herzindagi
image

स्नान करते समय शरीर के कौन से हिस्से में सबसे पहले पानी डालना चाहिए, जानें क्या कहता है शास्त्र

स्नान हमारे शरीर को शुद्धता प्रदान करने के साथ मानसिक शुद्धि भी प्रदान करता है। ऐसा माना जाता है कि स्नान करने के कुछ नियम हैं जिनका पालन जरूरी है। ऐसे ही शास्त्रों में कहा जाता है कि स्नान हमेशा शरीर के विशेष हिस्सों से शुरू करना चाहिए।
Editorial
Updated:- 2025-02-10, 10:11 IST

भारतीय संस्कृति और परंपराओं में स्नान को केवल शारीरिक स्वच्छता का माध्यम नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धि का एक कर्म भी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, स्नान न केवल शरीर की गंदगी को दूर करता है, बल्कि यह दिनचर्या की शुरुआत को सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक ताजगी प्रदान करता है। इन्हीं कारणों से पवित्रता और शुद्धता के इस कर्म को सही विधि और नियमों के साथ करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। शास्त्रों के अनुसार स्नान के दौरान शरीर के किस हिस्से में सबसे पहले पानी डालना चाहिए, इसका भी एक विशेष नियम है। ऐसा कहा जाता है कि यदि स्नान करते समय सही अंग में सबसे पहले पानी डाला जाता है तो स्नान का पूर्ण फल मिलता है और शरीर की शुद्धि भी होती है।

स्नान के समय सबसे पहले सिर, दाहिने भाग, बाएं भाग और पैरों में पानी डालने की एक विधि है, जिसका पालन करने से न केवल धार्मिक लाभ होता है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी सिद्ध होता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें स्नान करने के सही नियमों और शरीर के किस हिस्से में पानी डालना चाहिए इसके बारे में विस्तार से।

शास्त्रों के अनुसार स्नान का महत्व

significance of having bath

स्नान का अर्थ केवल शरीर की सफाई तक सीमित नहीं होता है बल्कि यह व्यक्ति को मानसिक और आत्मिक रूप से भी शुद्ध करता है। शास्त्रों के अनुसार, स्नान से न केवल शरीर की अशुद्धि दूर होती है, बल्कि यह दिन की शुरुआत के लिए ऊर्जा और सकारात्मकता प्रदान करता है। स्नान को दिनचर्या का एक अनिवार्य हिस्सा माना गया है और इसके लिए विशेष नियम और विधियां निर्धारित की गई हैं। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप स्न्नान के सभी नियमों का पालन करते हैं और उसी के अनुसार कार्य करते हैं तो इसके सही फल मिल सकते हैं।

धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों में स्नान को आत्मा की शुद्धि और ईश्वर की आराधना के लिए आवश्यक बताया गया है। इसी वजह से पूजा पाठ से पहले या मंदिर में दर्शन से पहले स्नान करना जरूरी बताया जाता है। गरुड़ पुराण और विष्णु स्मृति जैसे ग्रंथों में भी स्नान के नियमों का विस्तार से वर्णन किया गया है। इनमें बताया गया है कि स्नान करने से पहले व्यक्ति को अपने मन और शरीर को शुद्ध करने का संकल्प लेना चाहिए।

इसे जरूर पढ़ें: आखिर क्यों शास्त्रों में स्नान को लेकर कही गई है ये बात 

स्नान करते समय शरीर के किस हिस्से में सबसे पहले पानी डालना चाहिए?

शास्त्रों के अनुसार, स्नान करते समय सबसे पहले सिर पर पानी डालना अति महत्वपूर्ण माना गया है। सिर शरीर का सबसे ऊंचा और प्रमुख हिस्सा है, जिसे ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। स्नान की शुरुआत सिर से करने से शरीर की गर्मी संतुलित होती है और मन को शांति एवं शीतलता प्राप्त होती है।

आयुर्वेद के अनुसार, सिर पर पानी डालने से मस्तिष्क को ठंडक मिलती है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है और मन शांत रहता है। यह प्रक्रिया न केवल शरीर को तरोताजा करती है, बल्कि मानसिक संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होती है। सिर पर पानी डालने से रक्त संचार बेहतर होता है, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

सिर पर पानी डालने की यह परंपरा केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी दृष्टिकोण से भी उचित मानी गई है। यह पूरे स्नान को अधिक प्रभावी और लाभकारी बनाती है। इसलिए स्नान शुरू करते समय सिर पर पानी डालना सुनिश्चित करें, ताकि शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकें।

सिर के बाद शरीर के दाहिने भाग पर डालें पानी

how to bathe rules

ऐसा माना जाता है कि स्नान शुरू करने के बाद सबसे पहले सिर और उसके बाद शरीर के दाहिने हिस्से पर पानी डालना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, शरीर के दाहिने भाग को सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। शरीर के दाहिने हिस्से पर पानी डालने से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह संतुलित होता है और रक्त संचार बेहतर होता है। यही नहीं इससे शरीर में भरपूर ऊर्जा बनी रहती है और समस्त विकारों से मुक्ति मिल सकती है।

स्नान के समय दाहिने हिस्से के बाद बाएं हिस्से पर पानी डालना चाहिए। यह प्रक्रिया शरीर की ऊर्जा को समान रूप से वितरित करती है। इससे पूरे शरीर को शुद्ध करने में मदद मिलती है और व्यक्ति को ताजगी महसूस होती है।

स्नान के समय सबसे आखिरी में पैरों में पानी डालना चाहिए

bath rules as per astrology

स्नान करते समय सबसे अंत में पैरों पर पानी डालना चाहिए। यदि हम शास्त्रों की मानें तो ज्योतिष और स्वच्छता के दृष्टिकोण से यह प्रक्रिया महत्वपूर्ण मानी जाती है। पैरों को शरीर का सबसे निचला हिस्सा माना जाता है और स्नान का समापन इन्हें धोकर ही करने से शुद्धि का भाव पूर्ण होता है।

शास्त्रों के अनुसार, पैरों पर सबसे अंत में पानी डालने से शरीर से सारी अशुद्धियां पैरों से बाहर निकल जाती हैं। यह प्रक्रिया न केवल स्वच्छता का प्रतीक है, बल्कि यह संकेत देती है कि स्नान का क्रम शरीर के ऊपरी हिस्से से शुरू होकर निचले हिस्से तक पूरा होना चाहिए। पैरों को अंत में धोने से स्नान के दौरान शरीर से गिरी हुई गंदगी पूरी तरह से साफ हो जाती है। यह स्वच्छता बनाए रखने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।

यदि आप भी स्नान के समय नियमों का पालन करते हैं तो ध्यान रखें कि शरीर के ऊपरी हिस्से में पानी डालकर स्नान आरंभ करें। अगर आपका इससे जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Images:freepik.com 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।