दूर्वा घास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति भगवान विष्णु के बालों से हुई है। ज्योतिष में इसे बहुत शुभ माना जाता है और इसे भगवान शिव से जोड़ा जाता है।
वैसे तो दूर्वा घास गणपति भगवान को अति प्रिय है, लेकिन जब बात इस घास को भगवान शिव पर चढ़ाने की आती है तब इसे शव जी पर चढ़ाने के कई लाभ होते हैं और भगवान शिव को दूर्वा घास चढ़ाने की परंपरा पौराणिक कथाओं में भी गहराई से बताई जाती है।
भक्ति और श्रद्धा के प्रतीक के रूप में सदियों से दूर्वा घास का इस्तेमाल किसी भी शुभ काम या पूजा-पाठ में होता चला आ रहा है। मान्यता है कि दूर्वा घास अर्पित करने से गणपति प्रसन्न होते हैं और इसी वजह से गणपति के पिता भगवान शिव भी इस पवित्र घास को अर्पित करने से अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें भगवान शिव को दूर्वा घास अर्पित करने के अनगिनत फायदों के बारे में।
दूर्वा घास का है ग्रहों से खास संबंध
ज्योतिष में किसी भी वस्तु या पेड़ पौधों का संबंध किसी विशेष ग्रह से होता है। ऐसे ही जब हम बात दूर्वा घास की करते हैं तो इसका संबंध मंगल ग्रह से होता है, जो ज्योतिष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को दूर्वा चढ़ाने से मंगल ग्रह को प्रसन्न किया जा सकता है और यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल का दुष्प्रभाव है तो दूर्वा अर्पित करने से इससे मुक्ति मिल सकती है। यही नहीं आपके मंगल को मजबूत करने के लिए भी शिवलिंग पर दूर्वा चढ़ाना शुभ होता है। यदि आप नियमित रूप से शिवलिंग पर दूर्वा अर्पित करती हैं और शिव जी से घर के कल्याण की प्रार्थना करती हैं तो आपके जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
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दूर्वा घास से हो सकता है कई दोषों का निवारण
दूर्वा घास को कुछ अन्य ग्रहों से भी जोड़ा जाता है। इसका संबंध बुध ग्रह से भी होता है इसलिए दोषों, विशेषकर मंगल ग्रह से जुड़े दोषों के नकारात्मक प्रभावों को शांत करने में प्रभावी माना जाता है।
भक्तों का मानना है कि भगवान शिव को दूर्वा चढ़ाकर वे उन दोषों से सुरक्षा चाहते हैं जो उनकी प्रगति में बाधा बन सकते हैं। यदि आप शिवलिंग पर दूर्वा अर्पित करेंगे तो आपके जीवन में इसके सकारात्मक प्रभाव होते हैं और जीवन की बाधाएं खत्म होने लगती हैं। खासतौर पर यदि आप महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र के साथ दूर्वा घास अर्पित करती हैं तो ये आपके लिए ज्यादा लाभप्रद हो सकता है।
भगवान शिव को दूर्वा घास चढ़ाने के फायदे
यदि आप शुद्ध मन से दूर्वा घास भगवान शिव को अर्पित करती हैं तो इसके कई लाभ होते हैं। आपके घर की सुख समृद्धि से लेकर आर्थिक लाभ तक के फायदे आपको देखने को मिलते हैं। आइए दूर्वा अर्पित करने के फायदों के बारे में विस्तार से जानें।
भगवान शिव को दूर्वा चढ़ाने से धन लाभ होता है
ज्योतिषशास्त्र आपको सुझाव देता है कि भगवान शिव को दूर्वा घास अर्पित करने से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है। मान्यता है कि इससे वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा मिलता है और समृद्धि और धन को आकर्षित किया जा सकता है। इसके साथ ही परिवार के समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के लिए भी यह अनुष्ठान जरूरी माना जाता है।
भगवान शिव को दूर्वा चढ़ाने से स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है
दूर्वा घास अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है, इसलिए भगवान शिव के साथ इसका संबंध इसके उपचार गुणों में एक आध्यात्मिक आयाम जोड़ता है। ऐसा माना जाता है कि दूर्वा चढ़ाने से व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है और बीमारियों से मुक्ति का आशीर्वाद मिलता है। शिवलिंग पर दूर्वा अर्पित करने से घर के सभी लोगों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है और कई आकस्मिक बीमारियों से राहत मिलती है।
भगवान शिव को दूर्वा चढ़ाने से पारिवारिक सद्भाव बढ़ता है
ज्योतिषीय में ऐसा माना जाता है कि दूर्वा घास चढ़ाने से सकारात्मक तरंगें पैदा होती हैं जो आपके घर में सौहार्दपूर्ण पारिवारिक वातावरण बनाए रखने में मदद करती हैं। इसे घर के लड़ाई झगड़ों को सुलझाने और परिवार के भीतर एकता को बढ़ावा देने के उपाय के रूप में देखा जा सकता है।
भगवान शिव को बाधाओं को दूर करने वाला या विघ्नेश्वर माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग पर दूर्वा चढ़ाने से जीवन में बाधाओं और चुनौतियों पर काबू पाने में मदद मिलती है।
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भगवान शिव को दूर्वा चढ़ाने से वैवाहिक आनंद बना रहता है
ज्योतिष शास्त्र कुछ ग्रहों की स्थिति को वैवाहिक जीवन से भी जोड़ता है। शिवलिंग पर दूर्वा घास चढ़ाना वैवाहिक बंधन को मजबूत करने, रिश्तों में प्यार, समझ और दीर्घायु बढ़ाने का एक विशेष उपाय माना जाता है। इस उपाय से संतान का भी कल्याण होता है और उनके जीवन में आने वाली समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।
इन सभी कारणों के साथ दूर्वा घास चढ़ाने को आध्यात्मिक प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जाता है, जो देवी-देवताओं के साथ गहरे संबंध को बढ़ावा देने में मदद करता है और व्यक्तिगत विकास को सुविधाजनक बनाता है। यदि आप शिवलिंग पर महाशिवरात्रि के दिन अन्य सामग्रियों के साथ दूर्वा घास भी अर्पित करती हैं तो आपके जीन में सदैव सकारात्मकता बनी रहती है।
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