(Sheetala ashtami puja at home vidhi and samagri)हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाने की परंपरा है। इसे बसौड़ा अष्टमी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां शीतला की विधिवत पूजा करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि अगर जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है, उसे सभी रोगों से मुक्ति मिल सकती है और लंबी आयु का वरदान भी मिलता है। अब ऐसे में शीतला अष्टमी के दिन किस विधि से पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है और पूजन विधि क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त (Sheetala Ashtami Shubh Muhurat 2024)
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 1 अप्रैल रात 09 बजकर 09 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 2 अप्रैल को रात 08 बजकर 08 मिनट पर होगा।
शीतला अष्टमी पूजन सामग्री क्या है? (Sheetala Ashtami Pujan Samagri 2024)
शीतला अष्टमी के दिन विधिवत पूजा करने से पहले पूजन सामग्री के बारे में विस्तार से पढ़ें।
जल भरा कलश, ठंडा दूध, दही, रोली, कुमकुम, अक्षत, फूल, आटे का दीपक, घी, मौली, मेहंदी, हल्दी, वस्त्र, दक्षिणा, होली के बड़कुले, जल से भरा कलश, घी, आटे का दीपक, व्रत कथा की पुस्तक प्रसाद, राबड़ी, मीठा भात, बाजरे की रोटी, शक्कर पारे, पूड़ी, खाजा, कंडवारे, चने की दाल, चूरमा, नमक पारे, बेसन चक्की, पुए, पकौड़ी आदि। इन सामग्री से एक दिन पहले भोजन बना लें।
शीतला अष्टमी के दिन इस विधि से करें पूजा (Sheetala Ashtami Puja Vidhi 2024)
- अष्टमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद शीतला मां के मंदिर में जल अर्पित करें।
- रोली, मेहंद, हल्दी, अक्षत, कलावा अर्पित करें। इस दौरान मंत्र अवश्य बोले - वन्देहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बराम। मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालड्कृतमस्तकाम।।
- आटे के दीपक में घी और रुई की बाती लगाकर मां की प्रतिमा के सामने रख दें।
- बासी हलवा, पूड़ी, बाजरे की रोटी, पुए, राबड़ी, आदि का भोग लगाएं।
- इस दिन शीतलाष्टक स्तोत्र का पाठ करें। साथ ही व्रती कथा सुनें।
- जहां होलिका दहन हुआ था, वहां पूजा करें और पूजन सामग्री अर्पित करें।
शीतला अष्टमी के दिन क्या करें और क्या न करें? (Sheetala Ashtami Dos And Donts)
शीतला अष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और व्रत संकल्प लें और माता की विधिवत पूजा करें। इसके अलावा इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें और गहरे रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। शीतला अष्टमी के दिन सिलाई नहीं करनी चाहिए।
शीतला माता की पूजा घर में कैसे करें? (Sheetala Mata ki Puja Ghar par Kaise Kare)
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर व्रत संकल्प लें और पूजा-पाठ करें।
- पूजा की थाली में दही, पुआ, रोटी, बाजरा, सप्तमी को बने मीठे चावल, नमक पारे और मठरी रखें।
- पूजा की दूसरी थाली में आटे से बना दीपक, रोली, वस्त्र, अक्षत, हल्दी, मोली, होली वाली बड़कुले की माला, सिक्के और मेहंदी रखें।
- दोनों पूजा थालियों के साथ में ठंडे पानी का कलश भी रख दें।
- अब शीतला माता की पूजा विधिवत रूप से करें।
इसे जरूर पढ़ें - Sheetala Ashtami 2024 Vrat Katha: शीतला अष्टमी के व्रत में पढ़ें ये कथा, होगी हर मनोकामना पूरी
शीतला माता किसकी कुलदेवी है?
शीतला माता क्षत्रिय जाति (कुम्हार, गुर्जर, जाट, यादव,राजपूत, आदि) की कुल देवी हैं। इन्हें मां पार्वती का अवतार माना जाता है।
इसे जरूर पढ़ें - भगवान को भोग लगाते वक्त घंटी क्यों और कितनी बार बजाते हैं?
शीतला अष्टमी के दिन मंत्र जाप (Sheetala Ashtami Puja Mantras)
- शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।
- शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।
शीतला अष्टमी के दिन पूजन सामग्री खरीदें और शीतला माता की विधिवत पूजा-पाठ करें। इसके अलावा अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें
Image Credit- Herzindagi.in
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों