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Cotton Production: भारत में सबसे ज्यादा रुई का उत्पादन कहां होता है? जान लीजिए वजह भी

कपास भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो देश के लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है। इससे बने कपड़े का उपयोग देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी किया जाता है। इसी के साथ आइए जानते हैं कि भारत में रूई का सबसे ज्यादा उत्पादन कहां होता है। साथ में इसके पीछे की वजह को भी जानेंगे।
Editorial
Updated:- 2024-11-07, 10:47 IST

कपास भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह दुनिया में कपास की खेती का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जो लाखों किसानों के लिए रोजगार का एक प्रमुख स्रोत माना जाता है। कपास से बने कपड़ों का उपयोग न सिर्फ देश में, बल्कि दुनिया के कई देशों में भी कपास का इस्तेमाल किया जाता है। 

जानकारी के लिए बता दें कि कपास का उपयोग कपड़े बनाने के अलावा कई अन्य उत्पादों में भी किया जाता है, जैसे कि तेल, बीज और खाद्य पदार्थ। भारत में कपास या रूई का उत्पादन कई राज्यों में होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे ज्यादा कपास का उत्पादन किस राज्य में होता है? अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं। साथ ही, इसके पीछे की वजह भी बताएंगे।

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भारत में कपास का सबसे ज्यादा उत्पादन कहां होता है?

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भारत, कपास की खेती का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादन राज्य है। यहां की मिट्टी कपास की खेती के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है। महारष्ट्र के अलावा, भारत में कपास का उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्य तेलंगाना, गुजरात, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश है। 

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महाराष्ट्र में क्यों होती है कपास की सबसे अधिक खेती?

cotton plant care

  • काली मिट्टी- महाराष्ट्र में काली मिट्टी बड़ी मात्रा में पाई जाती है। यह मिट्टी कपास की खेती के लिए बेहद उपयुक्त होती है। काली मिट्टी नमी को सोखने की क्षमता रखती है और इसमें पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में होते हैं।
  • जलवायु- महाराष्ट्र की जलवायु कपास की खेती के लिए अनुकूल होती है। यहां गर्मी का मौसम लंबा और गर्म होता है जो कपास के पौधों के विकास के लिए आवश्यक होता है।
  • सिंचाई सुविधाएं- महाराष्ट्र में सिंचाई की सुविधाएं अच्छी हैं। नहरें, तालाब और कुएं आदि सिंचाई के प्रमुख स्रोत हैं। इससे किसानों को कपास की खेती के लिए पर्याप्त पानी मिल जाता है।
  • कृषि तकनीक- महाराष्ट्र के किसान आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग करते हैं। इससे कपास का उत्पादन बढ़ता है और उसकी गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
  • बाजार की उपलब्धता- महाराष्ट्र में कपास के उत्पादन के लिए बाजार की अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां कपास की खरीद-फरोख्त के लिए कई मंडियां हैं।

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