इस राज्य में पीरियड्स के दौरान महिलाएं सोती हैं गायों के बीच

पीरियड्स को हमेशा से ही अलग नजरिए से देखा गया है। यही कारण है कि पीरियड्स के लिए रिवाज भी बनाए जा चुके हैं। 

  • Hema Pant
  • Editorial
  • Updated - 2022-10-27, 18:00 IST
period related tradition in kullu

हिमाचल प्रदेश का कुल्लू शहर बेहद खूबसूरत है। कुल्लू अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां हजारों की संख्या में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। खूबसूरती के साथ-साथ यहां निभाए जाने वाले रिवाज भी काफी अलग हैं। उसी तरह यहां भी पीरियड्स के लिए रिवाज बनाए गए हैं, जिन्हें आज तक लोग मानते हैं। यहां महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है, जिससे उनकी जान खतरे में तक पड़ सकती है।

भले ही आज हम मंगल पर पहुंच गए हों, लेकिन अपनी रूढ़िवादी सोच को पीछे नहीं छोड़ पाए हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि पीरियड्स में महिलाओं के साथ क्या किया जाता है। साथ ही इसके पीछे की मान्यता क्या है।

गौशाला में रहती हैं महिलाएं

menstrual custom in kulluकुल्लू में एक गांव है,जिसका नाम जाना है। इस गांव में पीरियड्स के समय महिलाओं को घर से अलग कर दिया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें क्या अनोखा है? आपको बता दें कि पीरियड्स में यहां की महिलाओं को गौशाला में रहना पड़ता है। जितने दिन तक पीरियड्स होते हैं, वह उतने समय तक अपने पति और बच्चों से दूर रहती है। घर के अंदर कदम रखने से मनाही है।

महिलाओं को माना जाता है अशुद्ध

यह बात हम सभी जानते हैं कि पीरियड्स में शरीर से खून निकलता है तो क्या इसका मतलब हुआ कि महिलाएं अशुद्ध हो गईं? जी हां जाना गांव में भी यह माना जाता है कि महिलाएं पीरियड्स के दौरान अशुद्ध हो जाती हैं। इसलिए उन्हें किसी को छूने नहीं दिया जाता है। सबसे अलग रखा जाता है।

रिवाज के पीछे की मान्यता

महिलाओं को पीरियड्स में घर से दूर रखने के पीछे की मान्यता यह है कि अगर वह इस दौरान घर में रहीं तो इससे देवता गुस्सा हो जाएंगे। साथ ही घर भी अपवित्र हो जाएगा। (पीरियड्स से जुड़ा रिवाज)

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मंदिर नहीं जा सकती हैं महिलाएं

यह बेहद आम धारणा है कि पीरियड्स होने पर मंदिर नहीं जाना चाहिए। जाना गांव की महिलाओं के साथ भी यही होता है। उन्हें भी मासिक धर्म में मंदिर जाने से रोका जाता है। साथ ही वह पूजा भी नहीं कर सकती हैं।

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जागरूकता के लिए सरकारी कदम

all about period traditionपीरियड्स के दौरान महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार ना हो इसके लिए सरकार भी कदम उठा चुकी है। हिमाचल प्रदेश की सरकार ने 'नारी गरिमा' कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसके तहत गांव वालों को यह समझाना है कि गौशाला में रहने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। नुक्कड़ नाटक, लोक गीत और नृत्य के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 2018 में शुरू हुआ था।

देश-विदेश में पीरियड्स से जुड़े रिवाज

  • भारत के अलावा नेपाल में भी पीरियड्स में महिलाओं को एक झोपड़ी में रखा जाता है। इसे चौपाड़ी प्रथा कहा जाता है। हालांकि, नेपाल सरकार इस प्रथा पर रोक लगा चुकी है।
  • आंध्र प्रदेश के एक गांव में महिलाओं को पीरियड्स में गांव से बाहर निकाल दिया जाता है।
  • तमिलनाडु में पीरियड्स होने पर खुशी मनाई जाती है। भव्य समारोह आयोजित किया जाता है। लड़की को यह एहसास दिलाया जाता है कि अब वह परिपक्व हो चुकी है।
  • जापान में पहले पीरियड्स पर सेकीहान डिश बनाई जाती है। यह डिश लड़की की मां बनाती है।

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