अगर आपने कभी टीवी पर लोकसभा संसद की कार्यवाही देखी है। तो आप कुर्सी पर बैठा एक स्पीकर भी देखा होगा। भारत में जब संसद बनी, उसकी कार्यवाही को मैनेज करने के लिए संसद का स्पीकर नियुक्त किए गए। लंबे समय तक इस पद पर कोई भी महिला नहीं थी, आखिर साल 2009 में देश को उसकी पहली महिला लोकसभा स्पीकर मिली। जिनका नाम है मीरा कुमार।
आज के आर्टिकल में हम आपको मीरा कुमार और उनके जीवन के बारे में बताएंगे। तो देर किस बात की, आइए जानते हैं मीरा कुमार और उनके जीवन के बारे में-
बता दें कि मीरा कुमार कांग्रेस की दिग्गज पॉलीशियन्स में से एक हैं। उनके पिता स्वर्गीय जगजीवन राम भी हमेशा से राजनीति में थे, ऐसे में आप यह कह सकते हैं कि मीरा को राजनीति विरासत में मिली। रगों में राजनीति होने के भारतीय विदेश सेवा की नौकरी छोड़कर मीरा ने राजनीति में आने का फैसला लिया।
31 मार्च,1945 को बिहार के सासाराम में बाबू जगजीवन राम और इंद्राणी देवी के घर नन्ही बच्ची का जन्म हुआ। उनकी शुरुआती शिक्षा बिहार के महारानी गायत्री देवी स्कूल में हुई। वहीं एम ए और एल एल बी की शिक्षा मीरा ने इन्द्रप्रस्थ और मिरांडा हाउस कॉलेज से पूरी की।
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मीरा कुमा होनहार छात्रों में से एक थीं। शिक्षा पूरी करने के बाद साल 1973 में उन्हें IFS की नौकरी मिली। कई सालों तक मीरा ने स्पेन, ब्रिटेन और मॉरीशस के उच्चायुक्त के रूप में काम किया। कुछ समय काम करने के बाद उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी और राजनीति में कदम रखा।
साल 1968 में मीरा बिहार की कैबिनेट मंत्री सुमित्रा देवी के बड़े बेटे मंजुल कुमार के साथ शादी के बंधन में बंधी। जिनसे उन्हें 1 बेटा और 2 बेटियां हुई।
मीरा कुमार ने अपना राजनीतिक सफर उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ। साल 1985 में मीरा को उत्तर प्रदेश के बिजनौर से पहली बार चुनावी टिकट मिला। जहां उन्होंने मायावती और रामविलास पासवान को हराकर राजनीतिक करियर अपनी दमदार शुरुआत की। हालांकि कि अगले चुनाव में वो बिजनौर से हारी भी। 11 वें और 12वें लोकसभा चुनाव में मीरा दिल्ली के करोल बाग से संसदीय चुनाव में खड़ी हुईं। इसी के साथ वो संसद तक पहुंच गईं।
समय के साथ मीरा कुमार राजनीति में और भी उभर कर सामने आईं। जहां साल 1990 में उन्हें कांग्रेस कमेटी का महासचिव बनाया गया। इसके बाद 1996 वो दोबारा सांसद बनीं।
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साल 2004 में मीरा ने बिहार के सासाराम से चुनाव जीत कर केंद्र मंत्री का पद भी संभाला। जहां कांग्रेस कार्यकाल में उन्हें सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय सौंपा गया। इसके बाद 2 बार चुनाव जीतकर उन्होंने केंद्र संसाधन मंत्रालय का कार्य संभाला।
इससे पहले भारत में किसी महिला संसद में लोकसभा स्पीकर के पद नहीं संभाला था। 187 लोकतांत्रिक देशों में से केवल 32 देशों में ही महिलाओं ने अब तक स्पीकर का पद संभाला है। ऐसे यह गर्व की बात है कि मीरा कुमार देश की पहली महिला स्पीकर बनकर सामने आईं।
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