भारत एक ऐसा देश है जहां 'सब कुछ चलता है' वाला एटिट्यूड हर इंसान में होता है। यहां छाते में छेद हो तो उसमें पॉलिथीन लगाकर काम चला लिया जाता है, दीवार की पपड़ी निकले तो उसके ऊपर पेंटिंग लगाकर काम चला लिया जाता है, बारात का मुहूर्त 10 बजे का हो तो भी 2 बजे तक लेट कर दिया जाता है और सब कुछ चलता है। इस सब कुछ चलता है वाले एटिट्यूड का असर आप इतना देख सकते हैं कि यहां पर ईव टीजिंग को भी फ्लर्टिंग का नाम दे दिया जाता है और लोग इसे जस्टिफाई भी करते हैं। कहने को तो कानूनी तौर पर एंटी रोमियो स्क्वाड भी एक्टिव है, लेकिन मजाल है जो रोड पर चलने वाले मजनू मान लें।
यकीनन हेल्दी फ्लर्टिंग भी एक चीज होती है, लेकिन जिस तरह की फ्लर्टिंग यहां पर की जाती है उसे मैं तो छेड़खानी ही मानूंगी। तो चलिए आज बात करते हैं छेड़खानी और हेल्दी फ्लर्टिंग में अंतर क्या है।
वैसे तो ये बहुत बेसिक है, लेकिन फिर भी कई लोगों को इसे एक्सप्लेन करना बहुत जरूरी है क्योंकि लोगों को इसके बारे में कुछ पता ही नहीं होता है। हममें से कई लोग इस बात को मानेंगे कि ईव टीजर्स कीड़े-मकोड़ों की तरह होते हैं जो कहीं से भी निकल आते हैं।
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अब इस बात पर कोई ऑफेंड होता है तो मैं कुछ नहीं कर सकती क्योंकि ये तो भारतीय सड़कों का परम सत्य है। तो चलिए आपको बताते हैं कि ईव टीजर्स कितनी तरह के हो सकते हैं।
रोडसाइड रोमियो - ये अक्सर ग्रुप्स में होते हैं जो राह चलती लड़कियों को अपनी प्यार भरी .. माफ कीजिएगा अपनी हवस भरी निगाहों से देखते हैं।
सीटी बजाओ स्क्वाड - इस टाइप के ईव टीजर्स अपने शिकार को किसी ना किसी तरह की आवाज से अट्रैक्ट करते हैं। राह चलते हुए सीटी बजाना इनके लिए आम है।
फिजिकल मवाली- ये लोग सिर्फ सीटी पर नहीं रुकते बल्कि फ्लाइंग किस, कभी जानबूझकर छूना और फिर गलती का नाम दे देना और ऐसे ही किसी तरह के फिजिकल टच को अंजाम देकर उसे फ्लर्टिंग का नाम दे देते हैं।
आंख मारने वाले मजनू- इनकी आंखें इनके काबू में नहीं रहती हैं और लड़की देखते ही ना जाने क्यों फड़फड़ाने लगती हैं।
कमेंट मारो सिपाही- ये व्यक्ति फिल्मी डायलॉग, लुक्स पर कमेंट्स और कई चीज़ी लाइन्स बोलते हैं और बेचारों की आवाज इतनी तेज होती है कि लड़की को सुनाई दे जाए।
ऐसे ही बात-बात पर बहुत सारी बातें करने वाले, जानबूझकर रास्ता रोकने वाले, राह चलते अपने प्यार का इजहार करने वाले लोग फिल्मी हीरो नहीं बल्कि ईव टीजर्स कहलाते हैं।
उम्मीद है कि अब ईव टीजर्स के बारे में पता चल ही गया होगा और ये किसी भी एंगल से हेल्दी फ्लर्टिंग नहीं कहलाती बल्कि सिर्फ परेशान करना ही कहलाता है।
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अब बात करते हैं हेल्दी फ्लर्टिंग की और ईव टीजिंग के बीच के अंतर की। पिछले कुछ समय में हेल्दी फ्लर्टिंग शब्द बहुत ज्यादा वायरल हो गया है और इसको लेकर हम कुछ तरीके आपको बताते हैं।
हेल्दी फ्लर्टिंग में स्माइल जरूरी है, लेकिन आपको ये समझना जरूरी है कि लड़की इंटरेस्ट दिखाए ये तभी होना चाहिए।
अगर लड़की का ध्यान हो और वो आपसे बात कर रही हो तो उसकी तारीफ करें। राह चलती हुई लड़की की तारीफ करने की कोई जरूरत नहीं है।
लड़की को थोड़ा सा स्पेशल फील करवाना है तो उसके लिए कुछ गिफ्ट देना, कोई कविता लिखना या फिर कुछ छोटा सा जेस्चर करना ठीक होता है। यहां भी ये सब तभी करना है जब लड़की या फिर लड़का हामी भरे।
आप फ्लर्टिंग किसी से भी कर रहे हों सबसे पहले ये जरूरी है कि उस इंसान को ये ठीक लगे। कंसेंट पर आए दिन बातें होती रहती हैं, लेकिन लोग कंसेंट को ठीक तरह से जानते नहीं हैं। लोगों को ये समझने की जरूरत है कि हेल्दी फ्लर्टिंग और ईव टीजिंग में कंसेंट का अंतर होता है।
आपकी इस मामले में क्या राय है? क्या वाकई हेल्दी फ्लर्टिंग सही होती है या सब चलता है एटिट्यूड के लिए क्या करना चाहिए? अपने जवाब हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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