भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। भोलेभंडारी न केवल इंसानों के बल्कि राक्षसों के भी देवता है। उनके एक ही नहीं अनेक रूप है। भगवान शिव को प्रसन्न करना काफी आसान है। हिंदू धर्म में मंत्रों का खास महत्व है। हर मंत्र के जाप का मकसद अलग-अलग होता है। मंत्र दिमाग को शांत करते हैं।
साथ ही शरीर से नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करने में मदद करता है। मंत्रों का जाप करने से भय, चिंता, क्रोध और ईर्ष्या जैसे चीजों पर काबू पाया जा सकता है। हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित कई शक्तिशाली मंत्र है। जिनका जाप कर जीवन में शांति की प्राप्ति होती है। शिव के मंत्र आपके जीवन की हर परेशानी को हल कर सकते हैं।
पंचाक्षरी शिव मंत्र - 'ओम नमः शिवाय'
जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आपको रोजाना 'ओम नमः शिवाय' का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का अर्थ है मैं भगवान शिव को नमन करता हूं। रोजाना इस मंत्र का 108 बार जाप करें। इस मंत्र से भगवान शिव का आशीर्वाद आप पर बना रहेगा।
रुद्र मंत्र - 'ओम नमो भगवते रुद्राय'
जीवन के हर कष्ट को दूर करने के लिए आपको 'ओम नमो भगवते रुद्राय'मंत्र का जाप करना चाहिए। रोजाना नहाने के बाद इस मंत्र को बोलें। इससे आपका दिमाग शांत होगा और आपकी सभी परेशानियां कम होने लगेगी। इससे भगवान शिव आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगे और आपके दुख हर लेंगे।
शिव गायत्री मंत्र - 'ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवय धिमहि तन्नो रुद्रा प्रचोदयत'
शिव गायत्री मंत्र हिंदू धर्म के सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। यह मंत्र गायत्री मंत्र का एक रूप है। इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति मिलती है। दिमाग सही दिशा में चलने लगता है। जिससे आप अपनी परेशानियों को आसानी से सामना कर पाएंगे। साथ ही भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यह मंत्र का उच्चारण करें। (घर की सुख समृद्धि के लिए गणपति पूजन)
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शिव ध्यान मंत्र -
'करचरणकृतं वा कायजं कर्मजं वा श्रवणायंजं वा मनसम वा परधम मैं विहितं विहितं वा सर्व मेटात क्षमास्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शंभो II'। इस मंत्र का जाप कर आप भगवान शिव से अपने कर्मों की माफी मांग सकते हैं। साथ ही शिव ध्यान मंत्र से भोलेनाथ आपके सारे दुख हर लेंगे। जिससे आपके जीवन में कष्ट कम होने लगेंगे।(भगवान शिव को न चढ़ाएं ये चीज़ें)
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एकादश रुद्र मंत्र
एकादश रुद्र मंत्र में 11 मंत्र शामिल होते हैं। हालांकि, कहा जाता है कि ये मंत्र शिवरात्रि या महा रुद्र यज्ञ के दौरान ही पढ़ जाते हैं। लेकिन आप रोजाना भी इन मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं। एकादश रुद्र मंत्र का असर आपको कुछ दिनों में अपने आप दिखने लगेगा।
शिव मंत्र
- कपाली - 'ओम हम हम सतरुस्तंभनय हम हम ओम फट'
- पिंगला - 'ओम श्रीं ह्रीं श्रीं सर्व मंगलाय पिंगालय ओम नमः'
- भीम - 'ओम ऐं मनो वंचिता सिद्धाय ऐम ऐं ओम'
- विरुपाक्ष - 'ओम रुद्राय रोगनाशय आगाचा चा राम ओम नमः'
- विलोहिता - 'ओम श्रीं ह्रीं सैम सैम ह्रीं श्रीं शंकरशनाय ओम'
- षष्ठ - 'ओम ह्रीं ह्रीं सफलायै सिद्धये ओम नमः'
- अजपाड़ा - 'ओम श्रीं बम सोफ बलवर्धनाय बालेश्वराय रुद्राय फूट ओम'
- अहिर्भुदन्या - 'ओम हरं ह्रीं हम समस्त ग्रह दोष विनाश ओम'
- शंभु - 'ओम गम ह्लुआं शौं ग्लौं गम ओम नमः'
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