बॉलीवुड में 25 साल से एक्टिव दिव्या दत्ता लगभग हर तरह के किरदारों में नजर आईं हैं। दिव्या ने अपने अब तक के करियर में कई यादगार किरदार निभाए हैं। दिव्या को अपनी शानदार एक्टिंग के लिए अब तक कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। 25 सितंबर 1977 को लुधियाना में जन्मीं दिव्या को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। उन्होंने हिंदी और पंजाबी, दोनों तरह की फिल्मों में अपनी एक्टिंग के लिए सराहना पाई है। आज उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनके बारे में 11 ऐसी दिलचस्प बातें, जिनके बारे में शायद आप ना सुना हों।
7 साल की उम्र में ही गुजर गए पापा
दिव्या जब बहुत छोटी थीं, तभी उनके पापा चल बसे। मां ने अकेले उनका पालन पोषण किया। दिव्या दत्ता की मां डॉ. नलिनी दत्ता एक सरकारी अधिकारी थीं और उन्होंने सिंगल मदर रहते हुए दिव्या और उनके भाई की परवरिश की। शायद यही कारण था कि दिव्या अपने मां के काफी करीब रहीं। दिव्या ने अपनी मां के साथ स्पेशल रिलेशनशिप को अपनी किताब ‘मी एंड मां’ में भी जाहिर किया है। दिव्या कहती हैं कि- ‘उनकी मॉम ने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया और उनके आशीर्वाद से ही उन्होंने यह मुकाम हासिल किया।’ दिव्या को जब फ़िल्म ‘इरादा’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला तो उन्होंने इसे अपनी मां को ही समर्पित कर दिया।
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आज भी संभाल कर रखा है कमाई का पहला चेक
अपने जीवन की पहली कमाई हर इंसान के लिए बहुत खास होती है। दिव्या दत्ता जब स्कूल जाती थीं, उन्हीं दिनों वह एक टीवी शो में शामिल हुई थीं। इसके लिए उन्हें 175 रुपये का चेक मिला था। दिव्या ने यह चेक अपनी मां को दे दिया था और उनकी मां ने इस चेक को संभाल कर रखा। दिव्या के लिए पहली कमाई का यह चेक बहुत स्पेशल था।
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1984 के दंगे की कड़वी यादें
जब पंजाब में 1984 के दंगे भड़के तब दिव्या छोटी थीं। इस दौरान दिव्या को अपने घर के आसपास हिंसा का माहौल देखकर काफी डर लगता था। दिव्या ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि कई बार दिव्या डरकर अपनी मां के साए में छिप जाती थीं और अपने सुरक्षित रहने की दुआ मांगती थीं।
एक्टिंग से पहले मॉडलिंग भी की
दिव्या दत्ता शुरू से ही प्रतिभावान और मुखर थीं। उन्होंने एक्टिंग के लिए मुंबई रवाना होने से पहले पंजाब के रीजनल टीवी कमर्शियल्स के लिए मॉडलिंग भी की थी।
चैलेंजिंग किरदारों के लिए बनाई पहचान
दिव्या दत्ता ने अपने लिए रोल्स का चुना हमेशा ही बहुत संजीदा तरीके से किया। सौ से ज्यादा फ़िल्मों में अलग-अलग तरह की भूमिका निभाने वाली दिव्या दत्ता हमेशा अपने किरदारों में कुछ नया और चैलेंजिंग करने की इच्छा मन में रखती थीं। दिव्या दत्ता ने दैनिक जागरण को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'मैं हर तरह के दर्शकों के लिए काम करना चाहती हूं, चाहे वे युवा हों या बच्चे या फिर बुजुर्ग।’ जब दिव्या महज 17 साल की थीं, जब उन्होंने इश्क में जीना, इश्क में मरना फिल्म से अपने बॉलीवुड के सफर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्हें बड़ा ब्रेक फिल्म वीरगति में मिला था, जिसमें उन्होंने सलमान खान की बहन संध्या का किरदार निभाया था।
पंजाबी फिल्में का भी जाना-माना चेहरा बनीं
दिव्या दत्ता ने पंजाबी हैं, लेकिन उन्होंने हिंदी फिल्मों के काफी बाद पंजाबी में पहली फिल्म की। दिव्या ने शहीद-ए-मुहब्बत बूटा सिंह में जैनाब का किरदार निभाया था और उनकी इस परफॉर्मेंस की काफी तारीफ भी हुई थी।
कसूर में लीजा रे के किरदार को दी आवाज
लीजा रे की फिल्म 'कसूर' अपने समय में काफी ज्यादा चर्चित रही थी। इस फिल्म में लीजा रे और आफताब शिवदासानी की रोमांटिक कैमिस्ट्री को काफी ज्यादा पसंद किया गया था और इस फिल्म के सारे गाने भी हिट रहे थे। लेकिन शायद आपको इस बात की जानकारी ना हो कि बेहद खूबसूरत लीजा रे को उस समय हिंदी बोलने में परेशानी होती थी, इसीलिए उस समय में उनके लिए हिंदी डबिंग दिव्या दत्ता ने की थी।
टीवी का लोकप्रिय चेहरा बनीं
दिव्या दत्ता दूरदर्शन के समय से ही टीवी के कई पॉपुलर शोज का हिस्सा बन गईं। शन्नो की शादी, कदम और संविधान में उन्होंने ऐसे किरदार निभाए जो आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं।
कई विज्ञापनों में किया काम
दिव्या ने आशीर्वाद, डाबर, आईसीआईसीआई बैंक, लेहर, सन फीस्ट और वासमोल जैसे कई बड़े ब्रांड्स के लिए विज्ञापन किए। अगर ये कहा जाए कि दिव्या अपने हर फन में माहिर थीं, तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा।
Image Courtesy: Instagram(@ Divya Dutta)
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