पूर्व भारत से लेकर पश्चिम और उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत में ऐसे कई मंदिर हैं, जो करोड़ों भक्तों के लिए आस्था के प्रतीक माने जाते हैं। इसलिए कई लोग भारत को असंख्य मंदिरों का घर भी बोलते हैं। देश में स्थित कुछ मंदिरों की बनावट तो सिंपल लगता है, लेकिन कुछ ऐसे मंदिर हैं, जिन्हें देखने के बाद लोगों की आंखें खुली की खुली रह जाती हैं। ओडिशा से लेकर महाराष्ट्र और तमिलनाडु से लेकर गुजरात के कुछ मंदिरों को देखने के बाद ऐसा लगता है कि आज की तारीख में इन्हें बनवाना नामुमकिन सा है। आज हम आपको देश के कुछ उन मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें देखने के बाद ऐसा लगता है कि आधुनिक समय में ऐसा मंदिर बनवाना संभव नहीं है।
ओडिशा के पुरी शहर में स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर, भारत के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध हिन्दू मंदिरों में से एक माना जाता है। इस अद्भुत मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी के में हुआ था। यह मंदिर भगवान सूर्य देव को समर्पित है। एक विशाल रथ के रूप में निर्मित इस मंदिर की जटिल और अनूठी वास्तुकला देखने के बाद ऐसा लगता है, जैसे आज के समय इसे बनाना असंभव है। इस मंदिर का कथा पौराणिक कहानियों में भी है। इसलिए इस मंदिर के दर्शन के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं।
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महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित कैलाश मंदिर एलोरा की गुफाओं में गुफा संख्या 16 में स्थित भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों से एक है। यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जिसे एक ही पत्थर को तराश कर निर्माण किया गया है। प्राचीन काल में निर्मित कैलाश मंदिर की बनावट और वास्तुकला देखकर ऐसा लगता है कि आधुनिक दुनिया में इसे बनवाना संभव नहीं है। यह मंदिर इस कदर प्रचलित है कि यहां सालों साल पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं।
दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित रामेश्वरम मंदिर को रामनाथस्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह भगवान शिव को समर्पित है और इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। रामेश्वरम दक्षिण भारत का एक ऐसा मंदिर है जिसे द्रविड़ शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। करीब 4000 से अधिक स्तंभों पर निर्मित इस मंदिर को देखने के बाद ऐसा लगता है, जैसे आज की तारीख में ऐसा मंदिर बनवाना नामुमकिन सा है। इस मंदिर का भव्य गलियारा भक्तों को सबसे अधिक आकर्षित करता है।
गुजरात के द्वारका शहर में स्थित द्वारकाधीश मंदिर, राज्य के साथ-साथ पूरे देश का एक प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है। यह भव्य मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर को हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक माना जाता है। द्वारकाधीश मंदिर चालुक्य शैली में निर्मित है, जो एक पांच मंजिला मंदिर है। करीब 72 खंभों पर टिका यह मंदिर दुनिया भार के पर्यटकों को आकर्षित करता है। चूना पत्थर और रेत से निर्मित इस मंदिर को देखने के बाद ऐसा लगता है, जैसे आज की तारीख में ऐसा मंदिर नहीं बन सकता है।
तमिलनाडु के मदुरै शहर में स्थित मीनाक्षी मंदिर, दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को मीनाक्षी अम्मन मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर देवी पार्वती के रूप माता मीनाक्षी को समर्पित है। इस मंदिर का इतिहास 2500 साल से भी पुराना बताया जाता है। मीनाक्षी मंदिर देश का एक ऐसा मंदिर है, जिसे देखने के बाद लगता है कि दोबारा ऐसा मंदिर बनवाना असंभव है। इस मंदिर की जटिल नक्काशी भक्तों को सबसे अधिक आकर्षित करती है।
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