Devdutt Pattanaik की वो किताबें जो बदल सकती है आपकी सोच और समझ की दिशा!

यदि आपको भारतीय संस्कृति, सभ्यता और हिन्दू धर्मों के बारे में जानने की ललक है तो यहां देवदत्त पटनायक की कुछ ऐसी पुस्तकों के विकल्प मौजूद है जो आपके समझ और सोच की दिशा में परिवर्तन लाने में मददगार साबित हो सकते हैं।

Devdutt Pattanaik किताबें
Devdutt Pattanaik किताबें

भारत एक ऐसा देश है जहां कथाएं, पुराण, धर्म और संस्कृति सिर्फ आस्था का हिस्सा नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी का आधार भी हैं। रामायण, महाभारत, वेद-पुराण और अनगिनत लोककथाएं हमारे समाज के विचारों, मूल्यों और परंपराओं को दिशा देती हैं। लेकिन समय के साथ इन कहानियों की व्याख्या, समझ और प्रस्तुति में बदलाव की जरूरत महसूस हुई है और इसी जरूरत को पूरा किया प्रसिद्ध लेखक, चित्रकार और मिथक विशेषज्ञ देवदत्त पटनायक ने। देवदत्त पटनायक ने भारतीय पौराणिक कथाओं को एक नए नजरिए से देखा और उन्हें इतनी सरल, वैज्ञानिक और तर्कसंगत भाषा में प्रस्तुत किया कि आम पाठक भी उनसे आराम से जुड़ सकते हैं। उनकी किताबें न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करती हैं, बल्कि ये हमें हमारी संस्कृति, सामाजिक ढांचे और जीवन के गहरे अर्थों को समझने का मौका भी देती हैं। चाहे वह रामायण की व्याख्या हो, महाभारत की गहराई, शिव के रहस्य हों या फिर व्यवसाय और नेतृत्व में भारतीय दर्शन की भूमिका, देवदत्त पटनायक की Books हर विषय पर एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। अगर आप भी भारतीय संस्कृति को आधुनिक संदर्भों में समझना चाहते हैं, तो रीडिंग कॉर्नर में आपको देवदत्त पटनायक की कुछ ऐसे किताबों को विकल्प मिल सकते हैं, जो आपके लिए अनमोल खजाना साबित हो सकते हैं।

देवदत्त पटनायक की किताबों की क्या खासियत है?

देवदत्त पटनायक की किताबें सिर्फ पौराणिक कथाओं का संग्रह नहीं है, बल्कि वे भारतीय संस्कृति, धर्म और समाज को एक नए और सरल दृष्टिकोण से समझने का माध्यम है। उनकी लेखनी की कई सारी विशेषताएं हैं, जैसे; 

  • सरल और सहज भाषा - देवदत्त पटनायक कठिन धार्मिक और पौराणिक विषयों को भी इतनी आसान और रोचक भाषा में प्रस्तुत करते हैं कि हर उम्र और वर्ग का पाठक उन्हें आसानी से समझ सकता है।
  • आधुनिक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुति- देवदत्त हमारी पुरानी कथाओं को केवल धार्मिक आस्था के रूप में नहीं देखते, बल्कि उन्हें आधुनिक सोच, मनोविज्ञान और सामाजिक व्यवहार से जोड़कर पेश करते हैं। इससे पाठकों को नई सोच मिल सकती है।
  • मिथकों की गहराई - देवदत्त यह बताते हैं कि मिथक केवल कहानियां नहीं, बल्कि किसी समाज की सोच, मूल्यों और जीवन दृष्टिकोण का प्रतिबिंब होते हैं। उनकी Books में हर कथा के पीछे छिपे एक सच्चाई को उजागर किया जाता है।
  • चित्रों के माध्यम से समझाना - कई किताबों में देवदत्त खुद बनाए हुए सुंदर चित्रों के जरिए जटिल विषयों को सरलता से समझाते हैं। यह किताब को पढ़ने का अनुभव और भी समृद्ध बना देता है।
  • धर्म, लिंग और समाज की खुली व्याख्या - देवदत्त की किताबों में पुरुष, महिला, किन्नर जैसे सामाजिक व लैंगिक विषयों पर भी साहसिक और संवेदनशील तरीके से बात की जाती है।
  • सभी धर्मों और दृष्टिकोणों के प्रति सम्मानपूर्ण रवैया - देवदत्त की किताबों में केवल हिन्दू धर्म ही नहीं, बल्कि अन्य धर्मों, परंपराओं और मान्यताओं के प्रति भी खुले दिल से चर्चा की गई है, वह भी बिना किसी पूर्वाग्रह के। 

