हमारे देश में हर मौसम का एक त्यौहार होता है और देश के हर हिस्से में उसे अलग तरह से मनाया जाता है। ऐसे ही फसल कटने से जुड़ा एक त्यौहार है ओणम जिसे दक्षिण भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यह एक दिन का नहीं बल्कि कई दिनों का त्यौहार होता है। इस साल ओणम 20 अगस्त 2023 से लेकर 31 अगस्त 2023 तक पड़ रहा है।
ओणम के भोग, वामन और महाबली की पूजा और नावों की रेस के साथ-साथ इस त्यौहार में फूलों से बनने वाली रंगोली बहुत फेमस होती है जिसे पूकलम कहते हैं। इस रंगोली में कुछ खास तरह के फूलों का इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें शायद आपने भी कभी तस्वीरों में देखा हो। पूकलम दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पू का मतलब है फूल और कोलम का मतलब है सजाने वाला पैटर्न जिसे आमतौर पर हम रंगोली भी कहते हैं। केरल में इसे बहुत पवित्र माना जाता है और फर्श को बहुत से फूलों से सजाया जाता है।
इसे ओना पूकलम या अथापूकलम भी कहा जाता है।
घर के किस हिस्से में बनाया जाता है पूकलम?
इसे रंगोली की तरह ही घर के आंगन में, घर के मुख्य द्वार पर और मंदिर के आस-पास बनाया जाता है। इसकी डिजाइन्स ऐसी रखी जाती हैं जैसे ये कोई फ्लावर मैट लगे।
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कब से शुरू किया जाता है पूकलम बनाना?
ओणम 10 दिन का त्यौहार होता है और हर दिन पूकलम भी अलग तरह से ही बनाया जाता है। पूकलम की शुरुआत आतम दिन या पहले दिन से होती है जिसमें सिर्फ पीले फूलों से ही पूकलम बनाया जाता है। इसके बाद एक-एक दिन में पूकलम का साइज बढ़ाया जाता है और इसमें कई तरह के फूलों का समावेश होता है। पूकलम में हमेशा ताजे फूल ही इस्तेमाल किए जाते हैं और इसे बनाने के लिए हमेशा कुंवारी कन्याओं या ऐसी महिलाओं को चुना जाता है जिनकी शादी हाल ही में हुई है।
किस देव को प्रसन्न करने के लिए बनाया जाता है पूकलम?
इसकी कहानी वामन अवतार से जुड़ी है। पौराणिक कथा के अनुसार केरल में एक समय पर राजा महाबलि का राज था। उनकी श्रद्धा की परीक्षा लेने के लिए विष्णु भगवान वामन अवतार में उनके पास आए थे। उनके अहंकार को देख वामन ने उन्हें पाताल लोक भेज दिया था।
पर विष्णु भगवान ने अपने भक्त को एक दिन पृथ्वी पर आकर अपने राज्य को देखने की इजाजत दी थी। ऐसे ही जिस दिन ओणम का महाभोज होता है उस दिन सबसे बड़ा पूकलम बनाकर महाबली का स्वागत किया जाता है। ये ठीक वैसा ही है जैसे किसी के आने पर फूलों की चादर बिछाई जाती है।
पूकलम में किन फूलों का किया जाता है इस्तेमाल?
पूकलम में हमेशा तुलसी को रखा जाता है। तुलसी फूल नहीं है, लेकिन इसका पूकलम में होना जरूरी है। इसे ऐसी जगह पर लगाया जाता है जहां इसपर पैर ना पड़े।
इसके अलावा, पूकलम में इस तरह के फूलों को सजाया जाता है...
थुंबा
थुंबा या अंग्रेजी में Ceylon Saltwort एक छोटा सा फूल होता है जिसके बिना पूकलम नहीं बनाया जा सकता है। कुछ जगहों पर पहले दिन पूकलम में सिर्फ इसी फूल को लगाया जाता है।
जामंथी
जामंथी या अंग्रेजी में Chrysanthemums के कई प्रकार आते हैं और दो से तीन वैरायटी के फूल पूकलम में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इस तरह के फूल से पूकलम भरा हुआ लगता है और ये उसमें बहुत से रंगों को एड करते हैं।
शंखपुष्पम
शंखपुष्पम या Butterfly Pea फूल चमकीले नीले रंग का होता है जिसके सेंटर में पीले रंग का हिस्सा होता है। यह केरल में बहुत आसानी से मिल जाता है और इसलिए यह बहुत ही चर्चित फूल है पूकलम बनाने के लिए।
चेत्थी
Flame of the Woods फूल को चेत्थी भी कहा जाता है। यह लाल रंग का छोटा सा फूल होता है जो गुच्छों में खिलता है। इससे पूकलम में बहुत खूबसूरत लाल रंग भरा जाता है।
गेंदा
गेंदा पूकलम का बहुत ही महत्वपूर्ण फूल है जिसे इसके साइज बड़ा करने के साथ-साथ बहुत ही अनोखी डिजाइन्स बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। पूकलम में गेंदा और जामंथी की मदद से भरी हुई डिजाइन्स बनाई जाती हैं।
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हरी पत्तियां
यह निर्भर करता है कि आप केरल के किस हिस्से में हैं। हरी पत्तियां पूकलम के लिए बहुत जरूरी हैं।
पूकलम बनाने के लिए अलग-अलग रंगों का इस्तेमाल करने के लिए और भी कुछ फूल जैसे गुलाब इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन गुलाब सबसे कम इस्तेमाल होता है।
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Image Credit: Unsplash/ Shutterstock
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