इस वर्ष परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 03 सितंबर, बुधवार के दिन मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में किसी भी एकादशी तिथि का विशेष महत्व है और यह तिथि भगवान विष्णु की आराधना के लिए उच्च मानी जाती है। परिवर्तिनी एकादशी को पद्मा या जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग की शय्या पर करवट बदलते हैं और इसी कारण इसे परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत-पूजन करने से न केवल पापों का नाश होता है बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से यहां जानते हैं इस पावन दिन की पूजा विधि, सामग्री और मंत्रों के बारे में।
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आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से परिवर्तिनी एकादशी की पूजा विधि, मंत्र और संपूर्ण सामग्री की सूची के बारे में जान सकते हैं।
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