Japan Divorce Temple History And Story in Hindi: दुनियाभर में कई ऐसी जगहें मौजूद हैं, जो अपने इतिहास के लिए जानी जाती हैं। कुछ जगहें तो बहुत ही अजीब भी मानी जाती हैं। ऐसे ही कुछ मंदिर हैं, जिनका इतिहास और नाम आपको सोचने पर मजबूर कर सकता है। दुनिया में एक ऐसा मंदिर है, जिसे तलाक मंदिर या डाइवोर्स टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का नाम मात्सुगाओका टोकेई-जी है। यह जापान का एक मंदिर है, जो अपने खास इतिहास के लिए जाना जाता है। आइए जानें, जापान के डाइवोर्स टेंपल के बारे में...
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अनोखा है तलाक मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का नाम सुनकर सभी को ऐसा लगता है कि शायद यहां लोगों को तलाक दिलवाया जाता होगा, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। असल में इसकी कहानी बहुत ही अलग है। इस मंदिर का इतिहास बहुत ही रोचक है। दरअसल, जापान में 12वीं और 13वीं शताब्दी के दौरान केवल पुरुषों को ही तलाक लेने का अधिकार था। उन दिनों पुरुष बहुत ही आसानी से अपनी पत्नी को तलाक दे देते थे। ऐसे में महिलाएं अचानक बेसहारा हो जाती थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस मंदिर ने अपने दरवाजे घरेलू हिंसा या दुर्व्यवहार का शिकार हो चुकी महिलाओं के लिए खोले।
700 साल पुराना है मंदिर का इतिहास
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लोगों का मनाना है कि इस मंदिर का इतिहास करीब 700 साल पुराना है। डाइवोर्स टेंपल जापान के कामाकुरा शहर में है। इस मंदिर को घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं का घर माना जाता है। ऐसी मान्यताएं हैं कि सदियों पहले जब पति अपनी पत्नियों को सताते थे, तब महिलाएं अपने अत्याचारी पतियों से बचने के लिए इस मंदिर में शरण लिया करती थीं।
मंदिर का निर्माण किसने करवाया?
तलाक मंदिर का निर्माण काकुसन नाम की नन ने करवाया था। नन ने इस मंदिर का निर्माण अपने पति होजो टोकिमुन के साथ मिलकर करवाया था। दरअसल, वह नन अपने पति से खुश नहीं थी और उसके पास तलाक लेने का भी रास्ता उस वक्त नहीं था। कामाकुरा युग के दौरान जापान के पुरुष पत्नी को बिना कोई कारण बताए ही शादी तोड़ सकते थे। ऐसे में इस मंदिर में महिलाएं अपने पति को तलाक देकर 3 साल तक आराम से रह सकती थी। कई सालों तक तो इस मंदिर में केवल महिलाओं को ही एंट्री दी जाती थी।
पुरुषों की थी नो एंट्री
साल 1902 तक इस मंदिर में मर्दों की एंट्री पर पूरी तरह से बैन लगा हुआ था। आगे चलकर एंगाकु-जी ने मंदिर पर कब्जा किया। इसके बाद, एक पुरुष मठाधीश नियुक्त किया गया। इससे धीरे-धीरे पुरुषों को भी मंदिर में आने की अनुमति मिल गई।
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Image Credit:Instagram/jagran
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