Top Five Products

  • Jaya (Hindi): Mahabharat ka sachitra punarkathan

    Jaya: महाभारत का सचित्र पुनर्कथन, देवदत्त पटनायक द्वारा लिखित एक ऐसी पुस्तक है जो महाभारत की जटिल कथा को सरल भाषा, चित्रों और लोककथाओं के माध्यम से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक केवल मूल कथा ही नहीं, बल्कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित लोकपरंपराओं, कहावतों और कथाओं को भी साथ लेकर चलती है। इस पुस्तक में महाभारत की संपूर्ण कथा को 108 छोटे अध्यायों में विभाजित किया गया है। हर अध्याय के साथ आकर्षक चित्र और संदर्भ हैं। लेखक ने वेदों, पुराणों, जैन एवं बौद्ध परंपराओं से जुड़े संस्करणों को भी शामिल किया है। साथ ही सामाजिक, सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से व्याख्या भी की गई है। इस Book के जरिए लेखक यह बताना चाहते हैं कि महाभारत सिर्फ एक युद्ध की कहानी नहीं है, बल्कि यह मानव मन, धर्म, कर्तव्य और निर्णयों के जटिल पहलुओं को दर्शाने वाली गाथा है। देवदत्त पटनायक हमें दिखाते हैं कि यह महागाथा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है क्योंकि यह हमारे भीतर के कौरव और पांडव को समझने की प्रेरणा देती है। यह किताब महाभारत की एक समग्र दृश्यात्मक प्रस्तुति है, जो पाठकों को भारतीय संस्कृति और जीवन के गूढ़ प्रश्नों से जोड़ती है।

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  • Shiv Ke Saat Rahasya

    यह किताब देवदत्त पटनायक द्वारा लिखी गई है, जिसमें वे भगवान शिव के स्वरूप, प्रतीकों और रहस्यों को सरल भाषा में समझाते हैं। यह पुस्तक शिव से जुड़े 7 रहस्यों को उजागर करती है, जैसे; क्यों शिव को भोलेनाथ कहते हैं? अर्धनारीश्वर का क्या अर्थ है? तांडव नृत्य क्या दर्शाता है? तीसरी आँख का क्या रहस्य है? नीला कंठ क्यों है? वे श्मशान में क्यों रहते हैं? तथा वे असामान्य लोगों को क्यों अपनाते हैं? इस पुस्तक में हर रहस्य के पीछे एक गहरा जीवन-दर्शन छिपा है। देवदत्त पटनायक यह दिखाना चाहते हैं कि शिव सिर्फ एक देवता नहीं हैं, बल्कि एक सोच, एक विचारधारा हैं। लेखक इस पुस्तक के माध्यम से संतुलन, त्याग, आत्मज्ञान और मृत्यु और जीवन को स्वीकारना समझाना चाहते हैं। शिव के प्रतीकों के जरिए लेखक हमें यह समझाना चाहते हैं कि शिव को समझना यानी खुद को और जीवन को समझना।

