Thailand Where Kings Are Called Ram: उत्तर प्रदेश का अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान माना जाता है। भारत में लोग श्रीराम को अपना आराध्य मानते हैं। भारत एक ऐसा देश है, जहां रामजी को भगवान के तौर पर पूजा जाता है। बहुत से लोगों को यह लगता है कि केवल भारत में ही भगवान राम की पूजा की जाती है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि एशिया का एक और ऐसा बौद्ध देश है, जहां राम को आराध्य माना जाता है। हम बात कर रहे हैं थाईलैंड की। जिस तरह से भारत के पास अयोध्या है, उसी तरह से थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के पास एक शहर जिसे अयुत्या कहा जाता है।
अयुत्या को थाईलैंड का अयोध्या माना जाता है। इस शहर में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों के ही मंदिर हैं। वहां लोगों में ऐसी मान्यता है कि यही श्रीराम की राजधानी थी। थाईलैंड में बौद्ध और हिंदू धर्म का मिश्रण देखने को मिलता है।
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थाईलैंड कभी मूल रूप से हिंदू राष्ट्र हुआ करता था। थाई राज परिवारों पर सदियों तक हिंदू धर्म का प्रभाव था। वहां के निवासी थाईलैंड के राजा को भगवान विष्णु का अवतार माना करते थे। आज भी थाईलैंड का चक्री राजवंश खुद को राम कहता है। बता दें कि चक्री वंश के मौजूदा राजा को राम ‘दशम’ कहकर पुकारा जाता है।
चक्री वंश के लोग अपने नाम के साथ राजा राम की उपाधि का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। हालांकि, राजा राम दशम के नाम से इस बात का अंदाजा लगाया जाता है कि चक्री वंश के लोग दस पीढ़ी पहले अपने नाम के साथ राम का इस्तेमाल नहीं करते थे। ऐसा भी माना जाता है कि अपने नाम के साथ राम और एक अंक जोड़ने की ये प्रथा यूरोप की संस्कृति से ली गई है।
बताया जाता है इस वंश के छठे राजा वजिरावुध ने इंग्लैंड से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। पढ़ाई के दौरान उन्हें ब्रिटेन के शासकों के नाम के पीछे पंचम, द्वितीय जैसे अंक लगाने की प्रथा का पता चला। कहा जाता है इसी के बाद से राम के साथ अंक जोड़ने की प्रथा की शुरुआत हुई। कथाओं के अनुसार, राजा वजिरावुध ने खुद को राम ‘सिक्स्थ’ कहा था। इसके साथ ही चक्री वंश के राजाओं में नाम के साथ अंक जुड़ने लगा।
वर्तमान में थाईलैंड के राजा को ‘राम दशम’ की उपाधि से जाना जाता है। उन्हें थाईलैंड में लोग ‘फुटबॉल प्रिंस’ भी कहते हैं। राम नवम यानी भूमिबोल अदुल्यादेज का साल 2016 में निधन हो गया था, जिसके बाद वजिरालोंगकोर्न यानी राम दशम थाईलैंड के राजा बने।
आपको जानकर शायद थोड़ी हैरानी हो सकत है कि थाईलैंड का राष्ट्रीय ग्रंथ कोई और नहीं बल्कि रामायण है। थाईलैंड में इसे राम कियेन के नाम से जाना जाता है, जो वाल्मीकि रामायण पर आधारित है। वहीं, यहां का राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न गरुड़ है। हिंदू पौराणिक कथाओं में गरुड़ को भगवान विष्णु की सवारी माना जाता है।
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