किस हिंदू राजा ने ताजमहल में भरवा दिया था भूसा? बना दिया था अस्तबल...बंधवा दिए थे घोड़े

King Surajmal Stuffed Taj Mahal With Straw: क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा भी राजा रहे हैं, जिन्होंने मुगलों को मजा चखाने के लिए ताजमहल में ही भूसा भरवा दिया था? उन्होंने ताजमहल का मुख्य द्वार जो चांदी का था, उसे भी पिघलवा दिया था। आइए जानें, किस राजा ने ताजमहल में भूसा भरवाया था? 
  • Nikki Rai
  • Editorial
  • Updated - 2025-03-28, 23:10 IST
King Surajmal Stuffed Taj Mahal With Straw

Which Hindu King Had The Taj Mahal Filled With Straw: ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इसे प्यार की निशानी के तौर पर जाना जाता है। यह दुनिया के सबसे खूबसूरत और मशहूर आर्किटेक्चर में से एक है। इसकी खूबसूरती बनी रहे, इसके लिए सरकारों खूब खर्चा करती है। इसके ऊपर एक दाग तक ना आ सके, इस बात का खास ख्याल रखा जाता है।

क्या आप जानते हैं कि एक वक्त ऐसा भी था, जब इस खूबसूरत इमारत को अस्तबल में बदल दिया गया था। यहां तक की इसके परिसर में घोड़े भी बांधे जाने लगे थे। इस खूबसूरत इमारत में भूसा भरवा दिया गया था। यह सब एक हिंदू राजा ने किया था। ताजमहल में भूसा भरवाने का काम भरतपुर (डीग) के हिंदू राजा महाराजा सूरजमल ने करवाया था। इसके पीछे एक बड़ी वजह थी। आइए जानें, आखिर क्यों महाराजा सूरजमल ने ताजमहल में भूसा भरवाया था?

चांदी के मुख्य द्वार को उखाड़ा

uprooted the silver main door

12 जून 1761 को महाराजा सूरजमल के करीब चार हजार जाट सैनिकों ने 1 महीने की घेराबंदी के बाद आगरा के किले पर अपना कब्जा जमाया था। सन 1761 में करीब 30 हजार मुगल सेना को हराने के बाद सूरजमल ने आगरा के किले पर जीत हासिल की थी। इसके बाद, राजा के सैनिकों ने ताजमहल पर भी हमला बोल दिया था।इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा ने अपनी पुस्तक 'भरतपुर का इतिहास' में जिक्र किया किमहाराजा सूरजमल के सैनिक अपने साथ ताजमहल का मुख्य द्वार ही उखाड़कर ले गए थे, जो चांदी का हुआ करता था। महाराजा सूरजमल ने ताजमहल के चांदी के मुख्य द्वार को पिघलवा दिया था।

महाराजा सूरजमल ने ताजमहल में भरवाया था भूसा

Maharaja Surajmal had straw filled in the Taj Mahal

विभिन्न इतिहासकारों के मुताबिक, महाराजा सूरजमल के सहयोगियों ने तो उन्हें ताजमहल को ढहा देने की ही सलाह दे दी थी। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया। अगर महाराजा सूरजमल ने ताजमहल को ढहाने का फैसला ले लिया होता है, तो हम इसके बारे में केवल इतिहास की किताबों में ही पढ़ पाते।इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा ने अपनी पुस्तक में बताया किसूरजमल की जाट सेना ने ताजमहल में घोड़े बांधें और भूसा भर दिया। ऐसा उन्होंने मुगल साम्राज्य की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने के लिए किया था।

लेखक मुनीष त्रिपाठी ने अपनी पुस्तकभरतपुर का सूरजमल: जाट योद्धाओं की अनुपम शौर्य गाथा में भी महाराजा सूरजमल द्वारा ताजमहल में भूसा भरवाने का जिक्र किया है। लेखक मुनीष त्रिपाठी अपनी किताब में लिखते हैं कि महाराजा सूरजमल ने ऐसाताजमहल के प्रति उनके असंतोष और मुगल साम्राज्य के खिलाफ उनके प्रतिरोध को दिखाने के लिए किया था।

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी हुई थी लूट

There was looting even during the freedom struggle

ताजमहल से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं। ऐसे ही एक कहानी का दावा है कि 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी ताजमहल को शिकार बनाया गया। आक्रमणकारियों ने इस दौरान ताजमहल में जड़े मंहगे और बेशकीमती पत्थरों जैसे लाजवर्त आदि को उखाड़ लिया था। कई रिपोर्ट्स में तो ऐसा भी दावा है कि कभी सरकार ने ताजमहल को बेचकर कर्ज चुकाने के भी प्लानिंग की थी।

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Image Credit:Her zindagi

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