अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन आजकल की महंगाई में यह एक बड़ा फैसला होता है। लगातार बढ़ती EMI और होम लोन की ऊंची ब्याज दरों की वजह से लोग कई बार घर खरीदने का प्लान आगे बढ़ा देते हैं।
अच्छी खबर यह है कि साल 2025 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दो बार रेपो रेट घटाया है। अब रेपो रेट 6% से घटकर 5.5% हो गया है, जिससे होम लोन लेना सस्ता हो गया है। इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिल रहा है जो घर खरीदने की सोच रहे हैं।
हाल ही में आई Knight Frank India की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 के पहले 6 महीनों (जनवरी से जून) में देश के 8 बड़े शहरों में से 7 में घर खरीदना और भी सस्ता और आसान हो गया है। Affordability Index के हिसाब से, भारत के सभी बड़े शहरों में से गुजरात का अहमदाबाद शहर सबसे सस्ता हाउसिंग मार्केट बनकर उभरा है। यहां घर की EMI आपकी हर महीने की कमाई का सिर्फ 18 फीसदी होती है। अगर आप होम लोन लेकर घर खरीदने का सोच रहे हैं, तो अहमदाबाद आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
इसे भी पढ़ें- प्रॉपर्टी खरीदने से पहले जरूर चेक कर लें ये 5 कागज, एक गलती से भी मिट्टी में मिल सकती है जीवनभर की कमाई
जब भी आप घर खरीदने का सोचते हैं, तो लोन लेना आसान लगता है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि क्या हर महीने EMI सही समय पर चुकाई जा सकती है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको EMI/Income Ratio का पता होना चाहिए।
यह अनुपात बताता है कि किसी शहर में घर खरीदने के लिए एक आम परिवार को अपनी हर महीने की कमाई का कितना प्रतिशत होम लोन की EMI में खर्च करना होगा। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी शहर का EMI/Income Ratio 40 फीसदी है, तो इसका मतलब है कि वहां रहने वाले परिवारों को अपनी आय का 40 फीसदी हिस्सा सिर्फ EMI देने में लगाना होगा, यानी हर महीने की कमाई का लगभग आधा हिस्सा EMI में ही चला जाएगा।
Knight Frank India की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में घर खरीदना सबसे मुश्किल काम है। साल 2025 की पहली छमाही के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई का EMI/Income Ratio सबसे ज्यादा करीब 48 फीसदी है।
इसका मतलब है कि मुंबई में रहने वाले परिवारों को अपने घर की EMI चुकाने के लिए अपनी हर महीने की कमाई का लगभग आधा हिस्सा खर्च करना पड़ता है। हालांकि, साल 2010 से लेकर 2024 तक मुंबई में यह अनुपात पहले 50 फीसदी से ऊपर था, तो इसमें थोड़ी कमी आई है।
अगर आप होम लोन लेकर घर खरीदने का सोच रहे हैं, तो अहमदाबाद आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। साल 2025 की पहली छमाही में अहमदाबाद का EMI/Income Ratio सिर्फ 18% दर्ज किया गया है। इसका मतलब है कि अहमदाबाद में रहने वाले परिवारों को अपनी हर महीने की कमाई का केवल 18 फीसदी हिस्सा ही EMI में खर्च करना पड़ता है। रियल एस्टेट के मामले में गुजरात का अहमदाबाद शहर वाकई काफी सस्ता है।
इसे भी पढ़ें- मानसून में घर खरीदना क्यों होता है सबसे समझदारी भरा फैसला? एक्सपर्ट से जानिए इसके फायदे
यदि आप कोलकाता और पुणे जैसे शहरों में घर खरीदने का सोच रहे हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। पिछले साल के मुक़ाबले इस साल यहां EMI सस्ती हुई है। साल 2024 में कोलकाता में EMI/Income Ratio 24 फीसदी था, जो 2025 की पहली छमाही में घटकर 23 फीसदी हो गया है। वहीं, पुणे में साल 2024 में यह अनुपात 23 फीसदी था और अब 22 फीसदी हो गया है। इसका मतलब है कि कोलकाता और पुणे जैसे शहरों में घर खरीदने के बाद साल 2025 में EMI का बोझ पहले से कम हो गया है।
अगर आप दिल्ली-NCR में घर खरीदने का सोच रहे हैं, तो Knight Frank India की रिपोर्ट के अनुसार आपको ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 और 2024 में दिल्ली-NCR में EMI/Income Ratio 27% था, जो साल 2025 की पहली छमाही में 28 फीसदी हो गया है। वहीं, हैदराबाद की बात करें तो साल 2022 से यह अनुपात 30 फीसदी बना हुआ है। इसलिए, दिल्ली-NCR और हैदराबाद में घर खरीदना पहले से महंगा पड़ सकता है।
हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit - freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।