सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से शिव जी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जब प्रदोष व्रत बुधवार को पड़ता है, तो इसे बुध प्रदोष व्रत कहते हैं, और इस दिन शिव पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि बुध प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा किस विधि से करें, पूजा सामग्री क्या है और क्या उपाय करें और किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि बुध प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, धन और संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह व्रत शत्रुओं पर विजय दिलाने और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है। जो लोग बुध ग्रह के खराब प्रभावों से पीड़ित हैं, जैसे कि वाणी संबंधी समस्याएँ, व्यापार में नुकसान, या एकाग्रता की कमी, उनके लिए यह व्रत विशेष रूप से लाभकारी होता है।
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Image Credit- HerZindagi
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