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history of cigarettes why were they invented despite being harmful

अगर सिगरेट इतनी नुकसानदायक है, तो इसका आविष्कार क्यों किया गया? जानिए वजह

सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, लेकिन दुनियाभर में इसकी खपत बहुत है। क्या आपने कभी सोचा है कि सिगरेट का आविष्कार कब, कैसे और किसने किया था?
Editorial
Updated:- 2025-03-13, 18:35 IST

सिगरेट का इतिहास बहुत पुराना और रोचक है, जिसने दुनियाभर के करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। तंबाकू, जिससे सिगरेट बनाई जाती है, इसका इस्तेमाल हजारों सालों से किया जा रहा है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले तंबाकू उत्पादों में से एक है। इतिहास के मुताबिक, 9वीं शताब्दी में तंबाकू का इस्तेमाल शुरू हुआ था और मैक्सिको के मायान सभ्यता के लोग धार्मिक अनुष्ठानों में तंबाकू का इस्तेमाल करते थे। समय के साथ, तंबाकू का उपयोग अलग-अलग रूपों में बढ़ता गया और आधुनिक सिगरेट का रूप लिया। आज के समय में, सिगरेट स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रही है, लेकिन इसके बावजूद दुनियाभर में इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। आज हम इस आर्टिकल में आपको बताने वाले हैं कि सिगरेट की शुरुआत कैसे हुई, इसका आविष्कार क्यों किया गया और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होने के बावजूद यह इतनी लोकप्रिय कैसे बना?

स्मोकिंग की शुरुआत

history of cigarettes

हजारों साल पहले से ही तंबाकू का इस्तेमाल किया जाता रहा है। अमेरिका के मूल निवासी सबसे पहले खेती, आयुर्वेद और धार्मिक अनुष्ठानों में इसका इस्तेमाल करते थे। वे सूखे तंबाकू के पत्तों को पाइप में भरकर और नैचुरल चीजों में लपेटकर पिया करते थे। जब 1492 में क्रिस्टोफर कोलंबस अमेरिका पहुंचा था, तो वहां के निवासियों ने उसे तंबाकू के बारे में बताया था। बाद में, कोलंबस इसे यूरोप ले गया। 

16वीं शताब्दी तक, तंबाकू यूरोप और एशिया में पूरी तरह से फैल चुकी थी और इसे लोग औषधीय के रूप में लिया करते थे। शुरुआती दौर में लोग तंबाकू को पाइप में भरकर पीते थे, चबाते थे या नाक से सूंघते थे। हालांकि, उस समय सिगरेट का आविष्कार नहीं हुआ था। 

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सिगरेट का आविष्कार कब और कैसे हुआ?

Why were cigarettes invented

1880 में जेम्स बुकानन ड्यूक ने हाथ से बनाई जाने वाली सिगरेट का कारोबार शुरू किया था। उस समय सिगरेट इंडस्ट्री ज्यादा विकसित नहीं हुई थी। फिर, उन्होंने उत्तरी कैरोलीना के कुछ लोगों के साथ मिलकर 'ड्यूक ऑफ़ डरहम' नाम से सिगरेट बनानी शुरू की थी, जिसके दोनों सिरों को मोड़कर सील कर दिया जाता था। 2 साल बाद, ड्यूक की मुलाकात जेम्स बोनसैक नाम के मैकेनिक से हुई। बोनसैक ने एक ऐसी मशीन बनाई जिससे बड़ी मात्रा में सिगरेट का उत्पादन होने लगा। ड्यूक के कारखाने में सिगरेट तेजी से तैयार होने लगी, लेकिन उस समय सिगरेट की खपत ज्यादा नहीं थी, जिसकी वजह से ड्यूक का बिजनेस लॉस में जा रहा था। 

फिर, जेम्स बुकानन ड्यूक ने सिगरेट बेचने के लिए एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग का तरीका अपनाया। उन्होंने घुड़दौड़ की स्पॉन्सरशिप की, ब्यूटी पैजेंट में मुफ्त सिगरेट बांटी और मैगजीन में सिगरेट के विज्ञापन देने शुरू किए। साल 1889 में ड्यूक ने सिगरेट के प्रमोशन के लिए करीब 8 लाख डॉलर खर्च किए थे, जो आज भारतीय रुपये के अनुसार 250 करोड़ के बराबर है। 

ड्यूक के सिगरेट विज्ञापनों ने लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया और सिगरेट की ब्रिकी तेज हो गई। अमेरिका में अपने सिगरेट कारोबार को जमाने के बाद, जेम्स ड्यूक ने 1902 में ब्रिटेन में इंपीरियल टोबैको कंपनी के साथ मिलकर ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (BAT) की स्थापना की। ड्यूक की कंपनी की खास बात यह थी कि सिगरेट बनाने वाली सामग्रियों में बदलाव नहीं किए जाते थे, बल्कि मार्केट और कन्ज्यूमर के हिसाब से उसकी पैकेजिंग और मार्केटिंग स्ट्रैटजी बदली जाती थी। यह रणनीति सिगरेट इंडस्ट्री के लिए मददगार साबित हुई और इसे इंटरनेशनल लेवल पर ले गई। 

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20वीं सदी में सिगरेट का वैश्विक विस्तार

cigarettes history

फर्स्ट वर्ल्डवॉर के दौरान, सिगरेट सैनिकों के लिए जरूरी चीज बन गई। उस समय फ्रंटलाइन पर मौजूद सैनिकों को कई तंबाकू कंपनियां फ्री में सिगरेट भेजती थीं, जिससे इसकी खपत तेजी से बढ़ गई। 1920 के दशक तक, महिलाओं और पुरुषों के बीच सिगेरट पीने का प्रचलन काफी बढ़ गया। इस दौरान, तंबाकू कंपनियों ने बड़े पैमाने पर प्रमोशन करके इसे बेचना शुरू कर दिया। 20वीं सदी के दौरान, तंबाकू इंडस्ट्री का तेजी से विस्तार हुआ और यह एक ग्लोबल मार्केट में बदल गई। कई MNC कंपनियां इस इंडस्ट्री पर हावी हो गईं। उन्होंने छोटी कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया और दुनिया भर में अपनी पकड़ को मजबूत कर लिया।

हालांकि, सिगरेट के बढ़ते इस्तेमाल और इसके सेहत पर होने वाले बुरे प्रभावों को देखते हुए कई देशों में धूम्रपान के खिलाफ अभियान शुरू किए। इससे तंबाकू नियंत्रण कानून बनाए गए और लोगों के यह समझाने की कोशिश की गई कि सिगरेट केवल एक आदत नहीं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती है। इन अभियानों ने लोगों में जागरूकता बढ़ाई और धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित किया।

सिगरेट को छोड़ना जरूरी है और इससे होने वाली समस्याओं से दूर रहना भी जरूरी है। ये ध्यान रखें कि अगर आपको दिक्कत हो रही है तो किसी एक्सपर्ट की मदद लेने में कोई हर्ज नहीं है। आपका इस मामले में क्या ख्याल है ये हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit - freepik 

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