानियां बच्चों की सबसे अच्छी साथी बन जाती हैं। वे न केवल उनका मनोरंजन करती हैं, बल्कि उन्हें जीवन के मूल्य, नैतिकता और कल्पनाओं की उड़ान भी सिखाती हैं। किताबें बच्चों को एक नई दुनिया में ले जाती हैं, जहां जानवर बोलते हैं, राजकुमारियां जादू करती हैं और सामान्य बच्चे असाधारण कारनामे कर दिखाते हैं। आज भी, टेक्नोलॉजी के युग में, बच्चों के मानसिक विकास और रचनात्मक सोच के लिए किताबों का कोई विकल्प नहीं है। हाउस ऑफ बुक्स में शामिल कुछ शानदार मनोरंजन से भरपूर किताबों के विकल्प के जरिए आप अपने बच्चों के बचपन को यादगार बना सकते हैं और साथ ही उनमें पढ़ने की ललक भी विकसित कर सकते हैं।
क्या मनोरंजन की किताबें बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं?
बचपन में अगर कोई चीज़ बच्चों को सबसे ज़्यादा आकर्षित करती है, तो वह है, मनोरंजन। जब किताबों में भी मनोरंजन का तड़का हो, तो बच्चे खुद-ब-खुद उनकी ओर खिंच सकते हैं। मनोरंजन की किताबों की बात करें तो जैसे पंचतंत्र, चाचा चौधरी, अकबर-बीरबल, तेनालीराम, कॉमिक्स और साहसिक कहानियां बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। ये कहानियां मज़ेदार पात्रों, रोचक घटनाओं और कल्पनाओं से भरपूर होती हैं, जिससे बच्चों को पढ़ने में आनंद आता है, न कि बोझ महसूस होता है। जब कोई बच्चा पहली बार किसी मज़ेदार कहानी में खो जाता है, तो वह पढ़ने को एक खेल या रोमांच की तरह महसूस करता है। यही अनुभव उसे आगे और पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकता है। धीरे-धीरे यही आदत अध्ययन, ज्ञान और सोचने-समझने की गहराई तक पहुंचती है। हम कह सकते हैं कि हां, मनोरंजन की किताबें बच्चों को पढ़ने की ओर प्रोत्साहित करने का एक बहुत ही उपयोगी माध्यम हैं। यदि शुरुआत रोचक और मज़ेदार हो, तो पढ़ना बच्चों की पसंदीदा आदत बन सकती है। अभिभावकों और शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को ऐसी Books उपलब्ध कराएं जो न सिर्फ शिक्षा देने वाली हों, बल्कि उन्हें हंसी, कल्पना और आनंद की दुनिया में भी ले जाएं।
किस उम्र में किस प्रकार की किताबें बच्चों को पढ़नी चाहिए?
हर उम्र के बच्चों की समझ, रुचि और कल्पनाशक्ति अलग-अलग होती है। इसलिए यह ज़रूरी है कि उन्हें उनकी उम्र और मानसिक विकास के अनुसार ही किताबें पढ़ने को दी जाएं। सही उम्र में सही किताबें बच्चों के मानसिक विकास, भाषा कौशल और सोचने की क्षमता को निखारती हैं। जैसे;
- 3 से 5 वर्ष के बच्चे- इस उम्र के बच्चों को रंग-बिरंगी चित्रों वाली किताबें पसंद आती हैं। इन किताबों में जानवरों, पक्षियों, खिलौनों और परिवार की सरल कहानियां होती हैं। जैसे ; चित्र कथा, पिक्चर बुक्स आदि।
- 6 से 8 वर्ष के बच्चे- जब बच्चे अक्षर पहचानने लगते हैं और खुद से पढ़ने की कोशिश करते हैं। उनके लिए सरल भाषा और छोटे वाक्यों वाली कहानियां सही होती हैं। जैसे ; पंचतंत्र, अकबर-बीरबल आदि।
- 9 से 12 वर्ष के बच्चे - इस उम्र में अधिकतर बच्चों की कल्पनाशक्ति तेज़ हो जाती है। ऐसे में उन्हें रोमांच, जादू और साहसिक कहानियां आकर्षित कर सकती हैं। वे कॉमिक्स, छोटे Novels और ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढ़ सकते हैं। जैसे; चाचा चौधरी, हैरी पॉटर, नंदन, चंपक, बाल ज्ञानकोश आदि।
- 13 वर्ष और उससे ऊपर - इस उम्र में बच्चे जटिल विषयों को समझने लगते हैं। उन्हें प्रेरणादायक जीवनियां, सामाजिक कहानियां और विज्ञान से जुड़ी किताबें दी जा सकती हैं। जैसे ; अब्दुल कलाम की जीवनी, विज्ञान पर आधारित कहानियां, ऐतिहासिक और सामाजिक उपन्यास आदि।
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