भारत की एक कामयाब सुपरमॉडल, बॉलीवुड एक्ट्रेस, कैंसर सर्वाइवर और दो प्यारे से बच्चों की मां लीजा रे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जंग जीतने के बाद राइटर के नए अवतार में लोगों के सामने आई थीं। कैंसर सर्वाइवर लीजा रे ने अपनी किताब Close To The Bone के जरिए अपनी जिंदगी के मुश्किल लम्हों और ऐसे शेड्स को अपने पाठकों के साथ साझा करने की कोशिश की, जिनसे वह कहीं गहरी प्रभावित हुई हैं। लीजा रे को उम्मीद है कि अपनी लाइफ जर्नी को दुनिया के साथ साझा करने से वह और भी ज्यादा स्ट्रॉन्ग फील करेंगी, साथ ही कैंसर से जंग लड़ रहे दूसरे लोगों को भी जिंदादिली से जीने के लिए इंस्पायर करेंगी। लीजा रे ने अपनी इस किताब के बारे में कहा है, 'क्लोज टू द बोन'' संस्मरण नहीं है, बल्कि मेरे लेखन की शुरुआत है। इसमें सालों लग गए और यह प्रयास करना सही रहा। जब मैंने यह किताब लिखनी शुरू की तब मुझे महसूस हुआ कि मेरी बीमारी मेरी बाकी जिंदगी से अलग-थलग नहीं है।'
सेलेब्स की जिंदगी दूर से दूर से पूरी तरह खुशनुमा और आसान नजर आती है, लेकिन करीब से देखने पर पता चलता है कि उन्हें भी अपने हिस्से के संघर्ष झेलने ही पड़ते हैं। अपनी लाइफ के ऐसे ही बेहद नाजुक लम्हों का लीजा रे ने अपनी इस किताब में जिक्र किया है। इस किताब से दिल को छू लेने वाली कुछ पंक्तियां लीजा ने अपने इंस्टाग्राम पर भी साझा की हैं। इनमें कुछ जिंदगी के कड़वे सच बयां करती हैं, तो कुछ हमेशा पॉजिटिव बने रहकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। लीजा रे की किताब की ऐसी चंद पंक्तियों और उनकी जिंदगी के स्पेशल मोमेंट्स के बारे में जानते हैं।
'मैं बुरी तरह टूट गई थी। यह उस लंबे इमोशनल हाइबरनेशन (एकांत में लंबा समय बिताना) की शुरुआत थी और इस विश्वास का अंत भी कि मेरी लाइफ में कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी।'
लीजा रे, एक्टर, मॉडल, क्लोज टू द बोन किताब की लेखिका
ये वो लम्हा था जब लीजा रे जब अपनी टीनेज में थीं और उन्हें पता चला था कि कार एक्सीडेंट में उनकी मां को गंभीर चोटें आई हैं। यह लीजा अभी फैशन इंडस्ट्री ने खोजी नहीं थी। कुछ समय बाद ही मौरीन वाडिया ने लीजा रे को लॉन्च किया था और मुंबई की सेलेब्रिटी दुनिया से रूबरू कराया था। ये ऐसी दुनिया थी, जिसे लीजा रे ने अंदर और बाहर दोनों तरह से देखा और वह बारीकियों पर गौर फरमाने वाली ऑब्जर्वर बन गईं।
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'बॉम्बे की माइथोलॉजी में कोई संत नहीं है, कोई विलेन नहीं है, सिर्फ परिस्थितियां हैं और नीरस हो चुके रिश्ते हैं, जो स्वार्थ पर टिके हुए हैं। मैं धीमी आवाज में अफवाहें सुनती रही। ट्रोलिंग होने से पहले ऐसी ही आवाजें थीं। ऐसे शब्द, जो भीतर तक चीर कर रख देते हैं। मुझे पता नहीं था कि यह नाखुश अमीरों की आदत होती है।'
लीजा ने अपने इंटरव्यूज में कहा है, 'ऐसा कोई कॉन्ट्रेक्ट साइन नहीं किया जा सकता, जिससे जिंदगी की गारंटी मिल जाए, जिससे आपके पूरी तरह से सुरक्षित रहने का भरोसा मिल जाए, लेकिन जिंदगी का कोई भी तजुर्बा कभी बर्बाद नहीं जाता।'
साथ ही लीजा ने लिखा, 'यह ईमानदारी से उस नकाब को हटाने की कोशिश है, जिसके पीछे हम सब छिपे होते हैं। यह सच्चाई और प्रेम को जानने का जरिया है। यह बायोग्राफी न होकर मेरी पहली किताब है। इसमें कई साल लगे हैं और यह प्रयासों का सार्थक परिणाम है। जब मैंने इस किताब को लिखना शुरू किया, मैंने महसूस किया कि मेरी बीमारी मेरी बाकी की जिंदगी से अलग नहीं है। जिंदगी और इसके तजुर्बों ने मुझे कई सबक सिखाए हैं और आज मेरे पास उन सभी चीजों को समझने की क्षमता है, जिनमें गहरा अर्थ छुपा है और सच्चाई को तलाशने की कोशिश होती है।'
लीजा रे ने अपनी इस किताब के बारे में कहा है, 'जिंदगी के चौथे दशक में किताब लिखने से मुझे ये फायदा हुआ है कि विपरीत परिस्थितियों में रहने के बाद मैं ज्यादा खूबसूरत और अपनी शर्तों पर सबसे अच्छी जिंदगी जी रही हूं।'
लीजा रे ने एक महिला होने की जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए अपना दर्द बयां कर दूसरी महिलाओं की आवाज बनने की कोशिश की है। उनका कहना था, 'एक महिला होने के नाते अपनी कहानी कहने और अपनी आवाज उठाने की यह मेरी कोशिश है। यह उन जख्मों और दर्द से जुड़ने का एक जरिया है, जो हमें इंसान बनाते हैं। इसमें कॉमेडी है, शॉक है और सेलिब्रेशन है...जैसे कि जिंदगी होती है।'
लीजा इससे पहले 2009 में 'दी येलो डायरीज' नाम से कैंसर से जुड़ी अपनी दर्द भरी कहानियों को ब्लॉग के जरिये लोगों के सामने पेश कर चुकी हैं। कैंसर अवेयरनेस को लेकर भी वह काफी सक्रिय रही हैं। लीजा ने महज 16 साल की उम्र में ग्लैडरैग्स के कवर पर जगह बना करियर की शुरुआत की थी। लीजा रे पाकिस्तान के लीजेंडरी सिंगर नुसरत फतेह अली खान के बेहद पॉपुलर गाने ‘आफरीं आफरीं’ के वीडियो में भी नजर आई थीं। इसके अलावा उन्होंने ऑस्कर विनिंग फिल्म 'वाटर' में भी काम किया था। हाल ही में लीजा वेब सिरीज ‘फोर मोर शॉट्स प्लीज’ में भी नजर आई थीं।
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