आज़ाद भारत में आज़ाद महिलाओं को लेकर बहुत सी मिसालें दी जाती हैं। हर फील्ड में महिलाओं ने साबित किया है कि वो किसी से कम नहीं हैं। चाहें प्लेन उड़ाने की बात हो या फिर ट्रेन चलाने की, चाहें संसद में बैठने की बात हो या फिर खेती करने की महिलाएं कहीं भी कम नहीं रही हैं और हरजिंदगी.कॉम आपको ऐसी ही कुछ बेमिसाल महिलाओं से मिलवाने की मुहिम चला रही है जो आज़ाद भारत में अपनी-अपनी फील्ड्स में महारत हासिल कर पहली महिला का खिताब जीत चुकी हैं।
इसी कड़ी में आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं आज़ादी के बाद बनी पहली महिला IAS से। इन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जिंदादिली से जी और 91 की उम्र में 2018 में उनकी मृत्यु हो गई। ये बेमिसाल महिला थी अन्ना राजम मल्होत्रा।
जन्म से ही थीं मेधावी छात्रा-
17 जुलाई 1927 को अन्ना का जन्म केरल के एक छोटे से गांव में हुआ था। वो मलयालम ऑथर पालियो पॉल की पोती थीं। अन्ना केलर की कोज़ीकोड डिस्ट्रिक्ट में पली-बढ़ीं और वो बचपन से ही बहुत होशियार थीं। उन्होंने प्रोविडेंस वुमन्स कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद अपनी बैचलर्स की डिग्री मालाबार क्रिश्चियन कॉलेज से की।
इसे जरूर पढ़ें- कॉलेज क्वीन से लेकर पहली महिला राष्ट्रपति बनने तक का सफर, जानिए प्रतिभा पाटिल के बारे में
IAS सर्विस ज्वाइन करने में हुईं दिक्कतें-
महिलाओं के लिए किसी भी फील्ड में शुरुआती दौर में काम करना काफी मुश्किल हो जाता है और ऐसा ही कुछ अन्ना राजम मल्होत्रा के साथ भी हुआ। उन्हें सर्विस ज्वाइन करने के लिए बोर्ड के मेंबर्स ने ही मना कर दिया था। उन्हें कहा जा रहा था कि फॉरेन सर्विस और सेंट्रल सर्विसेज में से कोई चुनें क्योंकि वो महिलाओं के लिए सूटेबल होता है। पर अन्ना को हमेशा से ही सिविल सर्विसेज ज्वाइन करनी थी।
1951 में ज्वाइन की सर्विसेज-
अन्ना ने 1951 बैच में सर्विसेज ज्वाइन की और वो राजीव गांधी और पूर्व गवर्नर सी.राजगोपालाचारी के साथ काम कर चुकी थीं। अपने काम को हमेशा सर्वोपरि रखा। 1982 एशियन गेम्स में उन्होंने राजीव गांधी के नेतृत्व में बहुत अहम भूमिका निभाई थी।
'शादी के समय कर दिया जाएगा निलंबित' : ऐसा था अपॉइंटमेंट लेटर-
1951 में जब उन्होंने अपनी सर्विस ज्वाइन की तो उनके अपॉइंटमेंट लेटर में लिखा था- 'आपकी शादी होने पर आपको टर्मिनेट किया जा सकता है।' ऐसा लेटर देखकर सभी परेशान हो सकते हैं, लेकिन अन्ना ने फिर भी अपना काम जी जान से किया। कुछ सालों में नियम बदल गया और उन्हें अपनी जॉब जारी रखने दी गई।
अन्ना ने अपने ही बैचमेट आर.एन.मल्होत्रा से शादी कर ली थी।
इसे जरूर पढ़ें- आजाद हिंदुस्तान की पहली महिला पायलट के बारे में कितना जानते हैं आप?
1989 में मिला था पद्म अवॉर्ड-
अपनी बेमिसाल सर्विसेज के लिए 1989 में उन्हें राष्ट्रपति से पद्म भूषण अवॉर्ड मिला था।
अन्ना के सामने कई सारी समस्याएं आईं और वो हमेशा ही मुश्किलों से आगे बढ़कर अपने हौसलों को बुलंद किया। 17 सितंबर 2018 को 91 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। अन्ना के बारे में ये जानकारी आपको कैसी लगी इसके बारे में हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों