Kolkata Yellow Cabs:कोलकाता की सड़कों पर घूमती पीले रंग के टैक्सी, जो न केवल शहर की पहचान थे, बल्कि बचपन की यादों से एक अलग ही जुड़ाव रखता है। साथ ही इसकी संस्कृति और इतिहास का भी अहम हिस्सा रहे हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे इसका यादें धुंधली होती जा रही हैं। पीली टैक्सी केवल एक वाहन नहीं बल्कि कोलकाता की जान और पहचान है। लेकिन अब यह शहर की सड़कों से गायब होने की कगार पर है।
लंबे दशकों से शहरों और पर्यटकों की सुविधा का हिस्सा बनी ये टैक्सी, अब धीरे-धीरे अपनी आखिरी सांसे ले रही है। बता दें, कोलकाता इस साल 4,493 से अधिक प्रतिष्ठित पीली टैक्सियों को हटा रहा है, क्योंकि वे 15 साल की सेवा सीमा से अधिक हैं। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। इस लेख में हम आपको यादों के पिटारे से गुम होने वाली पीली टैक्सी के पीछे का कारण बताने जा रहे हैं।
पीली टैक्सी का सदियों पुराना है इतिहास
सड़कों पर दौड़ने वाली 90 के दशक की पीले रंग टैक्सी अब गुजरी यादों का हिस्सा बनती जा रही है। अब ऐसे में अगर सड़क पर चलते वक्त पीले रंग की टैक्सी दिख जाती है, तो हम अपने पुराने दौरा में चले जाते हैं। कोलकाता की सड़कों पर चलने वाली टैक्सी 1940 के दशक में शुरू हुई थी। इसे ब्रिटिश कंपनी 'लक्मा' द्वारा पहली बार सेवा में लाया गया था। इसे चलाने के पीछे का कारण शहर के लोगों को सस्ती और भरोसेमंद परिवहन सुविधा प्रदान करना था।
इसके साथ ही धीरे-धीरे टैक्सी कोलकाता की संस्कृति का अहम हिस्सा बन गई, और यहां के लोग इसे अपनी पहचान मानने लगे। फिल्मी दुनिया से लेकर रोजमर्रा की जिंदगी तक, इन टैक्सियों ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी थी। लेकिन अब इस पहचान में बदलाव आ रहा है।
सड़क से क्यों गायब हो रही पुरानी पीली टैक्सी?
बढ़ती टेक्नोलॉजी, परिवहन नियम और पर्यावरण प्रदूषण के चलते कोलकाता इन पीली टैक्सी को हटाया जा रहा है। टैक्सी के पुराने मॉडल, लगातार बढ़ती रखरखाव लागत, और सख्त नियमों ने इसे अव्यावहारिक बना दिया है। वहीं इसकी जगह अब Ola, Uber जैसे कैब सेवाओं ने अरसे से चल रही है टैक्सी सेवा की जगह ले ली है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, 15 साल से पुराने सभी कॉमर्शियल वाहनों को स्क्रैप करना होगा।
पीली टैक्सियों के ड्राइवर को दूसरी कंपनी के द्वारा निर्मित टैक्सी का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी जहां अब ये टैक्सी गायब हो रही हैं वहीं कोलकाता के नागरिक और पर्यटक, दोनों ही इस बदलाव को लेकर उदास और nostalgic हैं। पीली टैक्सी की यादें अब अतीत के पन्नों का हिस्सा बनकर रह जाएंगी।
इस तरह से गायब हुई थी कोलकाता की ट्राम्प ट्रेन
आज हम सभी टेक्नोलॉजी के उस दौर में हैं, जहां सब कुछ बदल चुका है। फिर चाहे बात घर में लगे डिश एंटीने से हो फिर चाहे सड़क पर चलने वाली पुरानी टेंपो और ट्रेन हो। कोलकाता की पीली टैक्सी से पहले ट्रंप ट्रेन भी धीरे-धीरे सड़कों से गायब हो चुकी हैं।
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Image credit- Instagram Page Kolkata Fan Page
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