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  • MERI GITA

    मेरी गीता देवदत्त पटनायक द्वारा लिखित यह पुस्तक भगवद गीता की एक आधुनिक, व्यक्तिगत और सांस्कृतिक व्याख्या है। यह पारंपरिक अनुवाद नहीं है, बल्कि लेखक की अपने अनुभवों और समझ के आधार पर एक पुनर्व्याख्या है। देवदत्त पटनायक गीता को सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि व्यक्तिगत विकास और सांस्कृतिक समझ का स्रोत मानते हैं। लेखक बताते हैं कि गीता में कृष्ण क्या करना है यह नहीं बताते, बल्कि कैसे सोचना है यह सिखाते हैं। साथ ही, धर्म को वे किसी नियम या संहिता से नहीं, बल्कि जिम्मेदारी, दृष्टिकोण और स्वतंत्रता से जोड़ने की बात कहते हैं। इस पुस्तक में गीता के प्रत्येक अध्याय का एक विशेष अर्थ बताया गया है, जैसे कि अहंकार, कर्तव्य, भक्ति, ज्ञान आदि। देवदत्त पटनायक का मानना है कि गीता को सिर्फ धार्मिक ग्रंथ नहीं समझना चाहिए, बल्कि इसे जीवन की दिशा देने वाली सोच की पुस्तक मानना चाहिए। लेखक कहते हैं कि हमारी संस्कृति सहिष्णुता और विविधता में विश्वास रखती है और गीता इसका सुंदर उदाहरण है।

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  • Devlok Devdutt Pattanaik Ke Sang

    यह किताब भारतीय पौराणिक कथाओं और देवी-देवताओं की दुनिया में एक सरल और ज्ञानवर्धक यात्रा है। इस पुस्तक में लेखक देवदत्त पटनायक ने हिन्दू धर्म की जटिल प्रतीकात्मक कथाओं, परंपराओं, और देवी-देवताओं से जुड़ी बातों को आम भाषा में समझाया है। Devlok किताब में लेखक ने कुछ मुख्य विषयों पर चर्चा की है जिनमें, भगवान कौन हैं? ब्रह्मा, विष्णु, शिव जैसे देवता किन प्रतीकों का प्रतिनिधित्व करते हैं?देवियाँ क्यों पूजी जाती हैं?पार्वती, लक्ष्मी, सरस्वती के रूपों का सांस्कृतिक महत्व। अवतारों की कहानी, जैसे राम, कृष्ण, नरसिंह आदि का महत्व और उनका उद्देश्य।राक्षस और असुर, वे बुराई के प्रतीक हैं या कुछ और? स्वर्ग-नरक, पुनर्जन्म और कर्म जैसी अवधारणाओं को भी समझाया गया है। देवदत्त पटनायक इस पुस्तक के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि हिन्दू धर्म केवल पूजा या अंधश्रद्धा नहीं है, बल्कि वह एक गहरी सोच और दर्शन से जुड़ा है। उनका उद्देश्य पौराणिक कथाओं को आज की दुनिया से जोड़ना और यह दिखाना है कि कैसे ये कहानियाँ आज भी हमारे जीवन, सोच और व्यवहार को प्रभावित करती हैं। अगर आप हिन्दू पौराणिक कथाओं को एक रोचक और सरल तरीके से समझना चाहते हैं, तो यह किताब आपके लिए बेहद उपयोगी विकल्प साबित हो सकता है।

