भारत में कई लोग ऐसे हैं जो न्यूमेरोलॉजी को बहुत ज्यादा मानते हैं। ऐसे ही संसद में करीब 545 सांसद बैठने की जगह है लेकिन क्या आप जानती हैं कि सांसद में 420 नंबर की सीट नहीं होती है। यहां 545 सांसदों के एक साथ बैठने की व्यवस्था होती है लेकिन आज हम आपको 545 सीटों में से एक सबसे खास सीट के बारें विस्तार से बताने वाले है। चलिए जानते हैं आखिर क्यों कोई भी सदस्य 420 नंबर सीट संसद में नही लेना चाहते हैं।
हमारे समाज में 420 नंबर को चोरी-चकारी वाला माना जाता है। 14वीं लोकसभा के दौरान एक सदस्य को जब 420 नंबर की सीट दी गई तब उन्होंने तुरंत लोकसभा अध्यक्ष के सामने आपत्ति दर्ज की और इस सीट को लेने से साफ मना कर दिया।
420 सीट क्यों नही है
बता दें कि कानूनी नजरिए से धारा 420 के बारे में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी के साथ धोखा करता है, छल करता है, बेईमानी से किसी की बहुमूल्य वस्तु या संपत्ति में परिवर्तन करता है, उसे नष्ट करता है या इन सभी में से किसी भी चीज को करने में मदद करता है तो उस पर 420 लगाई जा सकती है।
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419-A सीट रखा गया
420 का मतलब साधारण भाषा में धोकेबाज और फर्जी है। 14वीं लोकसभा के दौरान एक सदस्य को यह सीट दिया गया था जिससे बाद उस सदस्य ने इस सीट को लेने से मना कर दिया इसके बाद उन्होंने लोकसभा में सीट नंबर 420 को हटाकर इसकी जगह सीट नंबर 419-A रखा गया।(लोकसभा चुनाव में इस बार महिलाओं का रहा बोलबाला)
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असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट
15वीं लोकसभा में सीट आवंटन के दौरान 420 वें नंबर पर आने वाले असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट’ (AIUDF) के सांसद बदरुद्दीन अजमल को 420 नंबर की जगह 419-A नंबर की सीट आवंटित की गई थी।
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