भारत में पैतृक संपत्ति का चलन पीढ़ियों से चलता चला आ रहा है। पैतृक संपत्तियां आमतौर पर दादा या परदादा के नाम पर होती हैं। कई बार ऐसा होता है कि उनकी प्रॉपर्टी के पुराने कागज समय के साथ इधर-उधर हो जाते हैं या कहीं गुम हो जाते हैं। ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत में एक पूरी कानूनी प्रक्रिया मौजूद है, जिसकी मदद से आप डुप्लिकेट प्रॉपर्टी पेपर्स बनवा सकते हैं और अपना मालिकाना हक साबित कर सकते हैं, इसके लिए आपको कुछ जरूरी शर्तों को पूरा करना होता है। अगर आपकी पैतृक संपत्ति है, तो आपको Legal Heir Certificate की भी जरूरत पड़ेगी, ताकि आप कानूनी तौर पर मालिक माने जाएं। हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले हैं कि दादा या परदादा की प्रॉपर्टी के पेपर्स गुम हो जाने पर वापस कैसे पाए जा सकते हैं।
अगर आपको पैतृक संपत्ति से संबंधित कोई भी पेपर हैं, तो वह इस बात का सबूत होता है कि यह जमीन या मकान आपका है। आमतौर पर प्रॉपर्टी पेपर्स संपत्ति बेचने या किसी को देने में, प्रॉपर्टी पर लोन लेने के लिए या जमीन विवाद के दौरान अपनी बात साबित करने में, प्रॉपर्टी टैक्स भरने में इस्तेमाल किए जाते हैं। इसलिए, अगर आपके दादा या परदादा के नाम पर कोई जमीन या मकान है और उसकी असली कागज खो गए हैं, तो आपको बिना देरी किए हुए डुप्लिकेट प्रॉपर्टी पेपर्स के लिए अप्लाई कर देना चाहिए।
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सबसे पहले आपको नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर एक FIR दर्ज करानी होगी, जिसे आपको बताना होगा कि कहां और कैसे प्रॉपर्टी के पेपर्स खो गए। जिस प्रॉपर्टी के पेपर्स गुम हुए हैं, उसका पूरा पता और जानकारी देनी होगी। आपको FIR दर्ज करवानी होगी और एक कॉपी साथ लेकर आनी होगी। अगर पुलिस को पुराने डॉक्यूमेंट्स नहीं मिलते हैं, तो पुलिस नॉन-ट्रेसेबल सर्टिफिकेट देती है।
अगर आपकी पैतृक संपत्ति के कागजात खो गए हैं, तो आपको न्यूजपेपर में इसकी जानकारी देनी होगी। आपको विज्ञापन इंग्लिश न्यूजपेपर और रीजनल भाषा वाले अखबार में छपवाना होगा। आपको लिखवाना होगा कि कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स खोए हैं। आपका नाम और मोबाइल नंबर भी लिखवाना होगा। आपको अनुरोध करते हुए लिखवाना होगा कि अगर किसी को डॉक्यूमेंट्स मिलते हैं, तो वह आपसे कॉन्टैक्ट कर सकता है। आपको डुप्लिकेट प्रॉपर्टी के पेपर्स को अप्लाई करते समय इसकी जरूरत पड़ेगी।
भारत में डुप्लिकेट प्रॉपर्टी पेपर्स बनवाने के लिए आपको राज्य सरकार के राजस्व विभाग और सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाना होता है। सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में सेल डीड और Encumbrance Certificate जैसे दस्तावेज रजिस्टर्ड होते हैं। अगर आपकी प्रॉपर्टी का कभी रजिस्ट्रेशन हुआ होगा, तो आपको यहां से उसकी सर्टिफाइड कॉपी मिल सकती है।
डुप्लिकेट प्रॉपर्टी पेपर्स पाने के लिए आपको मामूली सरकारी फीस देनी होती है। दरअसल यह कॉपी पूरी तरह से कानूनी रूप से वैलिड होती है और आप इसे कोर्ट में पेश कर सकते हैं।
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