पिछले कुछ सालों में YouTube कमाई का एक अच्छा साधन बन गया है। पहले यह केवल एक वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म हुआ करता था, लेकिन समय के साथ आज यह कॉन्टेंट क्रिएशन का एक बड़ा मंच बन चुका है, जहां लोग हर दिन व्लॉगिंग और कॉन्टेंट क्रिएशन करके अच्छे पैसे कमा रहे हैं। लेकिन, कई लोग यह बात नहीं जानते हैं कि यूट्यूब से होने वाली कमाई आयकर अधिनियम 1961 के तहत टैक्स योग्य है या नहीं। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं YouTube से होने वाली आय पर लागू टैक्स के बारे में-
आमतौर पर आपके चैनल पर दिखाए गए विज्ञापनों से होने वाली इनकम, अगर कोई यूट्यूबर अपने कॉन्टेंट से प्रोडक्ट को बेचता है या फ्रीलांस करता है, आपके वीडियो व्यूज, कमेंट्स और लाइक्स के आधार पर इनकम और वीडियो के जरिए कंसल्टिंग सर्विसेज देने से होने वाली इनकम को यूट्यूब इनकम के प्रकार के रूप में देखा जाता है।
अगर आप यूट्यूब पर कॉन्टेंट क्रिएट करते हैं और उससे आपको इनकम होती है, तो उस पर इनकम टैक्स का प्रभाव पड़ता है। यह इनकम आय के अन्य स्त्रोतों या बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम के तहत कैटगराइज्ड की जा सकती है, लेकिन अधिकतर मामलों में इसे प्रोफेशनल इनकम माना जाता है। अगर आप एक फुल टाइम कॉन्टेंट क्रिएटर या यूट्यूबर हैं और आपकी इनकम का मुख्य सोर्स यूट्यूब है, तो इसे प्रोफेशनल इनकम माना जाएगा। इस सिचुएशन में आपकी इनकम पर बिजनेस के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा। अगर आपकी यूट्यूब इनकम दूसरी अन्य इनकम से ज्यादा है, तो इसे प्रोफेशनल इनकम माना जाएगा और उस पर बिजनेस के टैक्स रेट्स के हिसाब से टैक्स लगेगा। लेकिन, अगर यूट्यूब आपकी मेन इनकम का सोर्स नहीं है, तो इसे इनकम के अन्य सोर्स के रूप में देखा जाएगा।
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वैसे तो यूट्यूब से होने वाली इनकम पर कोई अलग से तय की गई टैक्स दर नहीं होती है। यूट्यूब इनकम पर वही इनकम टैक्स स्लैब रेट्स लागू होते हैं, जो भारत में बाकी इनकम पर लगते हैं। चाहे आपकी कमाई को बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम माना जाए या अन्य सोर्स ऑफ इनकम। टैक्स की गिनती आपकी सालाना इनकम के हिसाब से ही होगी।
उदाहरण के तौर पर, आपकी सालाना इनकम 2.5 लाख रुपये से कम है, तो आपको टैक्स नहीं देना होगा। अगर आपकी इनकम 2.5 लाख से 5 लाख रुपये हैं तो 5 फीसदी टैक्स लगेगा और ऐसी ही आगे बढ़ते स्लैब लागू होते रहेंगे।
यूट्यूब पर वीडियो बनाकर या ब्रांड प्रमोशन करके अगर आपकी कमाई होती है, तो आपको हर साल ITR फाइल करना चाहिए। भले ही आपकी कमाई बहुत कम ही हो।
अगर आपको किसी ब्रांड से 20 हजार या उससे ज्यादा के गिफ्ट, पैसे या कोई अन्य लाभ मिलते हैं, तो उस पर TDS कट सकता है। ब्रांड आपको पेमेंट करने से पहले टैक्स काटकर सरकार को देगा और बाद में आप ITR में इसका क्लेम कर सकते हैं।
अगर आप यूट्यूब से एड रेवेन्यू, ब्रांड डील्स या प्रमोशन से पैसे कमा रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप ITR फाइल करें। यूट्यूब की कमाई दो चीजों पर निर्भर करती है, पहला इनकम टैक्स और दूसरा GST।
जी हां, यूट्यूब की कमाई सालाना 20 लाख रुपये से ज्यादा है, तो आपको GST रजिस्ट्रेशन लेना होगा। यूट्यूब एड रेवेन्यू और ब्रांड डील जैसी कमाई को सर्विस माना जाता है। इस पर 18 फीसदी GST लगता है। आपको हर महीने या तिमाही में GST रिटर्न भी फाइल करना होगा।
अगर यूट्यूबर एक बच्चा है, तो उसकी कमाई को पैरेंट्स की इनकम में जोड़ा जाएगा। लेकिन, अगर बच्चा खुद मेहनत और स्किल के जरिए वीडियो बना रहा है, कॉन्टैंट क्रिएट कर रहा है, तो वह इनकम केवल बच्चे के नाम पर टैक्स की जाएगी। इसे पैरेंट्स की इनकम में नहीं जोड़ा जाएगा।
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Image Credit- freepik, jagran
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