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September Festival List 2025: 6 सितंबर को है अनंत चतुर्दशी, 7 सितंबर को है चंद्र ग्रहण और 8 से शुरू हो रहे हैं पितृ पक्ष ....नवरात्रि कब से शुरू है ? और इस माह के अन्‍य तीज-त्‍योहारों की तिथि क्‍या है? पंडित जी से जानें पूजा के शुभ मुहूर्त

September Festival List: जानिए अनंत चतुर्दशी, ग्रहण, पितृ पक्ष से लेकर शारदीय नवरात्रि तक इस महीने के सभी महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों के तिथि, महत्व और पूजा के शुभ मुहूर्त। पंडित मनीष शर्मा से विशेषज्ञ सलाह के साथ पूरी जानकारी।
Editorial
Updated:- 2025-09-05, 13:52 IST

सितंबर 2025 का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहने वाला है, क्योंकि इस माह हिंदू पंचांग के अनुसार कई बड़े और छोटे पर्व-त्योहार एक साथ आ रहे हैं। इस विषय में हमारी विशेष बातचीत पंडित मनीष शर्मा जी से हुई, जिन्होंने बताया कि इस वर्ष अधिक मास नहीं है। आमतौर पर हर तीन वर्षों में एक बार अधिक मास आता है, जिससे त्योहारों के बीच लंबा अंतराल हो जाता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने से सितंबर महीने में ही कई प्रमुख पर्व पड़ रहे हैं।

पंडित जी ने बताया कि इस महीने में अनंत चतुर्दशी, पितृ पक्ष, ग्रहण और शारदीय नवरात्रि जैसे महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाएंगे। ये सभी त्योहार धार्मिक रूप से अत्यंत फलदायी माने जाते हैं और इनकी पूजा विशेष शुभ मुहूर्त में की जानी चाहिए। पंडित मनीष शर्मा जी द्वारा तैयार की गई यह लिस्ट आपको न केवल त्योहारों की तिथि बताएगी, बल्कि उनके धार्मिक महत्व और पूजा-पद्धति की भी जानकारी देगी।

यदि आप जानना चाहते हैं कि सितंबर 2025 में कौन-कौन से व्रत-त्योहार कब पड़ रहे हैं, तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

september 2025 vrat and tyohar dates

सितंबर 2025 के व्रत-त्‍योहार की लिस्‍ट

नीचे सितंबर 2025 के प्रमुख व्रत और त्योहारों की सूची शुभ मुहूर्त के साथ टेबल के रूप में दी गई है:

तिथि वार व्रत / त्योहार शुभ मुहूर्त
3 सितंबर 2025 बुधवार परिवर्तिनी एकादशी 06:00 AM – 11:30 AM
4 सितंबर 2025 गुरुवार वामन जयंती 07:00 AM – 10:00 AM07:00 AM – 10:00 AM
5 सितंबर 2025 शुक्रवार ओणम, प्रदोष व्रत 05:30 PM – 07:15 PM
6 सितंबर 2025 शनिवार गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी 08:00 AM – 11:00 AM
7 सितंबर 2025 रविवार भाद्रपद पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण 12:30 PM – 02:45 PM
8 सितंबर 2025 सोमवार पितृ पक्ष प्रारंभ 08:30 PM – 11:59 PM
10 सितंबर 2025 बुधवार विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 06:00 AM – 12:00 PM
11 सितंबर 2025 गुरुवार भरणी श्रद्धा 07:00 AM – 10:30 AM
14 सितंबर 2025 रविवार जीवित्पुत्रिका व्रत 05:30 AM – 11:30 AM
15 सितंबर 2025 सोमवार अविध्वा नवमी 05:30 AM – 12:00 PM
17 सितंबर 2025 बुधवार इंदिरा एकादशी, एकादशी श्राद्ध, कन्या संक्रांति 09:00 AM – 10:30 AM
18 सितंबर 2025 गुरुवार गुरु पुष्य योग 06:30 PM – 08:30 PM
19 सितंबर 2025 शुक्रवार मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत 07:00 AM – 12:00 PM
21 सितंबर 2025 रविवार सर्व पितृ अमावस्या 07:00 AM – 09:30 AM
22 सितंबर 2025 सोमवार शारदीय नवरात्रि आरंभ, घटस्थापना 07:00 AM – 09:30 AM
23 सितंबर 2025 मंगलवार सिंधारा दूज
25 सितंबर 2025 गुरुवार विनायक चतुर्थी 08:00 AM – 11:00 AM
26 सितंबर 2025 शनिवार ललिता पंचमी 07:00 AM – 10:00 AM
28 सितंबर 2025 सोमवार दुर्गा पूजा प्रारंभ 06:00 AM – 09:00 AM
29 सितंबर 2025 मंगलवार सरस्वती आवाहन 06:00 AM – 08:30 AM
30 सितंबर 2025 बुधवार दुर्गाष्टमी व्रत 06:00 AM – 10:00 AM

अनंत चतुर्दशी, 6 सितंबर 2025, शनिवार 

यह व्रत भगवान विष्णु के अनंत रूप को समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखकर लंबी आयु, सुख-समृद्धि और कष्टों से मुक्ति की कामना की जाती है। इस दिन अनंत सूत्र बांधने की भी परंपरा होती है।

चंद्र ग्रहण, 7 सितंबर 2025, रविवार 

यह पूर्णिमा के दिन होगा, जिसे भाद्रपद पूर्णिमा भी कहते हैं। चंद्र ग्रहण के समय और उससे पहले- बाद के समय में सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर व्रत और पूजा के नियमों का पालन जरूरी होता है।

इसे जरूर पढ़ें-  सितंबर 2025 चंद्र ग्रहण: तिथि, समय और सूतक काल की पूरी जानकारी यहां लें

पितृ पक्ष, 8 सितंबर 2025, सोमवार 

पितृ पक्ष लगभग 15 दिनों का होता है जिसमें पितरों की पूजा और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। यह पक्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी से अमावस्या तक रहता है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा और तर्पण किए जाते हैं।

विश्वकर्मा जयंती, 17 सितंबर 2025, बुधवार 

विश्वकर्मा भगवान को वास्तु शास्त्र, निर्माण कला और यंत्रों का देवता माना जाता है। यह दिन शिल्पकार, इंजीनियर, कारीगर आदि के लिए विशेष महत्व रखता है।

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शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025, सोमवार 

यह नवरात्रि 9 दिन चलती है और मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। पहले दिन घटस्थापना की जाती है। नवरात्रि के बाद दुर्गा पूजा, सरस्वती आवाहन और दुर्गाष्टमी जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार आते हैं।

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उम्‍मीद है कि आपको ऊपर दी गई जानकारी पसंद आई होगी। इस जानकारी के आधार पर आप भी व्रत-त्‍योहार पर शुभ मुहूर्त पर पूजा कर सकती हैं। यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर और लाइक करें, इसी तरह से और भी आर्टिकल्‍स पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी सें।

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