Central Government Scheme For Road Accident Victims: हर साल लाखों लोग सड़क हादसे में अपनी जान गवां देते हैं। अक्सर सही समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण लोग मौके पर ही दम तोड़ देते हैं। भारत में लोग सड़क हादसा होने पर किसी की जान बचाने में अक्सर केवल इसलिए संकोच करते हैं कि कहीं उन्हें पुलिस के पचड़ों में ना खसीटा जाए। इसके अलावा, बहुत से लोग घायलों की भी मदद नहीं करते कि कहीं अस्पताल वाले उनसे ही इलाज का खर्च ना मांग ले। बहुत से लोग सड़क हादसे के बाद सही समय पर इलाज ना मिलने के कारण दिव्यांग तक हो जाते हैं।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, साल 2024 में ही सड़क हादसे में करीब 1.80 लाख लोगों ने अपनी जान गवाई। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार समय-समय पर यातायात से जुड़े नियमों में बदलाव लाती है। सरकार ने कई ऐसे नियम लागू किए हुए हैं, जिससे किसी भी सड़क दुर्घटना के बाद घायलों को बचाया जा सके। केंद्र सरकार ने घायलों की जान बचाने के लिए अब एक बड़ा फैसला लिया है। सड़क हादसे में घायल लोगों का इलाज किसी भी अस्पताल में मुफ्त में करवाया जा सकता है। आइए जानें, इस नए फैसले से जुड़ी शर्तें क्या हैं और इसके क्या फायदे हैं?
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इलाज ना मिलने पर होती है मौत
सड़क हादसों में इलाज समय पर ना मिलने के कारण सबसे ज्यादा मौत के मामले देखने को मिलते हैं। एक्सीडेंट के बाद बहुत से लोगों को अस्पताल तक नहीं पहुंचाया जाता है। अगर कोई अस्पताल पहुंच भी जाता है, तो उसे कई तरह की फॉर्मेलिटी पूरी करनी पड़ती है। इस सब में कई बार इलाज मिलने में ही काफी देर हो जाती है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक्सीडेंट में घायल लोगों को 1.5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त देने का फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सुविधा इसी महीने से मिलनी शुरू हो जाएगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की भूमिका
इस नए नियम के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) अहम भूमिका निभाएगा। इस पूरी मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नोडल एजेंसी की तरह काम करेगा। पहले हरियाणा और पंजाब समेत कुल 6 राज्यों में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसकी सफलता को देखते हुए, इसे लागू करने का फैसला किया गया है।
तुंरत मिलेगा इलाज
इस फैसले के तहत अगर किसी की एक्सीडेंट होता है, तो उसे तुरंत किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया जा सकता है। उसके इलाज के लिए उसके परिवार को नहीं खोजा जाएगा। घायल के 1.5 लाख तक का इलाज का खर्च सड़क एवं परिवहन मंत्रालय उठाएगा। अगर खर्च 1.5 लाख से ऊपर आता है, तो इसके आगे का परिवार को बिल पे करना होगा।
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Image Credit:her zindagi
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