सड़क पर चलते मॉल में या बाजार में घूमते हुए स्मोकिंग करते हुए लोग दिख जाते हैं। इसमें वहां पर खड़े कई लोगों को इससे निकलने वाले धुएं से दिक्कत तो वहीं पर्यावरण को नुकसान होता है। हालांकि इस पर कोई किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं करता है। लेकिन देश में कई राज्य ऐसे भी हैं, जहां पर स्मोकिंग करने पर पाबंदी है। वहीं कुछ राज्यों में लोग धड़ल्ले से इसका सेवन करते हैं। अगर मैं आपसे कहूं कि भारत में स्मोकिंग को लेकर कई नियम-कानून बनें, जिसके अंतर्गत इसका सेवन करने पर सजा भी हो सकती है। इस लेख में आज हम आपको भारत में स्मोकिंग को लेकर क्या नियम बनाए गए हैं इसके बारे में बताने जा रहे हैं। इसके साथ ही जानिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता नीतेश पटेल से जानते हैं कि किस कानून के तहत क्या दंड या सजा प्रावधान है।
भारत में स्मोकिंग पर सख्त कानून बनाए गए हैं, ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके। तंबाकू सेवन से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों को देखते हुए सरकार ने विभिन्न नियम और दंड तय किए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। बता दें कि अगर आप पब्लिक प्लेस पर ध्रूमपान करते हैं, तो यह कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है। साथ ही इसके लिए व्यक्ति को भारी जुर्माना या सजा भी हो सकती है।
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साल 2003 में लागू किए गए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA), 2003 के तहत भारत में पब्लिक प्लेस पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस कानून के तहत स्कूल, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सरकारी कार्यालय और अन्य स्थानों पर धूम्रपान करना अपराध माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करता है, तो उसे 200 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है, जिसे कुछ राज्यों में और भी सख्त किया जा सकता है। इसके अलावा, तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन, नाबालिगों को तंबाकू बेचना और शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू बेचना भी कानूनन अपराध है।
ई-सिगरेट निषेध अधिनियम, 2019 के तहत पहली बार पकड़े जाने पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या 1 साल की सजा या दोनों, दोबारा पकड़े जाने पर 3 साल की सजा और 5 रुपये लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर आप भारत में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और वेपिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
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