टीवी धारावाहिक की अहमियत क्या है ये तो शायद हमें बताने की जरूरत नहीं है। टीवी सीरियल किस तरह से आपकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन जाते हैं ये तो हम सभी जानते हैं। दरअसल, टीवी सीरियल की बातें और उनकी कहानियां बहुत ही रोचक लगती हैं और कड़ी दर कड़ी एक कहानी को आगे बढ़ते देखना थोड़ी देर के लिए हमारा ध्यान उसकी ओर से हटा देता है। पर क्या आप जानते हैं कि आखिर टीवी सीरियल को डेली सोप ही क्यों कहा जाता है?
टीवी सीरियल के मेलोड्रामा को छोड़ दिया जाए तो भी ये एक अनोखी कहानी कहता है जिससे उसके दर्शक जुड़ाव महसूस करते हैं। ये किसी भी सीरियल के साथ हो सकता है, अभी मौजूदा ओटीटी ट्रेंड को छोड़ दिया जाए तो भी कई ऐसे लोग हैं जो टीवी धारावाहिक को देखना बहुत पसंद करते हैं।
टीवी धारावाहिक के नाम सोप यानी साबुन के पीछे भी एक बहुत ही रोचक कहानी है। अगर आप भी डेली सोप के इस राज़ को जानने के लिए इच्छुक हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों रेगुलर चलने वाले टीवी सीरियल्स को डेली सोप कहा जाता है।
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टीवी सीरियल को आखिर साबुन से ही क्यों जोड़ा गया इसका किस्सा शुरू होता है 20वीं सदी से जहां रेडियो क्रांति ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। रेडियो क्रांति जहां अमेरिका में तो बाकायदा कॉर्पोरेट वॉर शुरू हो गई थी। 1920 के दशक में तो अमेरिका में हर रेडियो स्टेशन अपने विज्ञापन देते थे जहां रेटिंग की वॉर जोरों पर थी।
इतने सारे रेडियो स्टेशन होने के कारण विज्ञापन आसानी से नहीं मिलते थे और तो और बड़ी कंपनियां भी प्रिंट से आगे नहीं बढ़ पा रही थीं।
इन विज्ञापनों के दौर में रेडियो में सुई से लेकर साइकिल तक सभी का विज्ञापन मिलने की मेहनत करनी होती थी। घरेलू सामान के विज्ञापन सबसे आसानी से मिल सकते थे, लेकिन ऐसे में रेडियो की टारगेट ऑडियंस महिलाएं बन रही थीं।
उस वक्त P&G कंपनी यानी प्रॉक्टर एंड गैंबल ने अपने एक प्रोडक्ट के लिए रेडियो शो स्पॉन्सर किया। 1933 में ये शो आया जिसका नाम था 'Ma Perkins' जिसमें उनके प्रोडक्ट Oxydol के लिए विज्ञापन देना था।
इस शो की ऑडियंस जैसे-जैसे बढ़ती गई, वैसे-वैसे इस शो के बीच आने वाले विज्ञापन और उसमें बिकने वाला प्रोडक्ट ऑक्सीडॉल फेमस होने लगा। इसे सिलसिलेवार तरीके से किया गया और अमेरिका के जिन शहरों में ये विज्ञापन आता है उनमें ऑक्सीडॉल की बिक्री भी बढ़ती गई।
इसकी बिक्री इतनी बढ़ गई कि ये शो पूरी तरह से स्पॉन्सर करने के साथ-साथ इसके प्रोडक्शन में भी हिस्सा लेना शुरू कर दिया और फॉर्मेट वही होता था जहां बीच-बीच में विज्ञापन दिया जाता था। (ऐसा है टीवी सीरियल का ड्रामा)
ये सोप एड्स हमेशा एक निश्चित तरीके से दिखाए जाते थे और फिर इन्हें सोप ओपेरा या डेली सोप कहा जाने लगा।
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सबसे पहले इस नाम को किसने बोला ये तो नहीं पता, लेकिन ये पब्लिक के बीच लोकप्रिय हो गए।
अमेरिका से चलकर 1950 में ब्रिटिश रेडियो को भी सोप ओपरा का चस्का बढ़ा और ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी की डेफिनेशन और उनके आर्काइव्स के अनुसार BBC रेडियो पर आने वाला 'an everyday story of country folk’ जो 1950 के दशक में आया था सबसे पॉपुलर डेली सोप साबित हुआ।
धीरे-धीरे इसकी मांग इतनी बढ़ी कि फिर डेली सोप को बाकायदा डिक्शनरी का हिस्सा बना दिया गया।
तो ये थी कहानी डेली सोप की जहां वाकई एक साबुन ने ही टीवी सीरियल का नाम बदल दिया और इसे कुछ यूनिक लुक और फील दे दिया। रेडियो के बाद जैसे-जैसे टीवी पर ये आया वैसे-वैसे डेली सोप और लोकप्रिय होने लगे।
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