वर्तमान में जहां लोग वीकेंड में घूमने का प्लान बनाते हैं और अलग-अलग एडवेंचर स्पोर्ट भी एंजॉय करते हैं। इसमें पैराग्लाइडिंग एक पॉपुलर रोमांचक खेल है। लेकिन इसके दौरान दुर्घटना का भी उतना ही जोखिम रहता है। अब लोग पहाड़ों घूमने जा रहे हैं और वहां पर पैराग्लाइडिंग स्पोर्ट हैं, तो वह इसमें शामिल होना पसंद करते हैं। हाल ही में गोवा में पैराग्लाइडिंग के दौरान हुए हादसे में एक महिला और पायलट की मौत हो गई। अगर आप भी पैराग्लाइडिंग का शौक रखते हैं, तो न केवल सेफ्टी से जुड़ी बातें पता होना जरूरी है बल्कि अगर आप इस दौरान किसी घटना शिकार हो जाते हैं, तो क्या नियम है।
इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि अगर पैराग्लाइडिंग के दौरान एक्सीडेंट हो जाए तो क्या पीड़ित परिवार को किसी प्रकार का मुआवजा दिया जाता है। चलिए जानते हैं पैराग्लाइडिंग को लेकर भारत में क्या नियम है।
दुर्घटना बीमा
पैराग्लाइडिंग करने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि आपने दुर्घटना बीमा लिया हुआ है। अगर आपने दुर्घटना बीमा कराया है, तो आपको व्यक्तिगत चोट, विकलांगता या मृत्यु के मामले में मुआवजा दिया जा सकता है। बता दें कि कुछ पैराग्लाइडिंग कंपनियां अपने ग्राहकों को दुर्घटना बीमा देते हैं। वहीं कुछ कंपनियां अलग से बीमा करवाने की सलाह देती हैं। यह बीमा दुर्घटना के समय चिकित्सा खर्च और अन्य वित्तीय मदद प्रदान करता है।
कंपनी की जिम्मेदारी
अगर दुर्घटना कंपनी की लापरवाही से हुई है, जैसे उपकरण की खराबी, पायलट की गलती या सुरक्षा उपायों की कमी तो मुआवजा पाने के लिए कंपनी जिम्मेदार हो सकती है। अधिकांश पैराग्लाइडिंग कंपनियां अपनी सेवा की शर्तों में स्पष्ट करती हैं कि वे सुरक्षा उपायों का पालन करती हैं। लेकिन अगर कोई हादसा होता है तो मुआवजा देने के नियम अलग-अलग हो सकते हैं।
पैराग्लाइडिंग के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण
पैराग्लाइडिंग करते वक्त सुरक्षा उपकरण जैसे हेलमेट, हार्नेस, ग्लव्स, और पैराशूट का उपयोग अनिवार्य है। यदि दुर्घटना बिना सुरक्षा उपकरणों के होती है, तो मुआवजा पाने में दिक्कत हो सकती है।
शर्तें और अनुबंध
पैराग्लाइडिंग कंपनी से अनुबंध करते वक्त यह सुनिश्चित करें कि आप सभी शर्तों को समझते हैं। अधिकांश कंपनियां एक पेपर पर हस्ताक्षर करवाती हैं, जिसमें इस एडवेंचर का हिस्सा बनने वाला व्यक्ति यह मानता है कि अगर पैराग्लाइडिंग के दौरान किसी प्रकार की कोई दुर्घटना की स्थिति आती है, तो इसके लिए कंपनी जिम्मेदार नहीं होगी। हालांकि, यह शर्त तब लागू होती है जब दुर्घटना की वजह कंपनी की लापरवाही या उपकरणों से न हो।
सरकारी नियम और कानून
कुछ देशों और राज्यों में पैराग्लाइडिंग के लिए विशेष नियम और सुरक्षा मानक तय किए गए हैं। दुर्घटना होने पर, मुआवजे की प्रक्रिया और राशि स्थानीय कानूनों पर निर्भर करती है। यदि दुर्घटना पब्लिक प्लेस पर होती है, तो सरकारी विभाग या विमानन प्राधिकरण से मदद मिल सकती है और संबंधित कानून के तहत मुआवजा मिल सकता है।
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