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  • Mithak

    इस पुस्तक में देवदत्त पट्टनायक यह समझाने की कोशिश करते हैं कि हिंदू धर्म में मौजूद विविध आख्यान, कथाएं और देवी-देवताओं की कहानियां केवल काल्पनिक या मनोरंजन का साधन नहीं हैं, बल्कि वे समाज, संस्कृति, मनोविज्ञान और जीवन-दर्शन को समझाने वाले गहरे प्रतीक भी हैं। इसकी मुख्य विषयों की बात करूं तो बताया गया है कि मिथक क्या होता है? पौराणिक कथाओं की परिभाषा और उनका सामाजिक-मानसिक महत्व क्या है? साथ ही, हिंदू मिथकों की विविधता यानि एक ही कहानी के कई रूप, जैसे रामायण और महाभारत के भिन्न संस्करण का वर्णन बताया गया है। इसके अलावा देवता, राक्षस, मनुष्य और प्रकृति के बीच के संबंध की चर्चा की गई है। स्त्री और पुरुष के प्रतीकों के माध्यम से सामाजिक संरचना की व्याख्या की गई है। देवदत्त पट्टनायक मानते हैं कि पौराणिक कथाएं केवल अतीत की बातें नहीं हैं, बल्कि वे हमारे आज के सोचने और जीने के तरीकों को भी आकार देती हैं। उनका उद्देश्य इन मिथकों को एक वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक नजरिए से समझाना है। आप इसे भारतीय संस्कृति को गहराई से समझने के लिए पढ़ सकते हैं। साथ ही, धार्मिक प्रतीकों और कथाओं के पीछे के अर्थ को जानने के लिए भी इसे पढ़ा जा सकता है।

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देवदत्त पटनायक की किताबें: आज के युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने की एक प्रभावशाली कड़ी

आज के युवाओं की सोच वैज्ञानिक, तार्किक और वैश्विक बनती जा रही है। ऐसे समय में भारतीय संस्कृति, धर्म और परंपराएं कई बार उन्हें पुराने विचारों की छाया लगती हैं। लेकिन लेखक और मिथक विशेषज्ञ Devdutt Pattanaik ने इन पुरानी कथाओं को आधुनिक संदर्भों में इस तरह प्रस्तुत किया है कि युवा वर्ग न केवल उन्हें समझ पा रहा है, बल्कि गर्व से जुड़ भी रहा है। इनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह धार्मिक ग्रंथों और मिथकों को केवल आस्था से नहीं, बल्कि तार्किक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करते हैं। उनकी किताबों में रामायण, महाभारत, शिव-पार्वती, विष्णु-लक्ष्मी जैसे पात्रों के जीवन को इस तरह से दर्शाया गया है कि आज का युवा उनमें अपने जीवन के सवालों के जवाब ढूंढ सकता है। इसके अलावा, देवदत्त पटनायक ने Business Sutra, लीडरशिप सूत्रा जैसी किताबों के माध्यम से यह भी बताया कि कैसे भारतीय पौराणिक ज्ञान को आज के कॉर्पोरेट और लीडरशिप के क्षेत्र में भी उपयोग किया जा सकता है। इससे युवा वर्ग को यह एहसास होता है कि हमारी संस्कृति सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि आज के समय के लिए भी प्रासंगिक है। इनकी किताबों में जटिल बातों को सरल भाषा और सुंदर चित्रों के माध्यम से समझाया गया है, जिससे युवा पाठकों को आकर्षण और जुड़ाव दोनों मिलता है।

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Faq's

  • देवदत्त पट्टनायक की पुस्तकें किस विषय पर आधारित होती हैं?
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    देवदत्त पट्टनायक की अधिकतर पुस्तकें भारतीय पौराणिक कथाओं, धर्म और संस्कृति पर आधारित होती है, जो भारतीय पुराण-विद्या को समझने में मदद करती है।
  • क्या देवदत्त पट्टनायक बच्चों के लिए भी पुस्तकें लिखते हैं?
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    हां, Devdutt Pattanaik ने बच्चों के लिए भी कई सारी चित्रकथा पुस्तकें लिखी हैं। जो उनके मनोरंजन के साथ-साथ काफी सारी ज्ञान की बातें भी बतलाती है।
  • देवदत्त पट्टनायक की पुस्तकें खास क्यों हैं?
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    देवदत्त पट्टनायक की पुस्तकें वैसे तो कई सारी वजहों से खास है लेकिन उनका सरल भाषा में भारतीय संस्कृति की बातें बतलाना उन्हें सबसे अलग बनाता है।