(Mahashivratri 2024 what should eat and not to eat) हिंदू पंचांग के अनुसार दिनांक 08 मार्च को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन शिव जी के भक्त अपने आराध्य का विधिवत पूजा-पाठ करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो सकती है और जीवन में सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति हो सकती है। अब ऐसे में महाशिवारत्रि के दिन अनाज खाना वर्जित माना जाता है। आइए इस लेख में ज्योतिषचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
महाशिवरात्रि के दिन किन चीजों का सेवन कर सकते हैं? (What things can be consumed on the day of Mahashivratri?)
- महाशिवरात्रि के दिन शिव (शिव जी मंत्र) भक्त सात्वित भोजन का सेवन करें।
- इस दिन फलाहार का ही सेवन करें।
- इस दिन हर तरह के फल खा सकते हैं।
- महाशिवरात्रि के दिन शकरकंद खा सकते हैं।
- इस दिन चाय, दूध और दही का सेवन कर सकते हैं।
- महाशिवरात्रि के दिन व्रती साबूदाना, आलू, कुट्टू के आटे से बने पकवान सेंधा नमक मिलाकर खा सकते हैं।
- इसके अलावा भक्त निर्जला व्रत रख सकते हैं। इससे शुभ परिणाम मिल सकते हैं।
- महाशिवरात्रि के दिन भजन-कीर्तन करना चाहिए। इससे शिव जी प्रसन्न हो सकते हैं।
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महाशिवरात्रि के दिन क्या नहीं खाना चाहिए? (What should not be eaten on the day of Mahashivratri?)
- महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने वाले भक्त गेंहू, चावल और दाल से बने भोजन का सेवन भूलकर भी न करें। इससे शिव जी (शिव जी फूल) नाराज हो सकते हैं।
- महाशिवरात्रि के दिन तामसिक भोजन जैसे कि लहसून, प्याज और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए।
- महाशिवरात्रि के दिन शराब का भी सेवन करने से बचना चाहिए। इससे अशुभ माना जाता है।
- महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने वाले जातक किसी भी व्यक्ति को अपशब्द न बोलें और न ही क्रोध करें।
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महाशिवरात्रि के दिन मंत्र जाप (Chant Mantras on Mahashivratri 2024)
महाशिवरात्रि के दिन कुछ ऐसे मंत्र हैं, जिनका जाप करने से व्यक्ति के जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो सकती है।
- ॐ ऊर्ध्व भू फट् । ॐ नमः शिवाय । ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय ।
- ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा ।
- ॐ इं क्षं मं औं अं । ॐ प्रौं ह्रीं ठः ।
- ॐ नमो नीलकण्ठाय । ॐ पार्वतीपतये नमः । ॐ पशुपतये नम:।
- ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।
- नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
- भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
- नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
- तस्मै नकाराय नमः शिवाय।
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