Which Hindu King Had The Taj Mahal Filled With Straw: ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इसे प्यार की निशानी के तौर पर जाना जाता है। यह दुनिया के सबसे खूबसूरत और मशहूर आर्किटेक्चर में से एक है। इसकी खूबसूरती बनी रहे, इसके लिए सरकारों खूब खर्चा करती है। इसके ऊपर एक दाग तक ना आ सके, इस बात का खास ख्याल रखा जाता है।
क्या आप जानते हैं कि एक वक्त ऐसा भी था, जब इस खूबसूरत इमारत को अस्तबल में बदल दिया गया था। यहां तक की इसके परिसर में घोड़े भी बांधे जाने लगे थे। इस खूबसूरत इमारत में भूसा भरवा दिया गया था। यह सब एक हिंदू राजा ने किया था। ताजमहल में भूसा भरवाने का काम भरतपुर (डीग) के हिंदू राजा महाराजा सूरजमल ने करवाया था। इसके पीछे एक बड़ी वजह थी। आइए जानें, आखिर क्यों महाराजा सूरजमल ने ताजमहल में भूसा भरवाया था?
चांदी के मुख्य द्वार को उखाड़ा
12 जून 1761 को महाराजा सूरजमल के करीब चार हजार जाट सैनिकों ने 1 महीने की घेराबंदी के बाद आगरा के किले पर अपना कब्जा जमाया था। सन 1761 में करीब 30 हजार मुगल सेना को हराने के बाद सूरजमल ने आगरा के किले पर जीत हासिल की थी। इसके बाद, राजा के सैनिकों ने ताजमहल पर भी हमला बोल दिया था।इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा ने अपनी पुस्तक 'भरतपुर का इतिहास' में जिक्र किया किमहाराजा सूरजमल के सैनिक अपने साथ ताजमहल का मुख्य द्वार ही उखाड़कर ले गए थे, जो चांदी का हुआ करता था। महाराजा सूरजमल ने ताजमहल के चांदी के मुख्य द्वार को पिघलवा दिया था।
महाराजा सूरजमल ने ताजमहल में भरवाया था भूसा
विभिन्न इतिहासकारों के मुताबिक, महाराजा सूरजमल के सहयोगियों ने तो उन्हें ताजमहल को ढहा देने की ही सलाह दे दी थी। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया। अगर महाराजा सूरजमल ने ताजमहल को ढहाने का फैसला ले लिया होता है, तो हम इसके बारे में केवल इतिहास की किताबों में ही पढ़ पाते।इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा ने अपनी पुस्तक में बताया किसूरजमल की जाट सेना ने ताजमहल में घोड़े बांधें और भूसा भर दिया। ऐसा उन्होंने मुगल साम्राज्य की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने के लिए किया था।
लेखक मुनीष त्रिपाठी ने अपनी पुस्तकभरतपुर का सूरजमल: जाट योद्धाओं की अनुपम शौर्य गाथा में भी महाराजा सूरजमल द्वारा ताजमहल में भूसा भरवाने का जिक्र किया है। लेखक मुनीष त्रिपाठी अपनी किताब में लिखते हैं कि महाराजा सूरजमल ने ऐसाताजमहल के प्रति उनके असंतोष और मुगल साम्राज्य के खिलाफ उनके प्रतिरोध को दिखाने के लिए किया था।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी हुई थी लूट
ताजमहल से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं। ऐसे ही एक कहानी का दावा है कि 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी ताजमहल को शिकार बनाया गया। आक्रमणकारियों ने इस दौरान ताजमहल में जड़े मंहगे और बेशकीमती पत्थरों जैसे लाजवर्त आदि को उखाड़ लिया था। कई रिपोर्ट्स में तो ऐसा भी दावा है कि कभी सरकार ने ताजमहल को बेचकर कर्ज चुकाने के भी प्लानिंग की थी।
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Image Credit:Her zindagi
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